सोलन नगर परिषद को नगर निगम बनाने की सुगबुगाहट से जहाँ एक और शहरवासी खुश नज़र आ रहे है वहीँ गाँववासी बेहद चिंतित दिख रहे हैं | कुछ पंचायतों ने तो इसका विरोध भी आरम्भ कर दिया है |
आंजी ,सलोगड़ा और सेरी पंचायत के प्रधानों ने मिल कर उपायुक्त सोलन के सी चमन को इस बारे में ज्ञापन भी सौंपा है और कहा है कि बेशक सोलन शहर की नगर परिषद को नगर निगम बना दिया जाए लेकिन आस पास के गाँवों को उनमें शामिल न किया जाए | उन्होंने कहा कि नगर निगम को उनपर जबरदस्ती थोपा जा रहा है | जिसका सीधा असर सोलन के किसानों के हितों पर पड़ेगा |
रोष प्रकट करते हुए आंजी ,सलोगड़ा और सेरी पंचायत के प्रधानों ने कहा कि सोलन को नगर निगम बनाने की बात की जा रही है इस से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन गांव वासियों से इस बारे में कोई भी राय नहीं ली गई है | उन्होंने कहा कि आज के समय में पंचायतें इतनी सक्षम है कि वह नगर परिषद से भी अधिक विकास पंचायतों में करवा रही है |
नगर परिषद शहर वासियों को पानी तीसरे दिन दे रही है गाँवों में यह सुविधा रोज़ मिल रही है | साफ़ सफाई और सड़क व्यवस्था भी शहर के मुकाबले बेहद बेहतर है | इस लिए उन्हें अगर नगर निगम में शामिल किया जाता है तो उन्हें लाभ की बजाए हानि उठानी पड़ेगी क्योंकि उन्हें मनरेगा जैसी कई योजनाओं से वंचित होना पड़ेगा |
कई तरह के टैक्स उन पर लगा दिए जाएंगे | पानी बिजली बेहद महंगी हो जाएँगी | इस लिए वह नगर निगम का विरोध करते है और किसी भी हालत में वह किसानों को शोषण का शिकार नहीं होने देंगे |