द‍िल्‍ली की नई शराब नीत‍ि को लेकर ED के छापे का क्‍या है मतलब? यहां समझें सबकुछ

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में हुए कथ‍ित घोटाले मामले में सीबीआई के बाद मंगलवार यानी आज प्रवर्तन न‍िदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर ल‍िया है. ईडी द्वारा केस दर्ज करने के बाद दिल्ली समेत उत्तर-प्रदेश के लखनऊ, हरियाणा के गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुम्बई, हैदराबाद, बेंगलुरू, हैदराबाद समेत 30 जगहों पर छापेमारी चल रही है. यह छापेमारी फ‍िलहाल द‍िल्‍ली के ड‍िप्‍टी मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया के यहां नहीं पड़ी है.

जांच एजेंसी ईडी आबकारी घोटाले को लेकर इन बिंदुओं पर तफ्तीश कर रही है—

1- उन प्राइवेट लोगों की भूमिका की जांच कर रही हैं, जिन्होंने बिचौलिया बनकर शराब पॉलिसी में बदलाव से सीधे तौर पर फायदा उठाया.

2. उन सरकारी कर्मचारियों यानी आबकारी अधिकारियों की जांच की जा रही है, जिन्होंने तमाम कानूनों और नियमों को ताक पर रखकर इस आबकारी पॉलिसी में बदलाव किए और करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किए.

3. उन तमाम शैल कंपनियों की तफ्तीश की जा रही है, जिनके जरिए इस आबकारी घोटाले में मोटी कमाई गई और रकम को इधर से उधर किया गया.

4. तमाम बड़े रिटेलर जोकि शराब के कारोबार से जुड़े हैं और उनकी कंपनियों को नई शराब नीति के तहत गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया. जैसे बड़ी रिटेल कंपनी के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा साथ ही अर्जुन पांडे जोकि मनीष सिसोदिया के सहयोगी हैं. आरोप के मुताबिक, ये कथित तौर पर शराब लाइसेंसधारियों से मोटी रकम वसूल कर सरकारी कर्मचारियों तक पहुंचा रहे थे.

5. ठीक इसी तरह इस केस के एक अन्य आरोपी अरुण रामचंद्र पिल्लै ने बिचौलिये के तौर पर काम किया. एक शराब कंपनी के मालिक समीर महेंद्रू से एक अन्य आरोपी के जरिए आबकारी विभाग से जुड़े सरकारी अधिकारी के नाम पर लिए रिश्वत ली. ये रिश्वत ठेके का टेंडर को लेकर ली गई थी.

दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा कुछ अन्य अधिकारी आरोपी हैं. इस नीति को हालांकि वापस ले लिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि जहां छापेमारी चल रही है उनमें से कोई भी स्थान सिसोदिया या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी से संबद्ध नहीं है. संघीय एजेंसी ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामले में जांच शुरू की. सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में सिसोदिया और 14 अन्य को नामजद किया है.

सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया, आईएएस (भारतीय प्रशासनिक अधिकारी) अधिकारी एवं दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा के आवास सहित सात राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी. सिसोदिया के पास दिल्ली का आबकारी विभाग तथा शिक्षा विभाग सहित कई विभाग है. ईडी पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में जांच कर रही है.

दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी. उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया है. सिसोदिया ने भी नीति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की थी. दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियमावली-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी.