“सोवियत, नजीबुल्लाह अहमदज़ई के हाथों में कमान सौंप कर देश छोड़ कर जा चुके थे और वो हिन्दी सिनेमा के बड़े फ़ैन थे. वो मुझ से मिलना चाहते थे और हमारा शाही स्वागत हुआ. मज़ार-ए-शरीफ़ में हमारा वेलकम VVIP स्टेट गेस्ट की तरह हुआ. हमें उस ख़ूबसूरत देश में हर तरफ़ कड़ी सुरक्षा में ले जाया गया. होटल में रहने नहीं दिया गया, एक परिवार ने हमारे लिए अपना घर खाली कर दिया और वो ख़ुद एक छोटे से घर में रहे.”
2022-10-11