हरियाणा के रोहतक जिले में बड़ी संख्या में बुजुर्गों को मृत घोषित कर उन्हें बुढ़ापा पेंशन नहीं मिल रही है.
रोहतक. हरियाणा के रोहतक जिले में बड़ी संख्या में बुजुर्गों को मृत घोषित कर उन्हें बुढ़ापा पेंशन नहीं मिल रही है. मामला मीडिया में सामने आने के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अफसरों को सभी की पेंशन बहाल करने के आदेश दिए हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल रोहतक रोहतक पहुंचे और लोगों की समस्याएं सुनी.
इस दौरान बुजुर्गों ने बताया कि उनका नाम बुढ़ापा पेंशन के लाभार्थियों की लिस्ट से काट दिया गया है. जब सीएम समस्याएं सुन रहे थे तो एक बुजुर्ग महिला ने अपनी व्यथा सुनाई. इस पर सीएम ने अपनी जेब से 2500 रुपये निकाले और बुजपर्ग महिला को थमा दिए. महिला को पैसे देते हुए सीएम ने वृद्धा से कहा, ‘लो इस महीने की पेंशन” और अगले महीने से घर आएगी. सीएम ने कहा कि 70 लोगों की पेंशन बहाल हो चुकी है और बाकी लोगों की पेंशन आज शाम तक फिर से बहाल हो जाएगी. इस दौरान सीएम खट्टर ने अधिकारियों को कहा कि आज शाम तक सभी की पेंशन बहाल होनी चाहिए.
बता दें कि हाल ही में 102 साल के बुजुर्ग ने पेंशन बंद करने के विरोध अपनी बारात निकाली थी. घोड़ों से सजे रथ पर सवार होकर निकले बुजुर्ग ने पोस्टरों पर लिखा था कि तुम्हारा फूफा अभी जिंदा है. मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी थी.
101 शिकायतें मिली थी, मौके पर सुलझाई
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में 101 शिकायतें आई, जिनका मौके पर ही निदान किया गया. शिकायतों में ज्यादातर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के मामले सामने आए. लाखन माजरा ब्लॉक के एक ग्राम सचिव को भी मुख्यमंत्री ने मौके पर ही निलंबित करने के आदेश जारी किए, क्योंकि उन पर आरोप था कि उन्होंने पंच सरपंचों के मानदेय में गड़बड़ी की है.
सांसद अरविंद शर्मा के एक समर्थक एडवोकेट आजाद अत्री भी गौड संस्था के चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री से मिले. मुख्यमंत्री ने उन्हें लिखित में शिकायत देने की बात कही तो वे बिफर गए, जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बाहर निकलने के निर्देश दिए, जिसको लेकर काफी देर तक हंगामा होता रहा.
रोहतक. हरियाणा के रोहतक जिले में बड़ी संख्या में बुजुर्गों को मृत घोषित कर उन्हें बुढ़ापा पेंशन नहीं मिल रही है. मामला मीडिया में सामने आने के बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अफसरों को सभी की पेंशन बहाल करने के आदेश दिए हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल रोहतक रोहतक पहुंचे और लोगों की समस्याएं सुनी.
इस दौरान बुजुर्गों ने बताया कि उनका नाम बुढ़ापा पेंशन के लाभार्थियों की लिस्ट से काट दिया गया है. जब सीएम समस्याएं सुन रहे थे तो एक बुजुर्ग महिला ने अपनी व्यथा सुनाई. इस पर सीएम ने अपनी जेब से 2500 रुपये निकाले और बुजपर्ग महिला को थमा दिए. महिला को पैसे देते हुए सीएम ने वृद्धा से कहा, ‘लो इस महीने की पेंशन” और अगले महीने से घर आएगी. सीएम ने कहा कि 70 लोगों की पेंशन बहाल हो चुकी है और बाकी लोगों की पेंशन आज शाम तक फिर से बहाल हो जाएगी. इस दौरान सीएम खट्टर ने अधिकारियों को कहा कि आज शाम तक सभी की पेंशन बहाल होनी चाहिए.
बता दें कि हाल ही में 102 साल के बुजुर्ग ने पेंशन बंद करने के विरोध अपनी बारात निकाली थी. घोड़ों से सजे रथ पर सवार होकर निकले बुजुर्ग ने पोस्टरों पर लिखा था कि तुम्हारा फूफा अभी जिंदा है. मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी थी.
101 शिकायतें मिली थी, मौके पर सुलझाई
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में 101 शिकायतें आई, जिनका मौके पर ही निदान किया गया. शिकायतों में ज्यादातर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के मामले सामने आए. लाखन माजरा ब्लॉक के एक ग्राम सचिव को भी मुख्यमंत्री ने मौके पर ही निलंबित करने के आदेश जारी किए, क्योंकि उन पर आरोप था कि उन्होंने पंच सरपंचों के मानदेय में गड़बड़ी की है.
सांसद अरविंद शर्मा के एक समर्थक एडवोकेट आजाद अत्री भी गौड संस्था के चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री से मिले. मुख्यमंत्री ने उन्हें लिखित में शिकायत देने की बात कही तो वे बिफर गए, जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बाहर निकलने के निर्देश दिए, जिसको लेकर काफी देर तक हंगामा होता रहा.