विदेशी निवेशकों के साथ कौन से फैक्टर्स तय करेंगे शेयर बाजार की चाल? एक्सपर्ट्स से समझिए

मुंबई. महत्वपूर्ण घरेलू घटनाक्रम की गैर-मौजूदगी में इस सप्ताह शेयर बाजारों का रुख वैश्विक रुझानों, विदेशी फंड्स की आवक और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से तय होगा. विश्लेषकों ने यह जानकारी देते हए कहा कि इस सप्ताह की प्रमुख वैश्विक घटनाएं यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दर पर फैसला और चीन की मुद्रास्फीति दर हैं.

स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘भारतीय इक्विटी बाजार, ज्यादातर वैश्विक बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद लचीलापन दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई महत्वपूर्ण घटनाक्रम नहीं है, इसलिए वैश्विक बाजारों की दिशा हमारे बाजार की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.’’

यूरोपीय सेंट्रल बैंक ब्याज दर पर फैसला लेगा
मीणा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर यूरोपीय सेंट्रल बैंक आठ सितंबर 2022 को ब्याज दर के बारे में फैसला करेगा. इसके अलावा अगस्त के लिए सेवा क्षेत्र के पीएमआई (खरीद प्रबंधक सूचकांक) आंकड़े भी बाजार को प्रभावित करेंगे. ये आंकड़े सोमवार को आएंगे.

विदेशी निवेश पर नजर
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘किसी भी बड़े घटनाक्रम के अभाव में प्रतिभागियों की नजर वैश्विक बाजारों पर होगी. इसके अलावा विदेशी प्रवाह के रुख पर भी उनकी नजर रहेगी.’’ पिछले सप्ताह सेंसेक्स 30.54 अंक या 0.05 प्रतिशत टूट गया था, जबकि निफ्टी 19.45 अंक या 0.11 प्रतिशत गिर गया.

आर्थिक मंदी की चिंताएं बढ़ गईं
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि एफपीआई आवक बढ़ने से घरेलू शेयर बाजारों को लचीला बने रहने में मदद मिली. हालांकि पिछले दिनों अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बाजार की उम्मीदों के विपरीत मौद्रिक सख्ती की ओर इशारा किया. ऐसे में आर्थिक मंदी की चिंताएं बढ़ गईं और दुनिया भर के बाजारों पर इसका असर देखने को मिला.

विदेशी निवेश रिकॉर्ड स्तर पर
विदेशी निवेशकों ने अगस्त में भारतीय इक्विटी बाजारों में 51,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक यह 20 महीनों की उच्चतम आवक है.  इससे पहले जुलाई में एफपीआई ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. एफपीआई ने लगातार नौ महीनों तक बड़े पैमाने पर शुद्ध बिकवाली करने के बाद जुलाई में पहली बार शुद्ध खरीदारी की थी. उन्होंने अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों से 2.46 लाख करोड़ रुपये निकाले.