क्या है वो डेरेचो तूफान, जिसने अमेरिका के आसमान को हरा कर दिया

अमेरिका के कटिबंधीय क्षेत्रों में महासागरों के पास से तेज तूफान वहां बहुत तबाही मचाते हैं. हाल ही में एक नया तूफान तंत्र अमेरिका में चर्चित हुआ है जिसने  नेब्रास्का, मिनेसोटा और इलिनियोइस इलाकों में तबाही मचा रखी है.  डेरेचो (Derecho) नाम के इस तूफान के कारम इसी मंगलवार को ही 140 किलोमीटर प्रतिगघंटे की रफ्तार से हवें चली जिससे कई बिजली की तार और पेड़ टूट कर गिर गए.  इतना ही नहीं इस तूफान की सबसे चर्चित बात रही उसकी वजह से बना आसमान का रंग जो हरा हो गया था.

अमेरिका में डेरेचो (Derecho) की तरह के सीधे तूफान बहुत कम आते हैं (तस्वीर: @cory_martin)

वायरल हुई तस्वीरें
सोशल मीडिया पर अमेरिका के इन हरे बादलों की तस्वीरें वायरल हुई और लोगों में यह जानने कौतूहल जागा कि आखिर यह डेरेचो नाम का तूफान है क्या और इसकी वजह से आसमान का रंग हरा कैसे हो गया. इतना ही नहीं तस्वीरें देख कर ऐसा लगता है जैसे कोई हरा चश्मा लगा कर आसपास का नजारा देखा जा रहा हो.

क्या होता है डेरेचो
बहुत से प्रत्यक्षदर्शियों का यह दावा है कि उन्होंने इस तरह की प्रकाशकीय घटना आज तक नहीं देखी है. अमेरिका के नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक डेरेचो व्यापक, लंबे समय तक रहने वाला सीधी रेखा वाली आंधी है, जो तेजी से बरसने वाले तूफान के साथ आती है. डेरेचो एक स्पेनी शब्द डेरोचा से आया है जिसका मतलब सीधा होता है.

टोरनेडो या हरिकेन से अलग
यानि यह एक ऐसा तूफान होता है जो टोरनेडो या चक्रवात की तरह घूमता हुआ नहीं होता है. और इसके साथ आने वाला तूफान कई सैकड़ों मील लंबा क्षेत्र घेरता है. यह एक गर्म मौसमी परिघटना है जो गर्मी के मौसम में मई की शुरुआत में घटित होती है लेकिन ज्यादा तर यह जून और जुलाई में ही अपना प्रभाव दिखाती हुई पाई जाती है.

रफ्तार और दायरा
रोचक बात यह है कि ये टोरनेडो या हरिकेन जदैसे तूफान तंत्रों की तुलना में बहुत कम आते हैं. किसी सीथे तूफान को डेरेचो होने के लिए उसकी हवाओं की गति कम से कम 93 किलोमीटर प्रतिघंटा की होनी चाहिए और इस आंधी का असर करीब 400 किलोमीटर से ज्यादा लंबे इलाके में दिखना चाहिए और लगातार दो नुकसान पहुंचाने वाली घटनाओं केबीच का अंतर 3 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

तो फिर हरा रंग क्यों
तेज बारिश वाले तूफान आसमान का रंग हरा कर देते हैं. इसके पीछे उनमें मौजूद भारी मात्रा में पानी की प्रकाश से हुई अंतरक्रिया जिम्मेदार होती है. वॉशिंगटन पोस्ट में एक रिपोर्ट के अनुसार माना जाता है कि बड़ी बूंदे और ओले प्रकाश को फैलाने का काम करते हैं. लेकिन इससे नीला प्रकाश नहीं फैलता है. इससे नीले रंग की तरंगें बादलों के अंदर चली जाती हैं और फिर दोपहर या शाम  के लालपीले रंग से मिल जाती है जिसके कारण आसमान हरे रंग का दिखाई देने लगता है.