कोरोना के चीन वाले वेरिएंट से दिल्ली वालों को कितना खतरा? सीएम केजरीवाल ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

चीन में कोरोना विस्फोट के बाद केंद्र के साथ ही सभी राज्य कोरोना तैयारियों को लेकर एक्टिव हो गए हैं। इस क्रम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में कोरोना की तैयारियों को लेकर समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना भी जरूरी है।

नई दिल्ली : चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोविड के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि है। मुख्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को नमूनों का जीनोम सिक्वेंसिंग सुनिश्चित करने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक अन्य कदम उठाने का निर्देश दिया है। दिल्ली में कोरोना का कितना खतरा है और यहां बीमारी की रफ्तार की क्या स्थिति है। इन सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

दिल्ली सरकार है सतर्क
एक अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘दिल्ली सरकार सतर्क है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कल कोरोना वायरस को लेकर इमरजेंस मीटिंग बुलाई है।’ जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, चीन और अमेरिका में कोविड-19 के मामलों में अचानक आई तेजी के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया था कि वायरस के उभरते हुए स्वरूप पर नजर रखने के लिए जहां तक संभव हो सभी पॉजिटिव केसों की जीनोम सिक्वेसिंग कराई जाए।

बीएफ.7 वेरिएंट को लेकर चिंता की जरूरत नहीं
एक्सपर्ट का कहना है कि बीएफ.7 को लेकर भारत को बहुत अधिक चिंता नहीं करनी चाहिए। इसकी वजह है कि देश में टीकाकरण या पिछले संक्रमण के माध्यम से बहुत से लोगों में वायरस के खिलाफ इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है। वहीं चीन में कठोर प्रतिबंधों के कारण लोगों में कोविड के खिलाफ इम्युनिटी है। सफदरजंग अस्पताल में कम्युनिटी मेडिसीन डिपार्टमेंट के चीफ डॉ. जुगल किशोर ने कहा, ‘सरकार सक्रिय है और उसके निर्देश वैज्ञानिक हैं। कई देशों में मामलों में तेजी को देखते हुए सतर्क रहना चाहिए, लेकिन ओमीक्रोन के किसी भी नए सब-वेरिएंट से भारत में कोई बड़ी परेशानी होने की संभावना नहीं है।

इस साल की शुरुआत में आई थी तीसरी लहर
सीनियर डॉक्टर ने कहा कि भारत ने इस साल की शुरुआत में एक बड़ी तीसरी लहर देखी। इसने एक तरह से बड़ी संख्या में लोगों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में काम किया। वर्ष 2020 के आरंभ में महामारी शुरू होने के बाद से दिल्ली में कोविड के 20,07,097 मामले आ चुके हैं और 26,519 लोगों की जान जा चुकी है। दिल्ली में औसतन लगभग 2,000 से 3,000 नमूनों की जांच की जा रही है और नवंबर के मध्य से दैनिक मामलों की संख्या 20 से नीचे बनी हुई है।

नए वेरिएंट का पता लगाने में मदद
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 20 दिसंबर को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा था कि सभी सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग से देश में नए वेरिएंट का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी। इसके और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करना सुविधाजनक होगा। कोविड-19 की सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती अब भी दुनिया भर में बनी हुई है। इसके लगभग 35 लाख मामले साप्ताहिक रूप से दर्ज किए गए हैं।