यूपीएससी (UPSE Exam) की परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, इसके बावजूद हर साल लाखों युवा इस परीक्षा में बैठते हैं और उतने ही हर साल इस परीक्षा को पास करने का लक्ष्य लिए अपना घर छोड़ बड़े-बड़े शहरों में तैयारी के लिए जाते हैं. ये परीक्षा पास करने वाले चंद भाग्यशाली बाद में आईएएस (IAS), आईपीएस(IPS), आईईएस (IES) या आईएफएस(IFS) जैसे अधिकारी चुने जाते हैं.
इतनी जानकारी तो बहुत से लोगों को होती है. लेकिन इन अधिकारियों के बारे में जानने के लिए और भी बहुत कुछ है. जैसे जिले का मालिक कहे जाने वाले IAS- IPS की Salary कितनी होती है, इन्हें सरकार की तरफ से क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? कौन अधिक ताकतवर होता है, IAS या फिर IPS?, कैसे होता है इनका चुनाव?
कैसे चुने जाते हैं IAS
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक लाने वाले उम्मीदवारों को आईएएस बनने का मौका मिलता है. उसके बाद IPS चुने जाते हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के माध्यम से इन्हें देश के नौकरशाही ढांचे में काम करने का मौका मिलता है और एक आईएएस अधिकारी विभिन्न मंत्रालयों व प्रशासन के विभागों में नियुक्त किए जाते हैं. बता दें कि कैबिनेट सचिव का पद एक IAS अधिकारी के लिए सबसे वरिष्ठ होता है.
IAS की सैलेरी कितनी होती है?
Representational Image
7वें वेतन आयोग के अनुसार एक आईएएस अफसर की बेसिक सैलेरी 56100 रुपये होती है. इसके साथ ही इन्हें टीए, डीए और एचआरए के अलावा कई अन्य भत्ते भी दिए जाते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो एक IAS अधिकारी की सैलरी IPS Officer से ज्यादा होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक IAS की जिम्मेदारियां IPS से ज्यादा होती हैं. सातवें पे कमीशन के बाद एक IAS ऑफिसर की सैलरी 56,100 से 2.5 लाख रुपये प्रति महीने होती है. इसके अलावा, एक IPS अधिकारी की सैलरी 56,100 रुपये से लेकर 2,25,000 रुपये तक होती है.
IAS-IPS में ताकतवर कौन?
IMS
IAS और IPS अलग-अलग जिम्मेदारियां निभाते हैं. IAS अधिकारियों को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग व कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय नियंत्रित करती है. वहीं IPS को केंद्रीय गृह मंत्रालय नियंत्रित करता है. इसके साथ ही, एक क्षेत्र में केवल एक IAS अधिकारी होता है जबकि एक क्षेत्र में IPS अधिकारी की संख्या आवश्यकता के अनुसार होती है. IAS अधिकारी का वेतन IPS अधिकारी की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक होता है. कुल मिलाकर, IAS अधिकारी का पद वेतन और अधिकार के मामले में एक IPS अधिकारी से बेहतर होता है.