Diwali 2022 कब है, अपनों को कैसे भेजें शुभकामना संदेश, कोट्स, और तस्वीरें? हर सवाल का जवाब यहां है

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दिवाली या दीपावली (Deepavali) भारत में मनाया जाने वाला एक ऐसा त्योहार है जिसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह एक शुभ हिंदू त्योहार है, जोकि कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. Diwali हर साल दशहरा के 20 दिनों के बाद आता है, और धनतेरस से लेकर भाई दूज तक पंच दिवसीय दीपोत्सव (5 dates of Diwali 2022) के रूप में धूमधाम के साथ देशभर में सेलिब्रेट किया जाता है. इस पर्व को मनाने की तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. इस साल दिवाली कब है, आप अपने अपनों को कैसे शुभकामना संदेश, कोट्स, और तस्वीरें भेज सकते हैं? हर सवाल का जवाब यहां है:

2022 में दिवाली कब है?( When Is Diwali 2022)

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पंच दिवसीय त्योहार 22 अक्टूबर, 2022 (शनिवार) को धनतेरस से शुरू होगा और 26 अक्टूबर, 2022 (बुधवार) को भाई दूज के साथ समाप्त होगा. दिवाली तीसरे दिन 24 अक्टूबर, 2022 (सोमवार) मनाई जाएगी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिवाली कार्तिक कृष्ण अमावस्या को मनाई जाती है.

दिवाली 2022 का समय (दिवाली शुभ मुहूर्त 2022) / Diwali 2022 Timing (Diwali Shubh Muhurat 2022):

  • दीपावली – 24 अक्टूबर 2022

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 7 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 25 मिनट तक

  • अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05:27 बजे से शुरू हो रही है.

  • अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर 2022 को शाम 04:18 बजे समाप्त हो रही है.

  • प्रदोष काल – 24 अक्टूबर 2022 को शाम 5 बजकर 54 मिनट से 8 बजकर 25 मिनट तक

  • वृषभ काल – 24 अक्टूबर 2022 को शाम 7 बजकर 08 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक

दिवाली या दीपावली की छुट्टी 2022 (Diwali or Deepawali Holiday 2022):

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देश भर के सभी सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक, स्कूल और सरकारी कार्यालय सोमवार, 24 अक्टूबर 2022 को बंद रहेंगे. दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गोवा, केरल, पंजाब, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में दिवाली या दीपावली बहुत धूमधाम से मनाई जाएगी.

दिवाली 2022 के पांच दिन (Five Days Of Diwali 2022:):

त्योहार

तारीख

तिथि

कैसे मनाया जाता है

धनतेरस

शनिवार, 22 अक्टूबर, 2022

त्रयोदशी

सोने, चांदी और बर्तन खरीदते हैं

नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली

रविवार, 23 अक्टूबर 2022

चतुर्दशी

दीपदान और रंगोली बनाना

दिवाली (लक्ष्मी पूजा)

सोमवार, 24 अक्टूबर 2022

अमावस्या

रोशनी और दीयों का त्योहार

गोवर्धन पूजा

मंगलवार, 26 अक्टूबर 2022

प्रतिपदा

भगवान गोवर्धन (श्री कृष्ण) की पूजा

भैया दूज

बुधवार, 26 अक्टूबर 2022

द्वितीया

भाई-बहन का त्योहार

धनतेरस का इतिहास और महत्व (Dhanteras History and Significance)

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धनतेरस को धनत्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है, जो पांच दिनों तक चलने वाले पंच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत का प्रतीक है. ऐसा माना जाता है कि भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से बाहर आए थे. इसलिए इस दिन तीनों देवताओं की पूजा की जाती है.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, धनतेरस का त्योहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को पड़ता है. यह दिन लोगों के लिए बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण दिन होता है क्योंकि वे सोना, चांदी, बर्तन और यहां तक ​​कि गैजेट्स भी खरीदते हैं क्योंकि इस दिन ऐसी चीजें खरीदने से घर में सौभाग्य और देवी लक्ष्मी की कृपा मिलती है. इस साल धनतेरस दिवाली से दो दिन पहले यानी 22 अक्टूबर 2022 शनिवार को मनाया जाएगा.

