वैसे तो कहते हैं कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं लेकिन बिहार में लोग धरती पर भी जोड़ियां बना देते हैं, और वो भी जबरदस्ती. जैसे कि समस्तीपुर के मोरवा में एक लड़के की जोड़ी बना दी गई. ये लड़का अपनी बहन को उसके ससुराल छोड़ने गया था लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी बहन का ससुराल ही उसका ससुराल भी बन जाएगा.
जबरदस्ती कर दी गई शादी
दरअसल अपनी बहन को ससुराल छोड़ने गए इस लड़की की शादी जबरदस्ती बहन की ननद से करा दी गई. बहन के ससुराल वाले अपनी बेटी की शादी को लेकर सालों से परेशान थे. हर जगह बड़े दहेज की मांग हो रही थी. ऐसे में उन्हें अपनी बहू के भाई के रूप में अपनी बेटी के लिए दूल्हा दिखा और फिर उसे पकड़ कर मंदिर ले जाकर जबरदस्ती उसकी शादी कर दी गई.
ये घटना हुई है दलसिंह सराय के साठा निवासी युवक विनोद कुमार के साथ. वह जब अपनी बहन को उसके ससुराल पहुंचाने गए तो वहां ससुरालवालों ने उसे पकड़ कर मोडवा खुदनेश्वर स्थान मंदिर में उसकी शादी करा दी. बिना लड़की की मर्जी के उसे पाग पहनाकर लड़की के सामने खड़ा कर दिया गया. इसके बाद जबरदस्ती उससे वरमाला डलवाई गई और लड़की की मांग भराई गई. शादी के बाद विनोद कुमार का कहना है कि उसकी शादी उसकी मर्जी के बिना जबरदस्ती कराई गई है.
शादी का वीडियो हो रहा वायरल
वहीं इस जबरिया शादी का एक वीडियो भी इलाके में वायरल हो रहा है. वीडियो में जबरदस्ती लड़के का हाथ पकड़कर वरमाला डलवाई जा रही है. वीडियो में देखा जा सकता है कि इस दौरान लड़की उसके बगल में चुपचाप खड़ी है. एक तरफ जहां दूल्हा इसे बेमर्जी की शादी बता रहा है वहीं लड़की पक्ष का कहना है कि लड़का अपनी बहन के साथ जब ससुराल आता था तो उनकी बेटी से छुप-छुपकर मिलता था और दोनों में प्रेम प्रसंग चल रहा था. इसी वजह से परिवारवालों ने दोनों की शादी करा दी है.
क्या होता है पकड़ौआ विवाह
इस तरह की शादी को पकड़ौआ विवाह कहा जाता है. एक समय ऐसा था जब बिहार में ऐसी जबरदस्ती की शदियां आम होती थीं. पकड़ौआ विवाह में किसी सुयोग्य लड़के को पहले अगवा किया जाता है और फिर डरा धमका कर उसकी जबरदस्ती शादी कर दी जाती है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार 80 के दशक में बिहार में के कई इलाकों में ऐसी शादियों का बहुत चलन था. ऐसी शादियों की झलक आपको अंतरद्वंद, अतरंगी रे जैसी फिल्मों तथा भाग्यविधाता नामक सीरियल में देखने को मिल जाएगी.
रिपोर्ट्स की मानें तो एक समय ऐसा भी था जब गांवों में ऐसी शादियां अंजाम देने के लिए कई गिरोह बने हुए थे. ये गिरोह इंटर की परीक्षा देते स्टूडेंट्स और नौकरी करने वाले लड़कों को शादी के सीजन में अगवा कर लेते थे. ऐसे युवकों को शादी के सीजन में कहीं बाहर निकलने से मना किया जाता था. बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों की मानें तो साल 2014 में 2526, 2015 में 3000, 2016 में 3070 और नवंबर 2017 तक 3405 युवकों को शादी के लिए अगवा किया गया था.