अतीक अहमद और अशरफ को बेखौफ गोली मारने वाले लोग कौन हैं? माफिया से किस बात को लेकर थे नाराज

Atique Ahmed and ashraf Murder: प्रयागराज में कॉल्विन हॉस्पिटल के पास शनिवार रात साढ़े दस बजे अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई है। मीडियाकर्मियों की भीड़ में शामिल शूटरों ने दोनों भाइयों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। अतीक के सिर में गोली लगी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

प्रयागराज: मीडिया कैमरों के सामने बाइट दे रहे अतीक अहमद और अशरफ पर गोलियां बरसाने वाले हमलावरों की पहचान हो गई है। पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों के नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। इन तीनों ने अतीक अहमद और अशरफ को गोली मारने के बाद जय श्रीराम के नारे लगाए, इसके बाद हाथ उठाकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। लवलेश यूपी के बांदा, सनी हमीरपुर और अरुण कासगंज का रहने वाला बताया जा रहा है।

अतीक अहमद पर हमला करने वाले तीनों लोग मीडियाकर्मी बनकर भीड़ में शामिल हुए थे। अतीक ने जैसे ही कैमरे के सामने बयान देना शुरू किया, अचानक से तीनों युवकों ने उस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। पुलिस के सामने आरोपियों ने बयान दिया है कि अतीक अहमद का पाकिस्तान से कनेक्‍शन था। उसने और उसके गैंग के लोगों ने तमाम बेकसूर लोगों की हत्‍या की थी। अतीक जमीन हड़पने के लिए हत्या करता था और विरोध में गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था। उसका भाई अशरफ भी ऐसा करता था, इसलिए हमने दोनों को मार डाला।

बांदा, हमीरपुर और कासगंज के रहने वाले हैं आरोपी

जानकारी के मुताबिक, अतीक और अशरफ की हत्‍या करने वाले तीनों युवक अलग अलग मामलों को लेकर पहले भी जेल जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी लवलेश तिवारी बांदा, सनी हमीरपुर और अरुण मौर्या कासगंज का रहने वाला है। इन तीनों का कहना है कि माफिया अतीक का पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध था। लश्‍कर ए तैयबा से भी उसका कनेक्‍शन था। अतीक गैंग से सभी लोग खौफजदा थे। इसलिए हमने उन्‍हें मार डाला।

तीनों का आपस में कनेक्‍शन कैसे, जवाब ढूंढ रही पुलिस

अतीक हत्‍याकांड को अंजाम देने वाले तीनों शूटर अलग अलग जिलों के हैं। इनकी आपस में कैसे पहचान हुई, क्‍या इनके पीछे किसी बड़े गैंग का हाथ है, पुलिस इन सवालों को जवाब तलाश रही है। तीनों की उम्र भी बहुत ज्‍यादा नहीं है। वे 20 से 25 साल के बीच के लग रहे हैं। खास बात यह कि अतीक पर हमला करने के बाद किसी ने भागने की कोशिश नहीं की। तीनों ने जय श्रीराम के नारे लगाए और पुलिस के सामने फिल्‍मी स्‍टाइल में हाथ उठाकर सरेंडर कर दिया।