धनतेरस 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2022 Timings And Puja Muhurat)

  • धनतेरस – 22 अक्टूबर 2022

  • धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त – शाम 7 बजकर 16 मिनट से शाम 8 बजकर 26 मिनट तक

  • त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – 22 अक्टूबर  2022 को 06:02 PM

  • त्रयोदशी तिथि समाप्त – 23 अक्टूबर 2022 को 06:03 PM

छोटी दिवाली इतिहास और महत्व (Choti Diwali History and Significance)

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छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी (narak chaturdashi) के रूप में भी जाना जाता है, हिंदुओं के बीच एक और सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है. ऐसा माना जाता है कि एक बार नरकासुर नामक राक्षस ने बहुत सारी शक्तियां प्राप्त कीं और हजारों युवा लड़कियों को बंदी बना लिया. वह अपनी इच्छा से उन्हें प्रताड़ित करता था और इस प्रकार अपनी शक्ति का दुरूपयोग करता था.

महिलाओं ने भगवान कृष्ण की पूजा की और उनसे मदद मांगी. तब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का संहार किया और सभी लड़कियों को बचाया. लड़कियां शर्मिंदा थीं और सामाजिक बहिष्कार से डरती थीं, इसलिए भगवान कृष्ण ने सभी लड़कियों को अपनी पत्नियों के रूप में स्वीकार कर लिया. तब से लोग इस दिन को छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के रूप में दीये जलाकर, घर पर रंगोली बनाकर और पटाखे जलाकर मनाते हैं.

नरक चतुर्दशी 2022 शुभ मुहूर्त (Narak Chaturdashi 2022 timing)

  • नरक चतुर्दशी – 23 अक्टूबर 2022, रविवार

  • चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – 23 अक्टूबर  2022 को 06:03 PM

  • चतुर्दशी तिथि समाप्त – 24 अक्टूबर  2022 को 05:27 PM

  • काली चौदस मुहूर्त – 23 अक्टूबर 2022 को 11:40 PM से 24 अक्टूबर 2022 को 12:31 AM तक

दिवाली (लक्ष्मी पूजा) इतिहास और महत्व (Diwali History and Significance)

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दिवाली भारत का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान राम को समर्पित है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक अमावस्या को रावण का वध करने के बाद भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौट आए थे. अपने राजा की जीत और घर वापसी के बारे में सुनकर अयोध्यावासी बहुत खुश थे, और इसलिए उन्होंने पूरे राज्य को मिट्टी के दीयों से रोशन किया और अपने घरों को सजाया. तब से यह एक ऐसी परंपरा बनी हुई है जिसका आज भी लाखों लोग पालन करते हैं.

लक्ष्मी पूजा 2022 शुभ मुहूर्त ( Diwali Lakshmi Puja 2022)

  • लक्ष्मी पूजा – 24 अक्टूबर 2022, सोमवार

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 24 अक्टूबर 2022 को शाम 07 बजकर 26 मिनट से रात्रि 08 बजकर 38 मिनट तक

  • प्रदोष काल – 24 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात्रि 08 बजकर 38 मिनट तक

  • वृषभ काल – 24 अक्टूबर 2022 को शाम 07 बजकर 26 मिनट से रात्रि 09 बजकर 25 मिनट तक

गोवर्धन पूजा का इतिहास और महत्व (Govardhan Puja History and Significance)

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आमतौर पर, गोवर्धन पूजा दिवाली के ठीक बाद होती है, लेकिन इस साल यह एक दिन बाद 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (solar eclipse 2022) के कारण आएगी. मंदिरों में जाने और पूजा करने के लिए ग्रहण को एक अशुभ समय माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि गोकुल के ग्रामीणों ने जब भगवान इंद्र की पूजा करना बंद कर दिया तो उन्होंने क्रोध में आकर मूसलाधार बारिश शुरू कर दी. गोकुलवासी देवराज इंद्र से घबरा गए और भगवान कृष्ण के पास पहुंचे. तब श्रीकृष्ण ने मवेशियों और गोकुलवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत (Govardhan hill) को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया.

तब से गोवर्धन पूजा की परंपरा शुरू हुई. इस दिन लोग गाय के गोबर और मिट्टी से छोटी-छोटी पहाड़ियाँ बनाते हैं और भगवान कृष्ण के लिए छप्पन भोग (56 प्रकार का भोजन) तैयार करके उनकी पूजा करते हैं. भक्त भगवान कृष्ण की मूर्तियों को दूध से स्नान कराते हैं, मूर्तियों को नए कपड़े और आभूषण पहनाते हैं.

गोवर्धन 2022 पूजा मुहूर्त ( Govardhan 2022 Puja Muhurat)

  • गोवर्धन पूजा – 26 अक्टूबर 2022, बुधवार

  • गोवर्धन पूजा मुहूर्त – 26 अक्टूबर 2022 सुबर 6 बजकर 12 मिनट से सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक

  • प्रतिपदा तिथि प्रारंभ – 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 18 मिनट से

  • प्रतिपदा तिथि समाप्त – 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक

भाई दूज का इतिहास और महत्व (Bhai Dooj History and Significance)

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भाई दूज भाई-बहनों का सबसे शुभ और महत्वपूर्ण त्योहार है. यह एक भाई और बहन के बीच बिना शर्त प्यार का प्रतीक है, और पूरे देश में पांच दिवसीय उत्सव के आखिरी दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.

