अफ्रीका में कई ऐसी जनजातियां हैं, जिनसे जुड़ी परंपराएं लोगों को हैरान कर देती हैं. इनमें से किसी ट्राइब में मर्दानगी साबित करने के लिए सबसे जहरीली चींटी से कटवाया जाता है तो कहीं पर परपंरा के नाम पर उंगलियां काट दी जाती हैं. ऐसी ही एक खतरनाक परंपरा हैमर ट्राइब (Hamer Tribe) के लोगों के बीच निभाई जाती है, जिसे उकुली तुला कहा जाता है. इसके तहत जिन लड़कों को लगता है कि वो शादी करने लायक हो गए हैं, उन्हें इसका सबूत देना पड़ता है. चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें शामिल होने वाली महिलाओं को भी उनकी मर्जी से कोड़ों से पीटा जाता है.
दरअसल, बुल जंपिंग फेस्टिवल उकुली तुला इस जनजाति से जुड़े लोगों के लिए पवित्र परंपरा है. इसकी शुरुआत महिलाओं के नृत्य से होती है. इसमें 15 गायों या बैलों को एक साथ खड़ा कर दिया जाता है. जो भी लड़का खुद को शादी लायक समझता है, उसे इन जानवरों के ऊपर से कूदते हुए पार करना होता है. अगर कोई लड़का इन जानवरों को पार करने में असफल हो जाता है, तो वहां मौजूद महिलाएं उसकी पिटाई करती हैं. इतना ही नहीं, लड़के के घर की महिलाओं को भी खून निकलने तक पीटा जाता है. हालांकि, जो लड़का इन जानवरों को कूदते हुए पार कर जाता है, उसकी शादी मनपसंद लड़की से करा दी जाती है.
मार खाने के लिए गिड़गिड़ाती हैं महिलाएं
शादी के लिए जिन लड़कियों को बुलाया जाता है, उन लड़कियों को पीटने के लिए ‘माजा’ नाम का एक समूह आता है, जो पंख, हार और कंगन के साथ अपने शरीर को सजा कर रखते हैं. वे समारोह में मौजूद सभी लड़कियों और महिलाओं को छड़ी और कोड़ों से पीटते हैं. इन सबके बीच अगर कोई लड़की या महिला पिटाई से बच जाती है तो वह खुद सामने आकर कोड़े से खुद को पीटने के लिए गिड़गिड़ाती है, भीख मांगती है. इस दौरान ज्यादा पिटाई की वजह से दर्द से कराहने या भागने की अनुमति भी नहीं होती है. ऐसा माना जाता है कि कोड़े से पिटाई खाने से महिलाओं और पुरुषों में प्यार बढ़ता है. इतना ही नहीं, जो महिला सबसे ज्यादा मार बर्दाश्त करती है, उसकी शादी सबसे नौजवान शख्स के साथ करा दी जाती है. विधवा महिलाएं भी इस परंपरा में हिस्सा लेकर अपने लिए नया जीवन साथी तलाशती हैं.
शादी के बाद भी होती है पिटाई
इस जनजाति में महिलाओं को न सिर्फ शादी के दौरान परंपरा के नाम पर पीटा जाता है, बल्कि उनके साथ ये दरिंदगी सालों-साल चलती है. हालांकि, दो बच्चे होने के बाद उन्हें इससे राहत मिलती है. ट्राइब के नियमों के मुताबिक, पुरुषों को पिटाई की वजह भी बताने की आवश्यकता नहीं होती है. वे जब चाहें, तब तक महिलाओं को पीट सकते हैं. महिलाओं के पीठ पर पिटाई बने दाग को सौन्दर्य के रुप में गर्व से दिखाते हैं. इन तमाम कारणों से हैमर ट्राइब की महिलाएं बहुत मजबूत होती हैं. एक शादी होने के बावजूद इस जनजाति के मर्द दूसरा ब्याह भी कर सकते हैं.