आइए जानते हैं कि उपचुनाव में क्या हुआ? कहां से कौन प्रत्याशी जीता? किस पार्टी को कितना फायदा मिला? इसके नतीजे क्या सियासी संदेश दे रहे हैं?

उपचुनाव
छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे लगभग आ चुके हैं। तीन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है, एक पर बढ़त बनी हुई है। आरजेडी और शिवसेना (उद्धव गुट) को एक-एक सीट पर जीत मिली। तेलंगाना में टीआरएस आगे चल रही है। दो राज्यों में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आए उपचुनाव के इन नतीजों ने राजनीतिक पार्टियों के लिए काफी बड़ा संदेश दे दिया है।
आइए जानते हैं कि उपचुनाव में क्या हुआ? कहां से कौन प्रत्याशी जीता? किस पार्टी को कितना फायदा मिला? इसके नतीजे क्या सियासी संदेश दे रहे हैं?
पहले नतीजे जान लीजिए
उपचुनाव के नतीजे क्या सियासी संदेश दे रहे हैं?
इसे समझने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे बड़ा सियासी संदेश दे रहे हैं। इससे पता चलता है कि आने वाले समय में लगभग हर राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा बनाम अन्य होगा। भाजपा ने उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक अपनी पकड़ मजबूत बनानी शुरू कर दी है। ये नतीजे इसकी बानगी है।’
प्रमोद आगे कहते हैं, ‘ इन नतीजों को भाजपा दोनों चुनावी राज्यों में खूब प्रसारित करेगी और ये दिखाने की कोशिश करेगी की आज भी जनता का विश्वास भाजपा के पक्ष में है।’ प्रमोद के अनुसार, विपक्ष को भी अपनी नई रणनीति बनानी होगी।