इस शुभ दिन पर बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उसके बाद आरती करती हैं. फिर वे उसे कलावे से बंधा हुआ सूखा नारियल सौंपती हैं और एक-दूसरे को मिठाई खिलाती हैं. तिलक के बाद भाई बहन को गिफ्ट्स देते हैं. इस दिन रक्षाबंधन (raksha bandhan) की तरह बहनें अपने प्यारे भाइयों की लंबी उम्र और सलामती की दुआ करती हैं, वहीं भाई उनकी हमेशा रक्षा करने का वादा करते हैं.

भाई दूज उत्सव के पीछे कई पौराणिक कहानियां हैं. ऐसा माना जाता है कि नरकासुर राक्षस (Narakasura) को मारने के बाद, भगवान कृष्ण (lord Krishna)अपनी बहन सुभद्रा के पास गए, जहां उन्होंने मिठाई और फूलों के साथ गर्मजोशी से अपने भाई का स्वागत किया और उनके माथे पर तिलक लगाया, तब से यह त्योहार ‘भाई दूज’ के रूप में मनाया जाता है.

वहीं धर्मग्रंथों में वर्णित कथानुसार, एक बार ‘यमराज’ यानि ‘मृत्यु के देवता’ अमावस्या के दूसरे दिन अपनी बहन ‘यमुना’ से मिलने गए. उनकी बहन युमना ने अपने भाई को तिलक और उन्हें भोजन कराया. जिसके बाद यमराज (Yama) ने युमना से मनचाहा वरदान मांगने के लिए कहा. तब यमुना ने कहा कि भाई आप हर साल मेरे घर आया करें और इस दिन जो बहनें अपने भाई को तिलक करेंगी उन्हें कभी भी मृत्यु का डर नहीं लगेगा. यमराज ने अपनी बहन की बात सुनी और तथास्तु कहकर चले गए. तब से, भाई दूज का त्योहार दिवाली के पंच दिवसीय दीपोत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया.

भाई दूज महाराष्ट्र और गोवा में ‘भाऊ बीज’, पश्चिम बंगाल में ‘भाई फोटा’, ​​उत्तर प्रदेश और बिहार में ‘भाई टीका’ और नेपाल देश में ‘भाई तिहार’ जैसे विभिन्न अनुष्ठानों और नामों के साथ पूरे देश में मनाया जाता है.

भैया दूज 2022 शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2022 Shubh Muhurat)

  • भैया दूज – 26 अक्टूबर 2022,  बुधवार

  • तिलक का समय – 26 अक्टूबर 2022 दोपहर 1 बजकर 31 मिनट से शाम 3 बजकर 50 मिनट तक

  • द्वितीया तिथि प्रारम्भ – 26 अक्टूबर 2022 को 02:42 PM

  • द्वितीया तिथि समाप्त – 27 अक्टूबर 2022 को 12:45 PM

List of Other Major Festivals and Holidays in October 2022

तारीख

तीज-त्योहारों और छुट्टियों का नाम

2 अक्टूबर 2022 (रविवार)

महात्मा गांधी जयंती

3 अक्टूबर 2022 (सोमवार)

महा अष्टमी

4 अक्टूबर 2022 (मंगलवार)

महा नवमी

5 अक्टूबर 2022 (बुधवार)

 दशहरा या विजया दशमी

8 अक्टूबर 2022 (शनिवार)

 ईद ए मिलाद

23 अक्टूबर 2022 (रविवार)

 नरक चतुर्दशी 2022 या छोटी दिवाली

24 अक्टूबर 2022 (सोमवार)

दिवाली या लक्ष्मी पूजा

26 अक्टूबर 2022 (बुधवार)

गोवर्धन पूजा

26 अक्टूबर 2022 (बुधवार)

 भाई दूज

30 अक्टूबर 2022 (रविवार)

छठ पूजा

31 अक्टूबर 2022 (सोमवार)

सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती

दिवाली की तारीख 2023 से 2028 तक (Diwali dates from 2023 to 2028)

तारीख

दिन

साल

12 नवंबर

रविवार

दिवाली 2023

01 नवंबर

शुक्रवार

दिवाली 2024

21 अक्टूबर

मंगलवार

दिवाली 2025

08 नवंबर

रविवार

दिवाली 2026

29 अक्टूबर

शुक्रवार

दिवाली 2027

17 अक्टूबर

मंगलवार

दिवाली 2028