सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय सहारा की सफलता की कहानी आपने कई बार पढ़ी होगी, लेकिन उनकी जिंदगी में सब कुछ इतनी आसानी से नहीं हुआ। एक दौर था जब सहारा मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। हालात ऐसे बने कि उन्हें अपनी पत्नी के गहने तक बेचने पड़ गए। सुब्रत रॉय को आज तक उस बात का पछतावा है।
नई दिल्ली: सुब्रत रॉय सहारा (Subrata Roy Sahara) किसी पहचान के मोहताज नहीं है। देश नहीं दुनिया भर में उनका कारोबार फैला है। सुब्रत रॉय सहारा वो नाम है, जिसने 2000 रुपये की पूंजी, दो कुर्सी और एक स्कटूर से 20 लाख करोड़ तक के कारोबार का सफर तय किया। सुब्रत रॉय सहारा किसी कारोबारी परिवार से नहीं आते हैं। बिहार के छोटे से शहर अररिया ने निकलकर उन्होंने खुद को सहारा से सहारा श्री बना लिया। सुब्रत पैसे से पैसा बनाने का तरीका जानते हैं। इसलिए जो सफर लैब्रेटा स्कूटर से शुरू हुआ वो सड़क के होता हुआ आसमान तक पहुंच गया। हालांकि इस सफर में वो अकेले नहीं थे। उनकी सफलता अकेले उनकी नहीं है। उनकी पत्नी स्वप्ना रॉय (Swapna Roy) हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं।
कैसे हुई स्वप्ना रॉय से मुलाकात
सुब्रत राय सहारा वो नाम है, जिसने मामूली पूंजी और अपने अथक परिश्रम के दम पर वो मुकाम हासिल किया, जो बड़े-बड़े लोग तमाम सुविधाओं के रहते हुए नहीं कर पाते हैं। दूरदर्शी बिजनेसमैन के साथ एक बेहतरीन पति भी हैं। आपने सुब्रत रॉय के बारे में काफी कुछ पढ़ा और देखा होगा, लेकिन आज हम आपको उनकी लव लाइफ के बारे में बता रहे हैं। बिहार के अररिया के रहने वाले सुब्रत रॉय पढ़ाई में कुछ खास अच्छे नहीं थे। साल 1978 में उन्होंने गोरखपुर में ही अपना पहला कारोबार शुरू किया। 2000 रुपये की सेविंग से काम शुरू कर दिया। इस बीच उनकी मुलाकात कोलकाता यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली स्वप्ना रॉय (Swapna Roy) से हुई। स्वप्ना यूनिवर्सिटी टॉपर थीं। दोनों की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई। 6 सालों तक दोनों एक दूसरे को डेट करते रहे और फिर परिवार की मर्जी से दोनों ने शादी कर ली।
गिरवी रखने पड़े थे पत्नी के गहने
ये वक्त सुब्रत रॉय के संघर्ष का था। कारोबार के लिए चुनौतियां आ रही थी। निवेश के लिए पैसों की जरूरत थी। हालात ऐसे बनें कि उन्हें अपनी पत्नी के गहने तक गिरवी रखने पड़े थे। सिमी गरेवाल के चैट शो Rendezvous With Simi Garewal में उन्होंने इन बातों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वो वक्त मेरे लिए मुश्किल भरा था। मैं उस वक्त को कभी नहीं भूल सकता, जब मुझे अपनी पत्नी स्वप्ना के गहने बेचने पड़े थे। मुझे इस बात का आज तक मलाल है। इसी बात का पश्चाताप है कि मैं अपनी पत्नी को उनके हर जन्मदिन पर सोने की ज्वैलरी ही देता हूं।
आज तक नहीं भूल पाए
इस चैट शो में सुब्रत रॉय सहारा ने बताया कि वो आज तक इस बात को नहीं भूल पाए। इसे भुलाने के लिए ही मैं उन्हें हर गिफ्ट में गोल्ड ज्वैलरी देता हूं। उनके पास अब इतने गहने हो चुके हैं और वो चाहती है कि अब मैं इसे बंद कर दूं। सहारा के कारोबार को शुरू करने में स्वप्ना ने उनकी काफी मदद की थी। सुब्रत रॉय की अंग्रेजी अच्छी नहीं थी, जिसके कारण उन्हें कारोबार में दिक्कते भी झेलनी पड़ रही थी। स्वप्ना ने उनकी इस कमी को दूर किया। उन्हें अंग्रेजी सिखाई। सुब्रत रॉय और स्वप्ना के दो बेटे सुशांतो औऱ सीमांते पिता के कारोबार में उनका साथ देते हैं। इन दिनों मुश्किलों से घिरे सुब्रत रॉय भगवान में पूरा विश्वास रखते हैं। वो कई बार इस बात को कह चुके हैं कि उनका भरोसा ईश्वर में हैं और उनके पास जो कुछ भी है वो भगवान का दिया है। उन्हें किताबें लिखने का शौक है। उन्होंने अब तक 4 किताबें भी लिखी है।