Whiskey Sales : जॉनी वॉकर, मैकडॉवेल, ब्लैक डॉग… अब नहीं मिलेगी आपके फेवरेट ब्रैंड्स की व्हिस्की! सबसे बड़े अल्कोहल मेकर ने यह क्या कह दिया

Whiskey Sales : भारत के सबसे बड़े एल्कोहल मेकर डियाजियो (Diageo) ने कुछ राज्यों में व्हिस्की की बिक्री रोक दी है। डियाजियो भारत में 50 से अधिक ब्रैंड्स की शराब बनाता है। जियाजियो ने इनमें से कुछ ब्रैंड्स की बिक्री कई राज्यों में रोक दी है। व्हिस्की की कीमत पर लागू अधिकतम सीमा के चलते हुआ है।

 
Diageo Whiskey Brands
हो सकता है आपको ना मिले अपना फेवरेट व्हिस्की ब्रैंड
नई दिल्ली : जॉनी वॉकर, मैकडॉवेल, रॉयल चैलेंज, सिग्नेचर, ब्लैक डॉग, वैट 69 और एंटीक्विटी। ये सब भारत में काफी लोकप्रिय व्हिस्की ब्रैंड्स (Whiskey Brands) हैं। लेकिन इन ब्रैंड्स के चाहने वालों को बड़ा झटका लग सकता है। भारत के सबसे बड़े एल्कोहल मेकर डियाजियो (Diageo) ने कुछ राज्यों में व्हिस्की की बिक्री रोक दी है। डियाजियो भारत में 50 से अधिक ब्रैंड्स की शराब बनाता है। जियाजियो ने इनमें से कुछ ब्रैंड्स की बिक्री कई राज्यों में रोक दी है। अब शराब बनाने वाली इस दिग्गज कंपनी की भारतीय शाखा द्वारा बिक्री रोकने की वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे। अधिकतर लोगों को लगता होगा कि शराब कंपनियां जमकर मुनाफा कमाती है, लेकिन डियाजियो के साथ ऐसा नहीं है। कंपनी शराब की कीमतें (Whiskey Prices) नहीं बढ़ा पा रही हैं और घाटे से बचने के लिए उसने बिक्री रोकने का फैसला लिया है।

यह है मामला
डियाजियो पीएलसी की भारतीय शाखा की प्रमुख हिना नागराजन और भारत सरकार के बीच गतिरोध पैदा हो गया है। यह व्हिस्की की कीमत पर लागू अधिकतम सीमा के चलते हुआ है। भारत सरकार द्वारा शराब की कीमतों पर अधिकतम सीमा लागू है। इसके चलते कंपनी कीमतों को नहीं बढ़ा पा रही है। दरअसल, महंगाई का असर शराब पर भी पड़ा है। कंपनी का शराब बनाने का खर्च बढ़ गया है। लेकिन सरकार द्वारा अधिकतम सीमा लागू होने से कंपनी कीमतों को नहीं बढ़ा पा रही है। इसके चलते कंपनी को पहले ही 90 लाख डॉलर का नुकसान हो चुका है। ऐसे में डियाजियो की भारतीय शाखा ने भारत में कुछ ब्रैंड्स की बिक्री रोक दी है।

यूनाइटेड स्पिरिट्स ने रोकी कुछ ब्रैंड्स की बिक्री
बाजार के जानकारों के अनुसार, डियाजियो ग्रुप की कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स (United Spirits) ने कुछ राज्यों में कुछ ब्रैंड्स की बिक्री रोक दी है। महंगाई बढ़ने के बावजूद व्हिस्की की कीमतें नहीं बढ़ा पाने के कारण कंपनी ने ऐसा किया है। हालांकि, इस फैसले का कंपनी पर उल्टा असर भी पड़ सकता है। हाल ही में दौलत कैपिटल ने एक रिपोर्ट में कहा था कि बिक्री पर रोक से कंपनी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि यह उत्पादन लागत में डबल डिजिट की बढ़ोतरी का दौर है। ऐसे में बिक्री रोकने का फैसला कंपनी को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।
सितंबर के आखिर तक समाधान निकलने की उम्मीद

कंपनी की भारतीय ब्रांच की प्रमुख हिना नागराजन ने भी हाल में ऐसे ही संकेत दिए थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि बिक्री रोकने के कदम से कंपनी की बाजार हिस्सेदारी पर कुछ असर पड़ सकता है। साथ ही उन्होंने सितंबर के आखिर तक कीमतों के मुद्दे पर कोई समाधान निकलने की भी उम्मीद जतायी। पांच राज्यों के साथ बात भी की जा रही है। हालांकि, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों में कीमतों में बढ़ोतरी की जा चुकी है।
(ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)