गुजरात-हिमाचल में कांग्रेस की चुनावी रणनीति क्या? जानें भारत जोड़ो यात्रा का कितना पड़ेगा असर

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ पार्टी के पक्ष में माहौल बना दिया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी का कोई बड़ा नेता अभी तक दावे के साथ सरकार बनाने का भरोसा नहीं दिखा रहा है। हिमाचल से पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा अभी तक अपना सुर, लय, ताल कुछ नहीं तय कर पा रहे हैं।

प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी। (फाइल फोटो)
प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी।

राहुल गांधी बेशक भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं। मीडिया में उनकी इस महात्वाकांक्षी यात्रा की चर्चा भी है। इस बीच गुजरात और हिमाचल चुनाव को लेकर उन्हीं की पार्टी के कुछ नेता इस यात्रा से कोई बहुत फायदे की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस के एक बड़े नेता दोनों राज्यों में पार्टी के उम्मीदवारों की जल्दबाजी में की गई घोषणा से खुश नजर नहीं आते।

उनके मुताबिक, राहुल गांधी की इस यात्रा के पीछे कोई बड़ी राजनीतिक सोच और रणनीति नजर नहीं आती। दूसरी तरफ नव निर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने पार्टी के संगठन की चुनौती के साथ हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता दिलाने की चुनौती है।
कभी सोनिया गांधी के करीबी कहे जाने वाले नेता का कहना है कि गुजरात और हिमाचल के चुनाव में पार्टी की हार के बाद इसका सीधा असर राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा पर पड़ेगा। वह कहते हैं कि राहुल गांधी लगातार संघ और भाजपा के निशाने पर हैं। खड़गे के अध्यक्ष बन जाने के बाद भी भाजपा और संघ दोनों अपना लक्ष्य बदलने वाले नहीं हैं। जबकि इसके सामानांतर पार्टी के मौजूदा रणनीतिकार एक बड़ी राजनीतिक भूल करते दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के एक अन्य केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि यदि अहमद पटेल आज होते तो 2022 का चुनाव पार्टी कुछ और तरीके से लड़ती।

गुजरात में नहीं दिखा 2017 वाला जोश
पार्टी के एक युवा नेता का कहना है कि कांग्रेस उनसे गुजरात से चुनाव लड़ने के लिए कह रही है, लेकिन जो हालात हैं, उसमें उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि चुनाव लड़े? युवा नेता पर अहमद पटेल का आशीर्वाद था। वह कहते हैं कि इस बार अभी तक 2017 वाली स्थिति नहीं आयी। इस बार गुजरात में प्रियंका गांधी चार दिन और राहुल गांधी चार दिन चुनाव प्रचार में रहने वाले हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सहारे कांग्रेस ने राज्य में चुनाव में जान फूंकने का मन बनाया था। इसके सामानांतर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल काफी सक्रिय हैं। गुजरात के एक पूर्व अध्यक्ष का कहना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी बड़ी मेहनत करेगी तो 05 सीटें तक जीतेगी। वह अपनी पार्टी के बारे में 75 सीटों तक की भविष्यवाणी करते हैं। पार्टी के प्रवक्ता रोहन गुप्ता कहते हैं कि इंडिया टीवी के सर्वे में 60 सीटें अभी कांग्रेस के पक्ष में दिखाई जा रही हैं। भाजपा के लिए 120। मतदान होने तक बड़ा उलटफेर तय है। इसके बाद रोहन गुप्ता भी राजनीतिक चुप्पी साध लेते हैं।

हिमाचल में कांग्रेस कब करेगी सरकार बनाने का दावा?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ पार्टी के पक्ष में माहौल बना दिया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी का कोई बड़ा नेता अभी तक दावे के साथ सरकार बनाने का भरोसा नहीं दिखा रहा है। हिमाचल से पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा अभी तक अपना सुर, लय, ताल कुछ नहीं तय कर पा रहे हैं। चुनाव कहीं पार्टी की नेता प्रतिभा सिंह के भरोसे हैं तो चेहरे के तौर पर विक्रमादित्य सिंह लक्ष्य साधने में लगे हैं। प्रियंका गांधी की रैली में जरूर भीड़ उमड़ रही है। हिमाचल में चुनावी यात्रा करके लौटे कांग्रेस पार्टी के एक सचिव ने कहा कि इस बार हम कड़ी टक्कर दे रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच में बहुत सीटों का अंतर नहीं रहेगा। राज्य में पहले नंबर की पार्टी के तौर पर ऑफ द रिकार्ड वह भाजपा के ही होने का अनुमान जताते हैं। इसके पीछे की वजह वह संगठन पर अमित शाह और मोदी के दबदबे को बता रहे हैं। सूत्र का कहना है कि जिस तरह से भाजपा ने हिमाचल में आंतरिक विद्रोह को दबाया है, उससे हमें भी सबक लेना चाहिए।

गुजरात और हिमाचल हारे तो ग्लैमर खो देगी भारत जोड़ो यात्रा?
2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में रणनीति के मुख्य किरदार रहे पूर्व पार्टी महासचिव काफी चिंतित हैं। उन्हें सबसे अधिक चिंता भारत जोड़ो यात्रा को लेकर है। सूत्र का कहना है कि इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य खासतौर पर समझ में नहीं आ रहा है। अगर इसका उद्देश्य दक्षिण में कांग्रेस को मजबूत बनाना है तो रणनीतिकारों को विचार करना चाहिए। यदि इसका उद्देश्य राहुल गांधी की छवि बनानी है तो लोगों को और गंभीरता से सोचना चाहिए। क्योंकि साफ तौर पर लग रहा है कि हिमाचल और गुजरात चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी की छवि को करारा झटका लगेगा। उनके मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा में हासिल हो रही उपलब्धि भी अपनी चमक काफी हद तक खोती नजर आएगी।