Welcome to Odisha: ये क्रिकेट नहीं, हॉकी का मैदान है, हॉकी World Cup देखने के लिए उमड़ रही है फैन्स की भीड़

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FIH पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 (FIH Hockey Men’s World Cup 2023) भारत के ओडिशा में राउरकेला और भुवनेश्वर में खेला जा रहा है. दुनिया की शीर्ष 16 टीमें इस टूर्नामेंट में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने के इरादे से भारत आई हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रही हैं. इसी क्रम में 13 जनवरी, 2023 को बिरसा मुंडा हॉकी राउरकेला स्टेडियम में भारत और स्पेन के बीच खेला गया मैच ऐतिहासिक बन गया.

यह सिर्फ़ हॉकी का मैच नहीं था जहां भारत और स्पेन जीतने की कोशिश कर रहे थे. यह हॉकी फैन्स के लिए एक उत्सव जैसा था. दर्शकों ने यह मैच देखने के लिए पहले से ही टिकट बुक कर लिए थे. स्टेडियम में एंट्री के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी गईं. भारतीय ध्वज थामे लोगों ने ‘जीतेगा भाई जीतेगा, भारत जीतेगा’ के नारे लगाए. युवाओं ने सीटियां बचाईं, डांस किया. पूरा स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा दिखाई दिया.

‘ये क्रिकेट नहीं, हॉकी का मैदान है’

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हॉकी स्टेडियम की तस्वीरें जब बाहर आईं तो फैन्स ने गर्व से कहा, ‘ये क्रिकेट नहीं, हॉकी का मैदान है’. शायद, खेल प्रेमी यह कहकर दुनिया को संदेश देना चाहते थे कि भारत में सिर्फ क्रिकेट के फैन्स नहीं रहते. भारत में हर खेल को चाहने वाले रहते हैं. बस, उन्हें आनंद लेना का मौका चाहिए होता है, जोकि उन्हें फिलहाल FIH पुरुष हॉकी विश्व कप 2023 के रूप में ओडिशा के राउरकेला, और भुवनेश्वर में मिल रहा है.

भारत में ओडिशा को हॉकी का गढ़ माना जाता है. इस राज्य ने देश को कई शानदार खिलाड़ी दिए. दिलीप टर्की और इग्नेस जैसे दिग्गज हॉकी प्लेयर इसी राज्य से निकले थे. मौजूदा भारतीय हॉकी टीम में भी बीरेंद्र लाकड़ा, अमित रोहिदास और नीलम संजीप सेस जैसे स्टार खिलाड़ी खेल रहे हैं. वैसे ओडिशा ने भारतीय हॉकी के लिए जो कुछ किया, और दिया वो इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा और याद रखा जाएगा.

हॉकी विश्व कप 2023 के लिए Odisha में स्वागत है

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बता दें, भारत में ओडिशा सरकार देश की पहली ऐसी राज्य सरकार है, जिसने किसी राष्ट्रीय टीम को प्रायोजित करने का काम किया. शुरुआत 2018 से हुई, जब लगभग सभी खेलों में भारतीय टीम के प्रायोजक रहा सहारा ग्रुप डूब रहा था. इसके मालिक सुब्रत राय को जेल हो चुकी थी. एक के बाद एक सहारा सभी खेलों के स्पॉन्सरशिप छोड़ रहा था. हॉकी से भी सहारा के हटने के बाद टीम को नए सहारे की जरूरत थी.

भारतीय टीम के सामने हॉकी वर्ल्ड कप, और एशियन गेम्स जैसे बड़े टूर्नामेंट थे. तब भारत के पूर्वी राज्य ओडिशा ने भारतीय नेशनल हॉकी टीम को सहारा दिया. राज्य सरकार ने खुद भारतीय टीम को स्पॉन्सर किया. 2018 में पांच साल के लिए हॉकी इंडिया के साथ ओडिशा सरकार का करार हुआ. पुरुषों के साथ-साथ महिला हॉकी टीम को नया स्पॉन्सर मिला. यह करार करीब 140 करोड़ रुपए में हुआ था.

2018 में भी ओडिशा में खेला गया हॉकी वर्ल्ड कप

hockey world cup 2018Hockey India

2018 में भी ओडिशा की मेजबानी में भारत में हॉकी विश्व कप खेला गया था. टूर्नामेंट के सारे मैच राजधानी भुवनेश्वर में खेले गए थे. आगे जब भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक अपने नाम किया, तब सीएम नवीन पटनायक ने ऐलान किया कि 2023 के बाद भी अगले 10 सालों तक उनका करार जारी रहेगा. दोनों भारतीय टीमों (पुरुष और महिला) ने देश के लिए कांस्य पदक जीतकर गर्व के क्षण दिए थे.

