पति की मौत हुई तो जिंदगी की गाड़ी दौड़ाने के लिए थाम ली स्टीयरिंग, UP की पहली महिला ड्राइवर से मिलिए

UPSRTC Driver Priyanka Sharma Story: यूपी परिवहन की बसों की स्टीयरिंग संभालने वाली प्रियंका शर्मा महिलाओं के लिए इंस्पीरेशन हैं। शराब ने पति की जान ले ली। इसके बाद उन्होंने कुछ करने की ठानी। पहले ट्रक में हेल्पर का काम किया। फिर ड्राइवर बनी। अब यूपीएसआरटीसी की बस को दौड़ा रही हैं।

Priyanka Sharma UPSRTC

मेरठ: जिंदगी की गाड़ी जब सड़क से उतर जाए। आप डगमगाने लगें तो एक बार प्रियंका शर्मा से मिलिए। पति की मौत के बाद जिंदगी सड़क से उतरती दिखने लगी थी। स्टीयरिंग थामी और फिर से जीवन को सड़क पर चलाना शुरू कर दिया। शराब ने पति को छीन लिया। दोनों किडनी खराब हो गई थी। इलाज शुरू कराया। पैसे खत्म हो गए। दो बच्चे थे। उनके भविष्य के ख्याल ने प्रियंका को दिल्ली पहुंचा दिया। कारखाने में हेल्पर बनी। लेकिन, बात बनती नहीं दिख रही थी। फिर ड्राइवर बनना तय किया। परिवार वालों का विरोध अलग। महिला ड्राइवर बनेगी कहीं। प्रियंका कहां परवाह करने वाली थी। किसी की नहीं सुनी। ड्राइविंग का कोर्स किया। ट्रक चलाने का फैसला लिया। विरोध यहां भी हुआ। परिवार ने नाता तोड़ लिया। लेकिन, स्टीयरिंग नहीं छोड़ी। फिर यूपी राज्य परिवहन निगम की ओर से महिला ड्राइवरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई। योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले ने प्रियंका की जिंदगी बदल दी। अब वे यूपीएसआरटीसी की उन 26 महिला ड्राइवरों में से एक हैं। यूपी की पहली महिला बस ड्राइवर होने का खिताब पाने वाली। प्रियंका शर्मा उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो जिंदगी के हिलकोरों से परेशान होकर उम्मीद छोड़ देते हैं।

शराब ने ली थी प्रियंका के पति की जान

प्रियंका शर्मा बिहार के बांका जिले के हरदौड़ी गाव की रहने वाली हैं। वर्ष 2002 में राजीव नाम के व्यक्ति से शादी हुई। दो बेटे हुए। लेकिन, पति को शराब की लत थी। लत ऐसी कि पीते रहे और अपने जीवन को मौत के करीब लाते रहे। दोनों किडनी खराब हो गई। और फिर मौत। इस मौत ने प्रियंका के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया। दो बच्चों को पालने की चुनौती थी। रहने को घर नहीं था। ऐसे में दिल्ली जाकर कारखाने में हेल्पर का काम किया। प्रियंका कहती हैं कि वर्ष 2016 में मैंने संजय गांधी ट्रांसपोर्ट ज्वाइन किया। एक हेल्पर के तौर पर। इसके बाद ड्राइवरी सीखी। ट्रक की ड्राइवर बन गई। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिला ड्राइवरों की नियुक्ति का फैसला किया। मेरा चयन वर्ष 2022 में हुआ। इसके बाद ट्रेनिंग हुई और 1 सितंबर को मैंने मेरठ में बस ड्राइवर के रूप में ज्वाइन किया।

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ट्रक ड्राइवर के रूप में शुरू किया करियर

प्रियंका शर्मा ने पति की मौत के बाद अपने माता-पिता के परिवार का सहारा लिया। रहने के लिए घर नहीं थे। पैसे पति की शराब से बीमारी में खत्म हो चुके थे। उसने दिल्ली जाकर काम करने का फैसला किया। मां और भाईयों को यह पसंद नहीं था। लेकिन, प्रियंका को अपने दो बच्चों को पालना था। चली गई। कारखाने में हेल्पर के रूप में काम मिल गया। लेकिन, दोनों बच्चों को पालना तब भी संभव नहीं हो रहा था। ड्राइविंग का कोर्स किया और मुंबई चली गई। इसके बाद ट्रक ड्राइवर के रूप में अपना करियर शुरू किया। परिवार को यह पसंद नहीं आया। उन्होंने प्रियंका को परिवार से अलग कर दिया।

प्रियंका उस वक्त को याद करते हुए भावुक होती हैं। बताती हैं कि ट्रक ड्राइवर के रूप में कार्य कठिन था। लेकिन, हमने बंगाल और असम तक ट्रक चलाया है। ट्रक चलाने के बाद उन्होंने बस ड्राइवर बनने का फैसला लिया।

UPSRTC Driver Priyanka Sharma

यूपी सरकार के फैसले से मिली राहत

यूपी सरकार ने परिवहन विभाग की बसों में महिला ड्राइवरों की नियुक्ति का फैसला लिया। योगी सरकार के इस फैसले ने प्रियंका जैसे ड्राइवर के लिए एक अवसर देने का काम किया। वर्ष 2022 में उनका चयन यूपीएसआरटीसी के बस ड्राइवर के रूप में हुआ। मई में उन्होंने ट्रेनिंग पूरी कर ली। इसके बाद सितंबर में उन्हें पोस्टिंग मिल गई। अब वे यूपीएसआरटीसी में पहली महिला बस ड्राइवर बन गई हैं। कहती हैं कि महिला बस ड्राइवरों की सैलरी कम है। हालांकि, इस मामले में सरकार और परिवहन विभाग की ओर से भरोसा दिलाया जा रहा है। अब वे खुश हैं। परिवार भी। बच्चों को भी समय दे रही हैं। महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।