लखनऊ. उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. राजनीतिक पार्टियां चुनाव से पहले ही सियासी धार जोर लगाने में जुटीं हैं. इन सबके बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को ऐलान कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव अपने तय समय पर ही होंगे. आपको बता दें कि पिछले चुनाव साल 2017 में नवंबर के महीने में तीन चरणों में करवाए गए थे और पहली दिसंबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित हुए थे. पहले चरण में यूपी के 24 जिलों में 22 नवंबर को मतदान हुआ था. दूसरे चरण में 25 जिलों में 26 नवंबर को औरर 29 नवंबर को तीसरे चरण में 26 जिलों में मतदान हुआ था. 2017 के चुनाव में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका और 438 नगर पंचायतों यानि कुल 652 नगरीय निकायों के लिये चुनाव करवाए गए थे.
राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी एसके सिंह ने न्यूज 18 से खास बातचीत में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले पांच सालों के दौरान सृजित और विस्तारित हुए नए नगर निकायों के परिसीमन की रिपोर्ट का हमें इंतजार है. परिसीमन की रिपोर्ट आने के बाद नगरीय निकायों की वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण का काम करवाया जाएगा और फिर चुनाव करवाने के लिये राज्य सरकार से अनुमति मांगी जाएगी. राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही कार्यक्रम घोषित किया जाएगा.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे नगरीय निकायों के चुनाव सम्बंधी कार्यक्रम को फर्जी करार देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग ने अभी कोई चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया है. उन्होंने बताया कि पिछले चुनावों की तारीखों के हिसाब से इन निकायों का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है, उससे पहले इस साल दिसंबर के अंत में चुनाव करवाए जाने की तैयारी चल रही है.
एसके सिंह ने बताया कि साल 2017 में हुए इन चुनावों 3.32 करोड़ वोटर थे, इस बार चूंकि निकायों की संख्या बढ़ी है इसलिए वोटरों की तादाद भी बढ़ेगी. इस बार अभी तक प्रदेश सरकार ने समय-समय पर नए निकायों के गठन और मौजूदा निकायों के विस्तार के जो निर्णय लिए हैं, उनके अनुसार कुल 82 नए निकाय बने हैं. इस तरह से अब नगरीय निकायों की कुल संख्या 734 हो गई है. इनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका और 517 नगर पंचायतें शामिल हैं. इस बार परिसीमन की रिपोर्ट आने तक राज्य सरकार कुछ और नए नगरीय निकायों का गठन कर सकती है.