मीडिया खबरों की मानें तो जब भारत 41 सालों बाद कांस्य पदक जीता तो सीएम पटनायक घर में हॉकी मैच देख रहे थे. उनकी तस्वीर भी तब काफी वायरल हुई थी. वहीं जब टोक्यो ओलंपिक से शानदार प्रदर्शन करने के बाद भारतीय टीम स्वदेश लौटी, तब भारत की पुरुष और महिला टीमों के लिए पटनायक ने सम्मान समारोह भी आयोजित किया था. सीएम नवीन पटनायक ने तब एक ट्वीट भी किया था, जो चर्चा में रहा था.

अपने इस ट्वीट में नवीन पटनायक ने लिखा था, ‘टोक्यो ओलिंपिक-2020 में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भारत की महिला और पुरुष टीम का सम्मान कर खुश हूं. हॉकी ओलिंपियन की उपलब्धि पर नाज है. उम्मीद है कि यह शानदार सफर कई लोगों को प्रेरित करेगा और कई लोग इस खेल से जुड़ेंगे. इसी के बाद ओडिशा सरकार ने साल 2033 तक हॉकी इंडिया के साथ अपना करार बढ़ा दिया था.

हॉकी विश्व कप 2023 की मेजबानी कैसे मिली?

दिसंबर 2018 में ऐलान किया कि हॉकी वर्ल्ड कप जुलाई 2022, या जनवरी 2023 में आयोजित होगा. इसके लिए भारत समेत जर्मनी, मलेशिया, बेल्जियम और स्पेन ने बोली लगाई. बाद में स्पेन-जर्मनी के नाम वापस लेने के बाद बेल्जियम और मलेशिया ने 1 से 17 जुलाई 2022 तक विश्व कप कराए जाने की अंतिम बोली लगाई. वहीं भारत ने जनवरी 2023 के लिए अपना नाम पेश किया और उसे मेजबानी मिल गई.

ओडिशा सरकार को दोबारा मेजबानी मिल चुकी थी. जो हॉकी के लिए एक बड़ी उपलब्धि से कम नहीं थी. फ़िलहाल, इंटरनेशनल हॉकी महासंघ ने वर्ल्ड कप के लिए दो स्टेडियम की अनिवार्यता रखी थी. ओडिशा सरकार ने राजधानी भुनेश्वर और राउरकेला में टूर्नामेंट कराए जाने का फैसला लिया. भुनेश्वर में पहले से ही कलिंगा स्टेडियम मौजूद था. वहीं राउरकेला में एक नया स्टेडियम बनाए जाने का निर्णय लिया गया.

हॉकी विश्व कप 2023 के लिए बना नया मैदान

birsa munda hockey stadium rourkelaOlympics

करीब 15 एकड़ जमीन में इस स्टेडियम का निर्माण 15 महीनों में पूरा हुआ, जिसका नाम बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम रखा गया. हॉकी के इस मैदान में तक़रीबन 20 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है. बिरसा मुंडा स्टेडियम के परिसर में ‘विश्व कप गांव’ को भी लगभग 9 महीने के अंदर तैयार किया गया. इसमें हॉकी वर्ल्ड कप के स्तर के अनुरूप सभी सुविधाओं के साथ 225 कमरे हैं. जिसमें लोगों के रहने की पूरी व्यवस्था है.

स्टेडियम में छह गेट हैं. इसके अलावा दो और चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था है. इस स्टेडियम के निर्माण में लगभग 145 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. बताते चलें, बिरसा मुंडा स्टेडियम के परिसर में बने ‘विश्व कप गांव’ के उद्घाटन के समय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगर भारत वर्ल्ड कप जीतती है तो हर खिलाड़ी को एक-एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी.

क्या भारत एक बार फिर हॉकी विश्व कप का विजेता बनेगा?

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बता दें कि हॉकी वर्ल्ड कप हर चार साल में एक बार खेला जाता है. पहली बार साल 1971 में विश्व कप खेला गया था. भारत ने आज तक सिर्फ एक विश्व कप जीता है, जोकि साल 1975 में मलेशिया में हुआ था. हॉकी विश्व कप 2023 में भारतीय हॉकी टीम ने अभी तक दो मुकाबले खेले हैं. पहला मैच उसने स्पेन को 2-0 से हरा दिया था, जबकि इंग्लैंड के खिलाफ हुए दूसरे मैच में स्कोर 1-1 की बराबरी पर रहा था.

विश्व कप 2023 में देशवासियों को टीम इंडिया से काफी उम्मीदें हैं. जहां, एक तरफ लोग बड़ी संख्या में हॉकी के मैच देखने के लिए पहुंचे रहे हैं. वहीं, टीवी पर भी मैच देखे जा रहे हैं. सब भारत को विजेता बनाना चाहते हैं. लोगों की जुबान पर बस अब यही सवाल हैं कि, क्या भारत एक बार फिर हॉकी विश्व कप का विजेता बनेगा? क्या भारतीय टीम हॉकी विश्व कप 2023 में जीत के ट्रॉफी उठाएगी. वैसे, आपको क्या लगता है?