APJ Abdul Kalam Birth Anniversary: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अपनी शादगी के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति रहते वर्ष 2006 में दिल्ली से देहरादून तक ट्रेन से यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान कई स्टेशनों पर उनके स्वागत में लोग पहुंच गए थे। उन्होंने यूपी के विकास के लिए 9 प्वाइंट एजेंडा दिया था।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के साथ अपना अलग ही संबंध बनाया। उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी का नाम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है। पूर्व राष्ट्रपति ने यूपी को मिशन 2020 का अलग ही मंत्र दिया था। उनके रिश्ते भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव, मायावती तक से बेहतर थे। उन्हें हर कोई पसंद करता था। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की शनिवार को जयंती है। इस मौके पर करीब 16 साल पुराना वह किस्सा एक बार फिर याद किया जा रहा है, जब डॉ. कलाम राष्ट्रपति रहते यूपी से होकर ट्रेन से गुजरे थे। स्टेशनों पर तक प्रेसिडेंशियल स्पेशल से जा रहे देश के राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर वैज्ञानिक डॉ. कलाम को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने तब दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा की थी। इस दौरान वे विशेष ट्रेन से देहरादून के आईएमए कैडेट्स के पासिंग आउट परेड में भाग लेने पहुंचे थे। डॉ. कलाम वर्ष 2002 से 2007 के बीच राष्ट्रपति थे। इस दौरान यूपी को लेकर उन्होंने अपना विजन दिया था। वे कहते थे, देश का विकास तब तक नहीं हो सकता है, जब तक यूपी का विकास नहीं होगा। यूपी के विकास की रूपरेखा भी उन्होंने पेश की थी।
यूपी के विकास का 9 बिंदुओं वाला एजेंडा
उत्तर प्रदेश के विकास के लिए डॉ. कलाम ने 9 प्वाइंट का एजेंडा दिया था। कृषि विकास से लेकर सोलर एनर्जी तक की बात उन्होंने अपने एजेंडे में की थी। इसके अलावा प्रदेश के मानव संसाधन को प्रशिक्षित कर उसे रोजगार से जोड़ने पर कलाम का जोर था। अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्री काल में कन्नौज में डॉ. कलाम के हाथों कन्नौज में सोलर पैनल के जरिए 24 घंटे बिजली की सप्लाई का उद्घाटन कराया था। वर्ष 2015 में ही यूपीटीयू के नाम में बदलाव का निर्णय लिया गया था।
एपीजे अब्दुल कलाम देश के विकास के लिए लोगों को रोजगार और खासकर स्वरोजगार से जोड़ने का मंत्र देते थे। शिक्षा पर उनका सबसे अधिक जोर रहता था। यूपी में भी उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने का मंत्र दिया था। सरकारों को वे निर्धारित समय सीमा के लिए योजना बनाकर काम करने का संदेश देते थे। उनकी शिक्षा आज भी काफी लोगों को प्रेरित करती हैं।
मुलायम ने दिया था समर्थन
वर्ष 2002 में जब भारतीय जनता पार्टी की ओर से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाने की चर्चा शुरू हुई तो कई राजनीतिक दलों की ओर से विरोध में उम्मीदवार दिए जाने की बात भी शुरू हो गई। विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहा था। लेकिन, उस समय समाजवादी पार्टी के संस्थापक ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को कह दिया कि देश के अगले राष्ट्रपति डॉ. कलाम ही बनेंगे। इसके बाद कलाम चुनावी मैदान में उतरे और देश के राष्ट्रपति पद पर विराजमान हुए।