न्यायालय ने अपने आदेश में कहां कि वीरेंद्र चौहान ही हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के संवैधानिक अध्यक्ष

न्यायालय ने अपने आदेश में कहां कि वीरेंद्र चौहान ही हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के संवैधानिक अध्यक्ष

राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही खींचतान और एक दूसरे के निलंबन को लेकर चल रही लडाई जब न्यायालय में पहुंची तो इस पूरी प्रक्रिया में सत्र न्यायाधीश शिमला आदरणीय श्री अशोक शर्मा जी द्वारा 11 पनों मे एक अंतरिम आदेश पारित किया है जिसमें वीरेंद्र चौहान द्वारा उनके निलंबन और उन पर कैलाश ठाकुर व अन्य द्वारा लगाए गए आरोपो को जिसमें संगठन के पदाधिकारियों को सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने और अपने हित साधने तथा संगठन के नाम पर 18 लाख के गमन करने संबंधित कई गंभीर आरोप लगाकर उन्हें 10 अप्रैल को एसपीएम मॉडल स्कूल संजौली में हुई मीटिंग का हवाला दिया गया था और 212 लोगों के साइन कर उन पर यह गंभीर आरोप लगाने के पश्चात संघ के प्रदेश अध्यक्ष से बर्खास्त कर खुद को कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर लिया था जिस पर वीरेंद्र चौहान ने न्यायालय में चुनौती दी और इसके लिए उच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित अधिवक्ता श्री रवि तांटा जी को यह जिम्मेबारी सौंपी गई जिन्होंने बखूबी इस केस को लड़ा और परसों 1 अक्टूबर को सत्र न्यायाधीश शिमला श्री अशोक शर्मा जी ने लंबी प्रक्रिया के बाद इस पर अपने आदेश पारित किया है जिसमें उन्होंने कहां है कि वीरेंद्र चौहान को संविधान की प्रक्रिया के अनुसार जिसमें चुनाव आयुक्त लगाए गए थे और पूरी प्रक्रिया और व्यवस्था से सत्र 2019 से 22 तक प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था और जिस तरह से पद से हटाया गया है वह गलत है वही संवैधानिक प्रधान है और बने रहेंगे साथ ही यह भी आदेश पारित किया गया कि कैलाश ठाकुर वह अन्य कोई भी हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम, पंजीकरण संख्या व सिंबल का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा और ना ही संघ के पैसों का प्रयोग कर पाएंगे जिस तरह से 10 अप्रैल की बैठक का हवाला देकर वीरेंद्र चौहान का निष्कासन किया गया उसमें बहुत बड़ा फ्रॉड किया गया है क्योंकि संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य ने लिखित रूप में कहां है कि ना तो हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम पर किसी ने मुझे बैठक के लिए परमिशन मांगी और ना ही हमने किसी भी संगठन को बैठक के लिए परमिशन दी थी और ना ही 10 अप्रैल को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की कोई बैठक हमारे स्कूल कंपलेक्स में हुई है साथ ही जिन 212 लोगों के साइन किए गए हैं उनमें से अधिकतर लोगों ने लिखित में अपना पक्ष रखा है कि ना तो हम इस बैठक में थे ना हमें इसकी कोई जानकारी थी और ना ही हमने कोई हस्ताक्षर किए हैं यदि हमारे हस्ताक्षर किए गए तो वह फ्रॉड समझे जाए इस पूरे प्रकरण पर न्यायाधीश महोदय ने संज्ञान लेते हुए इसे फ्रॉड करार दिया। साथ ही विरेंद्र चौहान पर लगाए गए 18 लाख के पैसों की गमन के आरोप पर भी स्पष्टीकरण दिया है कि पैसों का जितना भी लेनदेन हुआ है उसका पूरा रिकॉर्ड कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया गया है इसलिए यह आरोप भी गलत पाया गया।
साथ ही प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान द्वारा कैलाश ठाकुर, महावीर कैंथला , श्याम लाल हांडा, देवराज ठाकुर व सुनील शर्मा के निष्कासन को भी सही ठहराया है । वह अब संगठन के ना तो किसी पद पर बने रह सकते हैं और ना ही वह संगठन के सदस्य होगे।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने अपने वक्तव्य में कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं किया जा सकता उन्हें बहुत खुशी है कि माननीय न्यायालय ने दूध का दूध पानी का पानी सबके सामने लाया है ।
इससे न्यायालय के प्रति सभी का सम्मान और विश्वास बड़ा है चौहान ने उनके द्वारा किए गए अधिवक्ता श्री रवि तांटा जी का का भी धन्यवाद किया है जिन्होंने बड़ी बखूबी से इस केस को लड़ा

चौहान ने कहा कहा कि कोर्ट को गुमराह करने वाले और फ्रॉड करने वाले इन शिक्षकों के ऊपर नियमों के तहत एफ आई आर दर्ज करवाई जाएगी और साथ ही मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों को साबित नहीं करने पर मानहानि का केस जल्द दायर किया जाएगा।
चौहान ने कहा कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की राज्य स्तरीय आम सभा का आयोजन 8 अक्टूबर को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छात्रा चंबा में रखा गया है जिसमें संघ की आगे की रणनीति और रूपरेखा पर चर्चा होगी और संगठन में खाली हुए पदों को भरा जाएगा साथ ही कर्मचारियों व शिक्षकों की मांगों पर भी चर्चा की जाएगी ताकि कोड ऑफ कंडक्ट लगने से पहले शिक्षकों के मुद्दे को सरकार के समक्ष एक बार फिर से उठाया जाए और उसका हल कराया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज कर्मचारियों के अनगिनत मुद्दे हैं जिसे सरकार हल करने में असफल रही है और सरकार कर्मचारियों की मांगों पर गौर नहीं कर रही है जो की चिंता का विषय है आउट सोर्स को लेकर सरकार ने एक भद्दा मजाक किया है इसी तरह एसएमसी टीचर , कंप्यूटर टीचर्स , वोकेशनल टीचर भी अपने लिए पॉलिसी की मांग कर रहे हैं ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
चौहान ने कहा कि प्राइवेट कंपनी बनाने के बजाय सरकार को संबंधित विभागों की सोसाइटी बनाकर सभी तरह के कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो उसी तरह प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए भी नियमित तौर पर विभाग के द्वारा एनटीटी टीचर लगाने की आवश्यकता है यदि नियमित पद है उस पर नियमित भर्तियां क्यों नहीं हो सकती है यह प्रश्न प्रेस वार्ता के दौरान विरेंद्र चौहान ने सरकार से किया है इसके अतिरिक्त छठे वेतन आयोग की अनियमितताओं के ऊपर सरकार गंभीर नहीं है डीए की अदायगी करने तथा भतो के संशोधन व एरियर के बारे में भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है इसी तरह ओ पी एस को लेकर चौहान ने कहा कि सभी नेतागण अपनी पेंशन छोड़ दे तो मुद्दा अपने आप खत्म हो जाएगा अन्यथा कर्मचारियों के लिए भी पेंशन की व्यवस्था करना सरकार का दायित्व बन जाता है प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम आने वाले दिनों में संगठन को और मजबूत करेंगे क्योंकि कुछ स्वयंभू और स्वार्थी लोग जो अपने निजी स्वार्थ के लिए और अपने स्थानतरण को रद्द करवाने या अपने मन पसंदीदा स्कूल पर स्थानांतरण करवाने के कारण संगठन को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे थे उनको न्यायालयों की तरफ से बहुत बड़ा झटका लगा है और कर्मचारियों में भी उनकी असलियत सामने आ गई है