China Covid News, India Coronavirus Update: चीन में कोरोना वायरस से मचे हाहाकार के बीच जानकारों का कहना है कि भारत को खतरा नहीं है। तीन-तीन नामी हेल्थ एक्सपर्टस की भविष्यवाणी पढ़िए।
चीन में कोरोना के कहर से दुनिया सहमी है। जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और अमेरिका में केस लगातार बढ़ रहे हैं। भारत में कोरोना के केस रोज 100 के आसपास ही आ रहे हैं। केंद्र सरकार ने ऐहतियाती इंतजाम शुरू कर दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे कोविड के हर पॉजिटिव सैंपल को रोजाना आधार पर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें। इससे पता चलेगा कि कोरोना का कोई नया वैरिएंट तो नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बुधवार को देश में कोरोना के हालात की समीक्षा करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से कहा है कि खतरा अभी गया नहीं है। पिछले साल जून में जारी गाइडलाइंस के तहत सभी जरूरी उपाय अपनाएं। इस बीच, तीन बड़े हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि भारत को खतरा नहीं है। चीन के हालात से सबक लेने की जरूरत है, मगर घबराने की बात नहीं।
चीन में कोरोना का कहर, शव रखने की जगह कम पड़ी
चीन में कोविड पाबंदियों में ढील के बाद कोरोना ने फिर से कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 95% तक इजाफा हुआ है। आलम यह है कि कोविड मरीजों के लिए बेड और हेल्थ वर्कर कम पड़ गए हैं। फर्श पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है। दवाएं नहीं हैं। जिन मेडिकल स्टोर में हैं, वहां लंबी लाइनें लग रही हैं। ऑक्सिजन का संकट भी गहराने लगा है। सोशल मीडिया में सामने आ रहे विडियो में दावा किया गया है कि रोज सैकड़ों मरीज दम तोड़ रहे हैं। अस्पतालों में शव रखने की जगह नहीं बची है। फ्यूनरल होम में अंतिम संस्कार के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रहीं हैं। यह आलम चीन के हर बड़े शहर में दिख रहा है।
जानकारों ने चेताया है कि आने वाली छुट्टियों में यह महामारी गांवों को भी गिरफ्त में ले लेगी। अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने चेताया है कि 90 दिन में चीन की 60% आबादी यानी करीब 80 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। करीब 10 लाख मौतों की आशंका है। इस दौरान दुनिया में 10% आबादी संक्रमित होने का अनुमान है। चीन में हर कस्बे-शहर में जांच केंद्रों के आगे लंबी लाइनें दिख रही हैं। राजधानी पेइचिंग में श्मशान घरों में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहा है। नाम छिपाने की शर्त पर एक फ्यूनरल होम के कर्मचारी ने कहा कि इसके बावजूद अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच गई है। कोरोना के मरीज इतने ज्यादा हैं कि सड़कों पर सन्नाटा है। स्वस्थ लोग घरों से निकलने से डर रहे हैं। चीन सरकार का पूरा जोर अस्थायी अस्पतालों के निर्माण पर है।
चीन में कोरोना के कहर से अमेरिका भी टेंशन में
चीन में अभी ओमीक्रोन का ही सब वैरिएंट BF.7 ज्यादा फैल रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह वैरिएंट बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन मरीज को बहुत बीमार नहीं करता। यही वजह है कि चीन में कोविड मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। जब मरीजों की संख्या ज्यादा होगी तो एडमिशन रेट बढ़ना लाजिमी है।
चीन में कोरोना की डराती रफ्तार से अमेरिका भी चिंतित है। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हम चीन में इस प्रकोप को जल्द से जल्द काबू किए जाने की उम्मीद करते हैं। जो वायरस वहां फैल रहा है, उसमें नए रूप को जन्म देने और हर जगह के लोगों के लिए खतरा पैदा करने की क्षमता है। चीन में ओमीक्रोन के BF.7 वैरिएंट ने कहर बरपाया है।
चीन में क्यों फैल रहा कोरोना?
चीन के बेकाबू हालात का भारत पर कितना असर?
तीन-तीन एक्सपर्ट्स बता रहे, क्यों टेंशन लेने की बात नहीं
- भारत में कोविड एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल भारत के लिए डरने की कोई बात नहीं है। चीन और भारत की स्थिति बिल्कुल अलग है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि हमारी परिस्थिति चीन से काफी बेहतर है और हमारी तैयारी मेडिकल साइंस के आधार पर है। जीनोम सीक्वेंसिंग जारी है। साथ ही नए स्ट्रेन पर नजर रखी जा रही है। जब तक कोई नया और खतरनाक स्ट्रेन नहीं आ जाता, भारत को कोई खतरा नहीं है।
- कोविड पर बने टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप NTAGI के प्रमुख डॉ एनके अरोड़ा के अनुसार, भारतीयों में व्यापक हाइब्रिड इम्यूनिटी है। इसके अलावा वैक्सीनेशन का शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों में अच्छा कवरेज रहा है। उन्होंने कहा कि चीन में ‘जीरो कोविड’ पॉलिसी के चलते नैचुरल इन्फेक्शन कम रहा है।
- कोविड एक्सपर्ट डॉ चंद्रकांत लहारिया ने कहा कि चीन की पॉलिसी की वजह से वहां पर नैचुरल इन्फेक्शन काफी कम रहा। इस वजह से वहां के लोगों को नैचुरल इम्यूनिटी जितनी मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल पाई। भारत में ऐसा नहीं है। भारत में अधिकांश लोगों को नैचुरल इम्यूनिटी मिली है। खासकर ओमीक्रोन वैरिएंट के पीक के दौरान पूरे देश में असर देखा गया था।
- डॉक्टर अंशुमान कुमार ने कहा कि वैक्सीन की कवरेज भी चीन में काफी कम रही है और वैक्सीन की क्वॉलिटी पर भी सवाल उठते रहे। उन्होंने कहा कि चीन की वैक्सीन की हालत यह रही कि नेपाल और इंडोनेशिया ने भी एक डोज के बाद उनकी वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ली। उनकी वैक्सीन की स्टडी इंटरनैशनल जर्नल में कहीं पर पब्लिश नहीं हुई है। कोविड के दौरान उनकी गाइडलाइन दुनिया से छिपी रहीं। कम्युनिस्ट माइंडसेट को उन्होंने मेडिकल माइंडसेट में लगा दिया, तानाशाही हावी रही, जिसकी वजह से वहां की स्थिति आज इतनी खराब हो रही है।
- इसके उलट भारत की वैक्सीन को दुनिया ने सराहा, इसका प्रभाव चीन की वैक्सीन से कहीं ज्यादा रहा और वैक्सीन कवरेज भी काफी बेहतर रही। आज भी भारत में कोविड है, लेकिन इसका असर नहीं है, क्योंकि नैचुरल इंफेक्शन हाई रहा। यहां वैक्सीन कवरेज भी ज्यादा है और वैक्सीन खुद भी असरदार रही।