कहां से लाएं 12,000 करोड़, जयराम सरकार के लिए बनी चुनौती, पढ़ें पूरा मामला

करीब 5840 करोड़ तो पुराना कर्ज चुकता करने के लिए ही चाहिए। करीब 6,000 करोड़ रुपये एरियर के रूप में देने होंगे। सरकार का वित्त विभाग इस बारे में खूब माथापच्ची कर रहा है।

रुपये(सांकेतिक)

जयराम सरकार के लिए चुनौती बन गई है कि करीब 12,000 करोड़ रुपये कहां से लाए जाएं। करीब 5840 करोड़ तो पुराना कर्ज चुकता करने के लिए ही चाहिए। करीब 6,000 करोड़ रुपये एरियर के रूप में देने होंगे। सरकार का वित्त विभाग इस बारे में खूब माथापच्ची कर रहा है। राज्य सरकार के पास कर्ज लेने की भी एक तय सीमा है। इस बार अधिकतम करीब 7,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज नहीं लिया जा सकेगा, जिसमें से आधा लिया जा चुका है।

सरकार ने नया संशोधित वेतनमान एक जनवरी, 2022 से देने की अधिसूचना जारी की। इसके बाद इसे दे भी दिया गया है। इसका एरियर एक जनवरी, 2016 से दिया जाना है। यानी एक जनवरी, 2016 से लेकर एक जनवरी, 2022 के बीच एरियर देय है। एरियर की कुल राशि ही करीब 12,000 करोड़ रुपये की बन रही है। हालांकि, सरकार का दावा है कि इसमें कर्मचारियों को करीब 5,000 करोड़ अंतरिम राहत के रूप में दिए जा चुके हैं। अब करीब 7,000 करोड़ ही दिए जाने हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ने 15 अगस्त को 1,000 करोड़ एरियर के रूप में आवंटित करने की घोषणा कर दी है। यह महज सातवां हिस्सा है, जो बंट जाएगा। इसके बाद 6,000 करोड़ का फिर प्रबंध करना होगा। प्रदेश पर करीब 67,000 करोड़ का कर्ज चढ़ चुका है। इसमें 5,840 करोड़ 31 मार्च से पहले चुकाने होंगे। 31 दिसंबर, 2022 तक 2,560 करोड़ का ऋण चुकता करना होगा। उसके बाद 31 मार्च तक 3,280 रुपये का कर्ज देय होगा।

सरकार का वित्त विभाग समझ नहीं पा रहा है कि इतना पैसा कैसे और कहां से जुटाया जाए। राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने इसकी पुष्टि की कि 31 मार्च तक 5,840 करोड़ के कर्ज का भुगतान करने की बाध्यता है। कहा कि जहां तक कर्मचारियों के एरियर की बात है तो इसे चरणबद्ध तरीके से दिया जा रहा है।