गगल एयरपोर्ट-फोरलेन का क्या सीन है?, अनुराग ठाकुर बोले, प्रशासन ही दे सकता है ज्यादा जानकारी

गगल में फोरलेन और गगल हवाई अड्डे की स्थिति जल्द स्पष्ट की जाए, ताकि लोग सही स्थान पर अपने मकानों के निर्माण कर सकें। यह मांग एयरपोर्ट के साथ गांवों के लोगों ने केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से की है। गौर हो कि केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री मंगलवार प्रात: गगल हवाई अड्डे पर पहुंचे। इस दौरान पत्रकारों द्वारा गगल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के बारे में पूछे गए सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में जिला प्रशासन ही बेहतर बता सकता है। बता दें कि पिछले 20 वर्षों से गगल हवाई अड्डे के आसपास रहने बाले लोग असमंजस की स्थिति हैं।

गगल हवाई अड्डे का 2002 में दूसरी बार विस्तार हुआ था, लेकिन इस विस्तार के पांच वर्ष बाद फिर से गगल हवाई अड्डे के मांझी खड्ड तक विस्तार का मामला उठा। इससे साथ लगते गांव सनोरा, रच्छियालु, बैंंटलू, कुठमां, भेड़ी और गगल के लोग सालों तक इस कद्र परेशान रहे कि वे न तो अपने मकान बना सके और न ही अपने घरों की मरम्मत ढंग से करवा सके। 2019 में अब गगल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के जिन्न फिर निकला। लोग इसके विरोध में उठ खड़े हुए और इसके विरोध में रैलियां तक निकाली। अब 2022 में पुन: गगल हवाई अड्डे के विस्तार का मामला उठा है। उधर फोरलेन का मामला भी गगल हवाई अड्डे के कारण कुठमां से लेकर मटौर तक उलझा पड़ा है। इस पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि फोरलेन और गगल हवाई अड्डे की स्थिति स्पष्ट की जाए।

 

राष्ट्र स्तरीय सुजानपुर होली उत्सव में पहुंचे केंद्रीय सूचना एवं प्रसारणए युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने मेले के शुभारंभ और बधाई संदेश के साथ ऊना-हमीरपुर रेल लाइन के सर्वे की हकीकत बताते हुए विरोधियों को भी खरी-खोटी सुना दी। पत्रकारों से की गई बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग चाहते ही नहीं कि हमीरपुर तक रेल पहुंचे। कांग्रेस शुरू से ही इसका विरोध करती रही है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि किसी भी प्रोजेक्ट का पहले प्री सर्वे होता है, फिर फाइनल सर्वे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले इसका बजट 6 हजार 800 करोड़ बना था।

इसमें टिपिकल टैरेन जैसी बाधाएं थीं। हमीरपुर शहर तक रेललाइन को पहुंचाने के अढ़ाई हजार करोड़ एक सुरंग की कॉस्ट बैठ रही थी इसके अलावा दो बड़े पुलों का खर्चा था। इसलिए रि-सर्वे करवाया गया, जिसमें रेल लाइन की कॉस्ट 4 हजार करोड़ बनी। इसमें एक हजार करोड़ के लगभग प्रदेश सरकार खर्च वहन करेगी और तीन हजार करोड़ केंद्र सरकार देगी। हमीरपुर में इंडोर स्टेडियम को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि जब सारा काम हो जाएगा उस वक्त बताएंगे और एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाकर देंगे कि यहां केवल प्रशिक्षण ही नहीं होंगे बल्कि कंपीटीशन भी हो सकेंगे।