Weeping women said, "We are being used as a vote bank."

रोते बिलखते हुए महिलाओं ने कहा वोट बैंक की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं हम 

सोलन के कुछ क्षेत्र ऐसे भी है जहाँ मतदाताओं को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल तो किया जाता है | लेकिन जीतने के बाद  वह कितने दुखी है इस  और ध्यान तक नहीं दिया जाता | जिसके चलते उनका विश्वास लोकतंत्र से उठता ही जा रहा है | ऐसे ही कुछ मतदाताओं से वार्ड 17 में   हम मिले और उनकी व्यथा जानी | 

यह ज़्यादा तर  साधारण कामकाजी महिलाऐं थी  | जिनकी की समस्याएं  सुन कर किसी का भी दिल पसीज सकता है | लेकिन यहाँ के पार्षदों ने चुनाव लड़ने के बाद उनकी कोई सुध तक नहीं ली |  जिसके कारण उनकी स्थिति बद  से बद्द्तर होती जा रही है | 

महिलाओं ने रोते हुए अपने दिल का हाल मीडिया के समक्ष रखा और बताया कि वह बेहद दुखी है घर में  पति को अधरंग हो गया था बेटी बिमार थी घर चलाने के लिए पैसे नहीं थे ऊपर से कोरोना की मार पड़ी | सरकार से सहयोग की उम्मीद थे वह नहीं मिली |

वार्ड पार्षदों ने बीपीएल सर्टिफिकेट तक बनाने में सहयोग नहीं किया | वहीँ एक अन्य महिला ने बताया कि वह घर में अकेली है और वृद्ध होने के साथ साथ बीमार भी है | बेटे की भी मृत्यु हो चुकी है अब कोई सहारा नहीं है |

उन्हें भी सरकार से कोई राहत नहीं मिल रही है | खाने के भी लाले पड़े है | पार्षद उन्हें भी बीपीएल सूची में शामिल करने में असफल रहा | उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि वोट मांगने तो उनके पास सभी आते है और उनकी समस्याओ को हल करने का वायदा भी करते है लेकिन चुनावों के बाद उनकी कोई सुध नहीं लेते है | 

उन्होंने कहा कि जो आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों को बीपीएल सूची में डाला गया है लेकिन जो वास्तव में हकदार है वह  सूची में नहीं है |