जहां गूंजती थी गोलियों का आवाज, वहां की फिजा में फैली फूलों का खुशबू… नक्सल प्रभावित जिले में महिलाएं लिख रहीं नई इबारत

story of change: खूंटी में जंगलों से सटे दर्जनों गांवों में बंदूकें रह-रहकर गरज उठती थीं और पूरी फिजा में फैली बारूदी गंध लोगों को दहशत में डाल देती थी। सुदूर इलाकों में अफीम की खेती भी बड़े पैमाने पर होती थी। पर ये गुजरे दौर की बात है। अब ये इलाके फूल की खुशबू से महक रहे हैं।

 

गेंदा फूल और तकरीबन 50 एकड़ में लेमनग्रास की खेती

गेंदा फूल और तकरीबन 50 एकड़ में लेमनग्रास की खेती

खूंटी जिले इस साल ढ़ाई सौ एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में गेंदा फूल और तकरीबन 50 एकड़ में लेमनग्रास की खेती हुई है। सबसे खास बात यह है कि ज्यादातर गांवों में खुशहालीकी इस खेती की अगुवाई महिला किसान कर रही हैं।

  • अब शादी-विवाह को लेकर अच्छी डिमांड

    अब शादी-विवाह को लेकर अच्छी डिमांड

    पर्व-त्योहार बीत जाने के बाद शादी-विवाह और घरों तक की सजावट के लिए यहां के फूलों की अच्छी डिमांड है। आगे गुरुपर्व, क्रिसमस, नव वर्ष जैसे आयोजनों की पूरी श्रृंखला है और शादी-विवाह का मौसम भी, तो इन किसानों को पूरी उम्मीद है कि फूलों की बंपर बिक्री से अच्छी कमाई होगी।

     

  • पड़ोसी राज्यों में बिक्री

    पड़ोसी राज्यों में बिक्री

    फूल की खेती के लिए बीज-पौधे उपलब्ध कराने से लेकर उत्पादित फसल को बाजार तक पहुंचाने में राज्य सरकार की एजेंसियां किसानों की मदद कर रही हैं। झारखंड के बाजारों में पहले त्योहारी सीजन में फूलों की डिमांड पश्चिम बंगाल से पूरी होती थी। अब चक्र उल्टा घूम गया है। पश्चिम बंगाल, बिहार और कर्नाटक के व्यवसायी अब यहां से फूल ले जाते हैं।

  • एक करोड़ से अधिक का कारोबार

    एक करोड़ से अधिक का कारोबार

    अनुमान है कि इस साल यहां के किसान एक करोड़ से भी अधिक के फूलों का कारोबार करेंगे।बताया जाता है कि खूंटी में फूलों की खेती सबसे पहले हितूटोला की दो महिलाओं ने 2004 में शुरू की थी। उन्होंने लगभग दो एकड़ क्षेत्र में खेती की और इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ। नक्सली आतंक का प्रभाव जैसे-जैसे कम होता गया, धीरे-धीरे बड़ी संख्या में महिलाएं फूलों की खेती के लिए प्रेरित हुईं।

  • 400 महिला किसान फूलों से जुड़ी

    400 महिला किसान फूलों से जुड़ी

    प्रदान नामक स्वयंसेवी संस्था ने इस साल गेंदा फूल के लगभग 17 लाख पौधे उपलब्ध कराये हैं। झारखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मदद से इस साल तकरीबन 400 महिला किसान फूल की खेती से जुड़ी हैं।

     

  • 45 गांवों में फूलों की खेती

    45 गांवों में फूलों की खेती

    झारखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और स्वयंसेवी संस्था प्रदान ने इसमें इनकी खूब मदद की। महिलाओं को फूल की खेती के तौर-तरीके बताये। उन्हें पौधे उपलब्ध कराये गये। इस साल खूंटी जिले के चार प्रखंडों खूंटी, मुरहू, तोरपा और अड़की के लगभग 45 गांवों में फूलों की खेती हुई है। इसमें 1200 से भी ज्यादा महिलाएं लगी हैं।

     

  • महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी

    महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी

    लक्ष्मी आजीविका सखी मंडल से जुड़ी लोआगड़ा गांव निवासी आरती देवी ने पिछले साल लगभग एक एकड़ जमीन पर फूल की खेती की थी। वह कहती हैं कि इसके पहले किसी भी फसल की खेती से हमारे पास इतने नगद पैसे नहीं आते थे।

     

  • स्वरोजगार की मिसाल बनी महिलाएं

    8/8

    स्वरोजगार की मिसाल बनी महिलाएं

    खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन का कहना है कि खूंटी प्रखंड की ये महिलाएं स्वरोजगार की मिसाल हैं। खूंटी के विभिन्न प्रखंडों में सखी मंडलों ने लगभग 260 एकड़ भूमि पर गेंदा फूल की खेती है। त्योहारी सीजन में फूलों की मांग बढ़ने से ग्रामीण महिलाओं का हौसला बढ़ा है।