सोशल मीडिया, टीवी चैनल्स, फैमिली वाट्सऐप ग्रुप पर आजकल एक नाम सुर्खियां बटोर रहा है, बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम. लोग उन्हें बागेश्वर सरकार भी कहते हैं. सोशल मीडिया पर एक तबका बागेश्वर सरकार को अंधविश्वासी, ढोंगी कह रहा है. दूसरा तबका महाराज धीरेंद्र को सनातन का सच्चा रक्षक कह रहा है. अगर बाबा के ‘दरबार’ के वीडियोज़ के एरियल शॉट पर गौर करें तो भक्तों का हुजूम नज़र आएगा.
चर्चा में क्यों हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री?
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अपने तेज़-तर्रार बयानों की वजह से अक्सर बागेश्वर धाम सरकार के वीडियोज़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होते रहते हैं. वो मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम में कथा वाचन करते हैं. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में उनकी सभाओं में हजाड़ों की भीड़ जुटती है. कुछ दिनों पहले बागेश्वर सरकार का नागपुर में कथा का कार्यक्रम था. यहीं से विवाद शुरू हुआ.
समिति ने नागपुर में पुलिस केस भी दर्ज करवाई और बाबा को चुनौती दी. बाबा पर आरोप है कि चुनौती अस्वीकार कर वो कथा छोड़कर भाग निकले.
अंधविश्वास उन्मूलन समिति ने दी चुनौती?
Navbharat/Shyam Manav
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नागपुर की अंधविश्वास निर्मूलन समिति ने बाबा पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया. समिति के सदस्य, श्याम मानव ने बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र के दरबार को डर का दरबार बताया और बाबा पर धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. श्याम मानव ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई. मीडिया से बात-चीत में श्याम मानव ने कहा कि 5-13 जनवरी तक बाबा की कथा होनी थी. कथा पूरी होने से पहले ही वो नागपुर से भाग गए.
समिति ने बागेश्वर के पंडित शास्त्री को खुली चुनौती दी. समिति ने कहा कि वो 10 लोगों के बारे में कुछ बता दें. इन सदस्यों का नाम, पिता का नाम और फोन नंबर बताना ता. कमरे में रखे 10 चीजों की पहचान करनी थी. 90% सही जवाब देने पर समिति ने बाबा को 30 लाख रुपये देने की भी बात कही.
बागेश्वर सरकार ने क्या कहा?
जब मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तब महाराज धीरेंद्र के पास भी मीडियाकर्मी पहुंचे. मीडिया से बात-चीत के दौरान महाराज ने कई तरह की टिप्पणियां की. बाबा के कई वीडियोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. बाबा ने एक वीडियो में चुनौती देने वालों को रावण के खानदान का बताया. उन्होंने चुनौती देने वालों को रायपुर बुलाया और कहा कि किराये का खर्च वो दे देंगे.
एक दूसरे वीडियो में बाबा ने कहा कि हम हिन्दू शेर हैं, भगौड़े नहीं हैं, हम ललकार का काम करते हैं क्योंकि हम हनुमान जी के चेले हैं.
दरिद्रता, निजी जीवन की समस्याएं सुलझाते हैं बाबा?
बागेश्वर धाम की वेबसाइट के अनुसार, बहुत मेहनत करने पर भी अगर आपकी दरिद्रता दूर नहीं हो रहा है तो बागेश्वर सरकार के महाप्रसाद से आपकी दरिद्रता दूर होगी. रजिस्ट्रेशन करने पर भारत के सिर्फ़ 5000 लोगों को घर में अभिमंत्रित, वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विधिपूर्वक पूजन करवाकर सिद्ध किया हुआ श्री श्री लक्ष्मी यंत्रम् स्थापित करवाने की बात कही जा रही है.
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बागेश्वर धाम में पहले टोकन लेना पड़ता है, जिसके लिए कमेटी से संपर्क करना पड़ता है. टोकन के लिए धाम में रखी पेटी में कागज़ पर नाम, पिता का नाम, गांव, ज़िला, पिन और फोन नंबर लिखकर डालना होता है. इसके बाद कमेटी संपर्क करती है और टोकन पर तारीख मिल जाती है. उसी तारीख को बागेश्वर बालाजी महाराज के दरबार में हाज़िरी लगानी होती है.
सामान्य अर्ज़ी लगाने के लिए लाल कपड़े में नारियल रखना होता है, शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी के लिए पीले कपड़े में और प्रेत बाधा से जुड़ी अर्जी के लिए काले कपड़े में नारियल रखना होता है.
वेबसाइट के अनुसार, बीमारी ऑपरेशन से नहीं, दरबार में हाज़िरी लगाने से ही दूर हो जाएगी. शादी से लेकर संतान प्राप्ति की भी गारंटी दी जाती है. विधायक, सांसद से लेकर कई नेता पंडित शास्त्री के दरबार में हाज़िरी लगाने पहुंचते हैं.
Bageshwar Dham
कौन हैं बाबा धीरेंद्र शास्त्री?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, धीरेंद्र शास्त्री का जन्म छतरपुर, मध्य प्रदेश में 4 जुलाई, 1996 को हुआ. उनके पिता, राम करपाल गर्ग बेहद गरीब थे, घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. धीरेंद्र शास्त्री आध्यात्म की शिक्षा लेना चाहते थे लेकिन पिता के पास पैसे नहीं थे. 8वीं तक गांव में रहकर पढ़ाई की और फिर चाचा के पास गंज चले गए.
Bageshwar Dham की वेबसाइट के अनुसार, एक दिन बालाजी महाराज की आज्ञा और कृपा से उन्हें उनके दादा जी, दादा गुरु जी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ. दादा गुरु के आशीर्वाद और आदेश से महाराज श्री बालाजी महाराज की सेवा में जुट गए.
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धीरेंद्र शास्त्री लोगों की सामूहिक घरवापसी भी करवाते हैं. उनका कहना है कि जो लोग उन पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप लगाते हैं उन्हें दूसरे धर्मों पर बोलने की हिम्मत क्यों नहीं होती?