Aloe Vera एक मशहूर पौधा है. यह अपने औषधीय गुणों के कारण हर घर की पसंद है. आमतौर इसका उपयोग सनबर्न, कट, और अन्य त्वचा की जलन के इलाज के लिए किया जाता है. खास बात यह कि एलोवेरा को घर पर उगाना आसान है. इसे गमले पर भी आसानी लगाया जा सकता. आइए जानते हैं कि घर पर इसे कैसे उगा सकते हैं.
1. सही जगह का चुनाव
एलोवेरा गर्म, और शुष्क परिस्थितियों में ग्रोथ करता है, इसलिए ऐसा स्थान चुनें जहां पर्याप्त मात्रा में धूप आती हो, और जिसमें अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी हो. यदि आप एक ठंडी जलवायु में रहते हैं, तो आप धूप वाली खिड़की के पास घर के अंदर एलोवेरा उगा सकते हैं.
2. अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी
एलोवेरा के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन करते समय जल निकासी की अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी को चुनें. यह सुनिश्चित करेगा कि जल बारीकी से निकल जाएगा, और पौधे के जड़ों तक पहुंचेगा, और पौधे को पूरी तरह से पोषण मिलेगा. एलोवेरा को नियमित रूप से पानी देना जरूरी होता है, इसलिए जल निकासी वाली मिट्टी का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है.
3. एलोवेरा का पौधा कैसे लगाएं?
यदि आप एक गमले में एलोवेरा लगा रहे हैं, तो एक कंटेनर चुनें जो 8 इंच व्यास का हो, और जिसमें जल निकासी के लिए छेद हो. पौधे की जड़ों के लिए पर्याप्त जगह छोड़ते हुए, कंटेनर को मिट्टी से भर दें. अब पौधे को गमले में लगाएं, और जड़ों के चारों ओर मिट्टी डालें, इसे हल्के से दबाएं. मिट्टी को व्यवस्थित करने के लिए पौधे को हल्का पानी दें.
यदि आप ग्राउंड में एलोवेरा लगा रहे हैं, तो पौधे के जड़ के दोगुना आकार का एक खाद्य कंटेनर बनाएं. खाद्य कंटेनर में मिट्टी भरें, और उसमें पौधे को रखें. जड़ों के आसपास मिट्टी डालें और उसे हल्के हाथों से दबाएँ. मिट्टी को सेटल होने के लिए पौधे को हल्के से पानी दें.
4. एलोवेरा को पानी कब देना है?
बढ़ते मौसम (वसंत और गर्मी) के दौरान सप्ताह में एक बार पौधे को गहराई से पानी दें, और सर्दियों के दौरान पानी देना कम कर दें. दोबारा पानी देने से पहले सुनिश्चित करें कि मिट्टी पूरी तरह से सूखी है, क्योंकि ज्यादा पानी देने पर एलोवेरा जड़ सड़ने के लिए अतिसंवेदनशील होता है.
5. एलोवेरा के लिए धूप जरूरी है
एलोवेरा लगे गमले, या ग्रो बैग को ऐसे स्थान पर रखें, जहां पौधों को रोजाना कम से कम 6 से 8 घंटे की धूप प्राप्त हो सके. यदि आप इसे कम धूप में रखेंगे तो एलोवेरा कमजोर हो जाएगा. याद रहे अगर पौधे की पत्तियां फ्लैट, और नीची दिखें तो धूप बढ़ाएं, और अगर पत्तियां ब्राउन हो जाएं तो धूप कम कर दें. एलोवेरा के पौधों को गर्मी के मौसम में दोपहर की तेज धूप से बचाएं.
6. पर्याप्त खाद जरूर डालें
आमतौर पर एलोवेरा के पौधों को खाद की जरूरत नहीं होती, इन्हें साधारण मिट्टी में भी आसानी से उगाया जा सकता है. फिर भी आप पौधों के विकास के लिए जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, बोन मील, रॉक फॉस्फेट और नीम केक आदि दे सकते हैं.
7. एलोवेरा के पौधे की छटाई
एलोवेरा के पौधे के आसपास की मिट्टी में घास और खरपतवार नहीं होनी चाहिए. मिट्टी से खरपतवार सावधानी से निकालें, जिससे एलोवेरा की जड़ों को नुकसान न पहुंचे. इसके अलावा आप पौधे से क्षतिग्रस्त भागों को अलग करने के लिए प्रूनर (pruner) का उपयोग कर सकते हैं.
8. एलोवेरा जेल को निकालें
एलोवेरा जेल का उपयोग कई औषधीय, और कॉस्मेटिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है. जेल निकालने के लिए, पौधे के आधार के करीब एक पत्ती को काट लें. पत्ते को धोकर उसके कांटेदार किनारे काट लें. पत्ते को काटकर खोलें, और चम्मच से जेल निकाल लें. जेल को एक साफ कंटेनर में फ्रिज में स्टोर करें.
एलोवेरा के अलग-अलग नाम
हिंदी में एलोवेरा को घिकुआंर घिग्वार या ग्वार पाठा कहते हैं अंग्रेजी में इसे एलोवेरा तथा कॉमन एलोवेरा कहते हैं. पंजाबी में कुरवा नाम से पंजाब में जाना जाता है गुजराती में एलोवेरा को कुवार तथा कड़वी कुंवर कहते हैं. तेलुगु में इसे कल बंद नाम से जानते हैं बंगाली मैं भी यह घृतकुमारी नाम से जाना जाता है. मराठी भाषा में इसे कोरा फट्टा नाम से जाना जाता है.
एलोवेरा के फायदे ही फायदे हैं:
-खांसी जुकाम, सिर दर्द, कब्ज और आंखों के लिए फायदेमंद.
-मुहांसों, त्वचा की जलन, खुजली तथा चकत्ते को कम करता है.