राजकीय शोक का मतलब क्या है, इसमें क्या-क्या बदलता है? आइए जानते हैं हर रस्म

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार ने दिग्गज राजनेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. जब भी किसी बड़े राजनेता या हस्ती का निधन होता है तो सरकार राजकीय शोक की घोषणा करती है. आइए जानते हैं कि राष्ट्रीय शोक और राजकीय अंत्येष्टि का क्या मतलब है?

जब किसी राजनेता या हस्ती के लिए राजकीय शोक की घोषणा की जाती है तो उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है. राजकीय अंतिम संस्कार के दौरान मृतक के पार्थिव शरीर वाले ताबूत को तिरंगे में लपेटा जाता है. इसके साथ ही राजकीय शोक में ‘भारतीय ध्वज संहिता’ के मुताबिक राष्ट्र ध्वज तिरंगा को आधा झुका दिया जाता है. लेकिन इससे पहले मातृभूमि के सम्मान में इसे मस्तूल के शीर्ष पर उठाया जाता है और फिर नीचे किया जाता है. अंतिम संस्कार के समय गन सेल्यूट की रस्म की अदायगी की जाती है. राजकीय शोक के समय सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता

पहले राजकीय शोक की घोषणा प्रधानमंत्रियों, राज्य के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों (पूर्व या वर्तमान में पद पर आसीन) के निधन पर ही की जाती थी. अब इस नियम को बदल दिया गया है. अब यह सम्मान उन सभी व्यक्तित्वों को दिया जाता है, जिन्होंने राष्ट्र के नाम को ऊंचा करने के लिए काम किया है. उनके कद और काम को देखते हुए राज्य सरकार यह फैसला लेती है. अब जीवन के सभी क्षेत्रों- राजनीति, विज्ञान, साहित्य, कला, कानून में बड़ा योगदान देने वाले लोगों को यह राजकीय सम्मान दिया जाता है.