मैनचेस्टर वन-डे से ठीक एक दिन पहले टीम इंडिया का अभ्यास सत्र था. विराट कोहली और ईशान किशन की जोड़ी सबसे पहले नैट पर गयी. काफी पसीना बहाया.
लेकिन, ना तो कप्तान रोहित शर्मा नैट पर दिखे और ना ही ऋषभ पंत. ये दोनों खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में ही रहे और उसके बाद जब वो पवेलियन में आये तो बेहद खुश मूड में दिखे.
लेकिन, इसके कुछ देर बाद पंत सीढ़ियों से उतरकर मुख्य मैदान में जाते हैं और वहां वो कोच राहुल द्रविड़ के साथ काफी लंबी देर तक बातचीत में जुट जाते हैं.
दूरी की वजह से ये सुनाई नहीं पड़ा कि कोच और पंत के बीच क्या बातचीत हो रही थी लेकिन द्रविड़ के बल्लेबाज़ी करने के इशारे को देखते हुए ये साफ था कि वो पंत को अपने तरीके से वन-डे क्रिकेट में बल्लेबाज़ी करने के गुर सिखा रहे थे.
दरअसल, द्रविड़ की शैली पंत से बिलकुल जुदा है लेकिन वो भी कोच की ही तरह टेस्ट क्रिकेट में अपना लोहा पहले मनवा चुके हैं. उनके कोच भी वन-डे क्रिकेट के शुरुआती दौर में संघर्ष करते दिखे लेकिन बाद में अपने जुनून औऱ अनुशासन के चलते 10 हज़ार से ज़्यादा रन बनाने में कामयाब हुए थे.
द्रविड़ शायद पंत को यही कहना चाहते थे कि उनमें असीमित प्रतिभा है और अगर उन्होंने विकेट पर टिकने की ठान ली तो उन्हें टेस्ट की तरह वन-डे में भी बड़ी पारियां खेलने से कोई नहीं रोक सकता. इस दौरान पंत पूरे ध्यान से द्रविड़ की उन बातों को गहराई से देख रहे थे जहां कोच उन्हें ये बता रहे थे कि कैसे उन्हें अपने शॉट्स का चयन करना है.
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24 घंटे बाद जब द्रविड़ ने पंत को एक बेहद शानदार पारी खेलकर टीम इंडिया को मैच जीताते हुए देखा तो अनायास ही अपने बचपन के उस अध्यापक की याद ज़ेहन में ताज़ा हो गई जिन्होंने परीक्षा से ठीक एक दिन पहले आपको अच्छे तरीका से समझाया हो और आप उसमें ना सिर्फ़ पास होते हैं बल्कि 100 में 100 हासिल करते हैं.
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ड्रामा क्वीन
समाप्त
पंत की शतकीय पारी ने वन-डे क्रिकेट में टीम इंडिया को एक बड़ी उम्मीद दी है. उन्होंने इस मैच में नाबाद 125 रन बनाए. पंत धोनी की तरह फिनिशर तो नहीं हैं लेकिन मध्य क्रम में वो भी गियर बदलने में काबिल हैं जिसका असली सबूत उन्होंने मैनचेस्टर में दिया.
लेकिन, पंत ही इकलौते रूप में इस मैच के सबसे बड़े हीरो नहीं थे. उल्टा पंड्या ने तो पंत से भी बेहतर खेल दिखाया, गेंद से पहले नाज़ुक लम्हों में चार विकेट लिए तो उसके बाद एक टाइट चेज़ में अर्ध शतक जमाया.
मैच ख़त्म होने के बाद पंड्या ने प्रेस कांफ्रेस में साफ़-साफ़ कहा कि पंत के साथ उन्हें बल्लेबाज़ी करने में मज़ा आया और मैच के दौरान अक्सर पंत को हौसला अफ़जाई करने में उन्होंने अहम भूमिका अदा की.
कुल मिलाकर देखा जाए तो टीम इंडिया ने सीरीज़ को 2-1 से जीता. टेस्ट मैच हारने के बाद टी20 सीरीज़ और फिर आखिर में वन-डे सिरीज़. ये कोई ऐसी वैसी मामूली सीरीज़ नहीं बल्कि वर्ल्ड चैंपियन इंग्लैंड को उन्हीं घर में रौदने वाली बात है.