जिस ‘हीरा मंडी’ को लेकर Sanjay Leela Bhansali वेब सीरीज बना रहे हैं, उसकी असली कहानी क्या है?

इन दिनों सोशल मीडिया पर संजय लीला भंसाली(Sanjay Leela Bhansali), एक्ट्रेस मनीषा कोइराला और गुजरने जमाने की एक्ट्रेस मुमताज की तस्वीर काफी वायरल हो रही है. खबरों के मुताबिक, संजय लीला भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की सक्सेस के बाद अब डायरेक्टर नेटफ्लिक्स के लिए वेब सीरीज हीरामंडी बनाने में जुट गए हैं. हालांकि अभी तक हीरामंडी(Heeramandi) की ऑफिशियल कास्टिंग को लेकर ऐलान नहीं हुआ है लेकिन माधुरी दीक्षित से लेकर अदिति राव हैदरी तक के नाम सामने आए हैं.

नेटफ्लिक्स वेब सीरीज हीरामंडी 

 

एक्ट्रेस मनीषा कोइराला(Manisha Koirala) ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें डायरेक्टर संजय लीला भंसाली एक हाथ गुजरने जमाने की अदाकारा मुमताज(Mumtaz) के कंधे पर और दूसरा हाथ मनीषा कोइराला के कंधे पर रखे नजर आ रहे हैं. वहीं नेटिजन्स ने कयास लगाने शुरू कर दिए हैं कि शायद भंसाली द्वारा डायरेक्टेड हीरामंडी में ये दोनों लेजेंड्स भी नजर आ सकती हैं. 

इससे पहले भी खबर थी कि भंसाली ने मुमताज को हीरामंडी का ऑफर दिया था लेकिन उन्होने यह कहकर ठुकरा दिया था कि उनके पति इस उम्र में उन्हें डांस करने की परमीशन नहीं देंगे. 

पाकिस्तान के लाहौर का रेडलाइट एरिया

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जानकारी के मुताबिक संजय लीला भंसाली जिस वेब सीरीज को बनाने जा रहे है, वह एक रियल स्टोरी है. हीरामंडी कोई काल्पनिक नाम नहीं है बल्कि पाकिस्तान स्थित लाहौर का रेडलाइट एरिया (Lahore Red light Area Heera Mandi) है. इस जगह की अपनी एक कहानी है और जिसके बारे में जानना आपके लिए भी जरूरी है. कभी लाहौर की हीरामंडी में घुंघरुओं की खनक गूंजती थी और संगीत सुनाई देता था, लेकिन आज यह इलाका अपने वजूद को जिंदा रखने की लड़ाई लड़ रहा है और एक विस्तृत इतिहास रखता है.

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एक बात और अगर आपको लगता है कि इस मंडी में कभी हीरे, जेवरात भी बिका करते थे इसलिए इसे हीरामंडी कहा जाने लगा तो आप गलत है. सिख महाराज रणजीत सिंह (Ranjeet Singh) के मंत्री हीरा सिंह (Heera Singh) के नाम पर इस इलाके के नाम हीरामंडी रखा गया था. यहां पर हीरा सिंह ने पहले अनाज मंडी का निर्माण कराया था और इसके बाद उन्होने यहां पर तवायफ़ों को बसेरा दिया था. वहीं महाराज रणजीत सिंह ने तवायफ़ों की रक्षा करने के लिए इस इलाके को हमेशा सुरक्षित रखने का काम किया था. हालांकि इस मुहल्ले का नाम शाही मोहल्ला भी है क्योंकि यह लाहौर किले के एकदम बगल में स्थित है. 

तवायफ़ों के लिए बसेरा हुआ करता था हीरामंडी

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हीरा मंडी को बाजार-ए-हुस्न भी कहा जाता है. दरअसल मुगल काल के दौरान यहां पर राजाओं की दासियां और मुलाजिम भी रहा करती थीं. यहां पर राजा के बच्चे संगीत, नृत्य सीखने आया करते थे. तब हीरामंडी की गलियों में रौनक हुआ करती थी और लगभग इस गली में 50 घर ऐसे थे जहां से हमेशा नाच-गाने और घुंघरुओं की खनक आती रहती थी. मुगल काल के दौरान मुगल अफगानिस्तान और उजबेकिस्तान से महिलाओं को खरीदकर लाते थे और उनसे नृत्य और संगीत के काम लेते थे. हालांकि उस वक्त तवायफ़ों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था. 

अफगानिस्तान और उजबेकिस्तान से महिलाएं खरीदकर लाई जाती थीं

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समय के साथ-साथ भारत के भी कई इलाकों से महिलाएं खरीदकर लाई जाने लगी जो मुगलों का इंडियन क्लासिकल डांस से मनोरंजन किया करती थीं. लेकिन जब मुगलों का दौर गया और ब्रिटिश हुकूमत ने पैर पसारे तो हीरामंडी के तवायफ़खानों को उजाड़ दिया गया और विदेशी आक्रामणकारी तवायफ़ों को उठाकर ले गए. फिर ब्रिटिश राज में हीरामंडी वेश्यावृत्ति की तरह जाने पर मजबूर हो गई.

इस इलाके में महिलाएं और खुसरा नाचने-गाने लगे और सैनिक अपना दिल बहलाने के लिए यहां पर आने लगे. देखते ही देखते यह इलाका रेडलाइट एरिया में बदल गया. हालांकि इसे फिर से तवायफ़ों के साथ रौशन करने के लिए सिख राज ने कोशिश की लेकिन लाहौर में ईस्टइंडिया कंपनी आने के बाद मूलतौर पर हीरामंडी रेडलाइट एरिया में ही तब्दील हो गया. 

ब्रिटिश हुकूमत के दौरान चली गई हीरामंडी की रौनक

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साल 1947 में जब पाकिस्तान आजाद हुआ तो फिर से इस इलाके को रंगीन बनाने के लिए यहां आने वाल ग्राहकों को सरकार ने कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराईं लेकिन कामयाबी नहीं मिली. फिर साल 2010 में हीरामंडी के पास स्थित तरन्नुम सिनेमा में दो बम धमाके हुए और पूरे इलाके में दहशत का माहौल हो गया. जो बचाकुचा बिजनेस था वो पूरी तरह से ठप्प हो गया. 

वेबसीरीज से है हीरामंडी के लोगों को उम्मीद

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कहा तो यह भी सजाता है कि आज भी हीरामंडी में जूतों का रॉ मैटेरियल मिलता है और यहां पर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की दुकाने हैं और यहां पर खाने-पीने का दुकान आज भी आबाद हैं. लेकिन चकलाघर अब सूनसान पड़े हुए हैं. वहीं जब खबर पाकिस्तान में लगी कि भारत के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली हीरामंडी को लेकर एक सीरीज बना रहे हैं तो वहां रह रहे लोगों के मन में एक बार फिर उम्मीद जग गई है और उन्हें लगता है कि सीरीज बनने के बाद एक बार फिर उनका इलाका रौशन हो जाएगा और यहां पर टूरिस्ट आने लगेंगे.