एनकाउंटर होई या फिर अपनी बिरादरी का कोई सिरफिरा… 19 साल पहले ही अतीक अहमद ने कर दी थी अपनी मौत की भविष्यवाणी!

Atiq Ahmad Murder News: अतीक अहमद को प्रयाराज में गोलियों से छलनी कर दिया गया। तीन हमलावरों ने अतीक पर पास से गोली मारी। अतीक के साथ उसका भाई अशरफ भी मारा गया। इस मौत के बाद अतीक की 19 साल पहले की गई भविष्यवाणी की चर्चा शुरू हो गई। उसने अपराध की दुनिया में आने के बाद इसी प्रकार के मौत की चर्चा की थी।

प्रयागराज/लखनऊ: माफिया डॉन अतीक अहमद ने अपने मौत की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। 19 साल पहले लोकसभा चुनाव 2004 के दौरान अतीक अहमद ने मौत को लेकर बड़ी बात कही थी। उसने कहा था, ‘एनकाउंटर होई या पुलिस मारी। या फिर अपनी ही बिरादरी का सिरफिरा। सड़क के किनारे पड़ल मिलब।’ अतीक को आशंका थी कि उसकी बिरादरी यानी माफियाओं में से ही कोई उसकी हत्या कर सकता है। 19 साल बाद अतीक की आशंका सही साबित हुई। प्रयाराज के धूमनगंज इलाके में अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाए जाने के दौरान माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तीन हमलावरों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। उन्हें पकड़ लिया गया है।
अतीक अहमद ने वर्ष 2004 के आम चुनाव में फूलपुर लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की थी। इस चुनाव में उसने जीत दर्ज की थी। 19 साल पहले भी अतीक को आशंका थी कि उसकी माफिया बिरादरी के लोग भी हत्या कर सकते हैं। दरअसल, अतीक अहमद अपनी बातें स्थानीय पत्रकारों से कर रहा था। दरअसल, अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहा। फूलपुर से सांसद का चुनाव लड़ रहा था।

हम सभी अपराधी के रूप में जानते हैं कि हमारा भविष्य क्या होगा। इस अग्निपरीक्षा जैसी स्थिति से बचने और जो होना तय है उसको आगे टालने के लिए हमलोग हर रोज संघर्ष करते हैं।
अतीक अहमद, लोकसभा चुनाव 2004 के दौरान

‘अंजाम तो सबको पता होता है’

प्रयागराज में वह कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ बैठता था। इस दौरान कई पत्रकार उससे कई प्रकार की बातें करते थे। इसका वह अपने अंदाज में जवाब भी देता था। बातचीत के क्रम में एक बार उसने अपने अंत यानी मौत के बारे में बात की थी। प्रयागराज में 15 अप्रैल की रात जिस प्रकार की घटना घटी, उसने इसी प्रकार के अंत की चर्चा की थी। पत्रकारों से बातचीत के क्रम में अतीक अहमद ने लोकसभा चुनाव लड़ने के कारणों पर चर्चा की। उसने कहा, ‘अपराध की दुनिया में सबको पता होता है, अंजाम क्या होना है? इसको कब तक टाला जा सकता है? यह सब यानी लोकसभा चुनाव लड़ना, इसकी ही जद्दोजहद है।

नेहरू से ऐसे की थी तुलना

अतीक अहदम ने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से भी अपनी अलग ही अंदाज में तुलना की थी। दरअसल, पंडित नेहरू फूलपुर लोकसभा सीट से चुनकर प्रधानमंत्री बने थे। 2004 के आम चुनाव में अतीक ने इसी सीट से उम्मीदवारी पेश की थी। इस पर जब पत्रकारों ने उससे सवाल किया तो अतीक ने कहा था कि हममें और पंडित जी में केवल यही समानता नहीं है कि हमने उनकी सीट फूलपुर से चुनाव लड़ा है। हम उनकी तरह नैनी जेल में भी रहे हैं। पंडित जी वहां किताब लिखे थे। वहां हमें अपनी हिस्ट्रीशीट की वजह से जाना पड़ा।