15 अप्रैल को रात करीब 10.30 बजे कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ़ की मीडिया से बात करने दौरान कुछ हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. ये सारी घटना मीडिया के कैमरे में रिकॉर्ड हुई. हमला करने वाले तीनों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अभी तक ये जानकारी नहीं दी है कि हत्या के पीछे का क्या मक़सद था.
अतीक के हत्यारों का कबूलनामा
दैनिक जागरण की रक रिपोर्ट के अनुसार हमलावरों ने कथित ‘कबूलनामा’ दिया है. दैनिक जागरण के अनुसार, गोली चलाने वाले अभियुक्तों ने पुलिस के सामने कथित तौर पर दिए अपने बयान में कहा है, “माफ़िया अतीक़ का पाकिस्तान से संबंध था. उसने और उसके गैंग में शामिल सदस्यों ने तमाम निर्दोष लोगों का कत्ल किया था. अतीक़ ज़मीन हड़पने के लिए हत्या करता था और विरोध में गवाही देने वालों को भी नहीं छोड़ता था. उसका भाई अशरफ़ भी ऐसा करता था, इसलिए हमने दोनों को मार डाला.”
क्यों की अतीक की हत्या?
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार तीनों हमलावर शातिर अपराधी हैं. जिन पर हत्या, लूट समेत कई संगीन आरोप लगे हुए हैं. और इन मामले में ये जेल भी जा चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन तीनों की दोस्ती जेल में ही हुई थी. ये तीनों अतीक़ और अशरफ़ की हत्या करके डॉन बनना चाहते थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमलावरों की पहचान हो गई है. इनमें से एक हमीरपुर, एक कासगंज और एक बांदा का रहने वाला है.
मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया कि तीनों ये बात कुबूल की है कि छोटे-छोटे अपराध में जेल जाने से उनका नाम नहीं हो रहा था, इसलिए वो कुछ बड़ा करने की सोच रहे थे. तीनों को इसी बीच पता चला कि अतीक़ और अशरफ़ अहमद को पुलिस हिरासत में अस्पताल ले जाया जा रहा है. तीनों ने बड़ा नाम कमाने के मक़सद से हत्या की साजिश रची.
कौन है लवलेश?
अतीक अहमद की हत्या में शामिल आरोपी लवलेश उत्तर प्रदेश के बांदा में शहर कोतवाली के क्योटरा मोहल्ले का रहने वाला है. मीडिया ने इस हत्याकांड के बाद लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी से बात की है. उन्होंने बताया कि लवलेश चार भाइयों में तीसरे नंबर का है. उनका कहना है कि लवलेश का घर में किसी से मतलब नहीं था. वह पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में शामिल था और उसे नशे की भी लत है.
लवलेश तिवारी के छोटे भाई सर्वेश तिवारी ने एबीपी को बताया कि, ‘वो बहुत नशा करता था, उसका घर आना जाना भी बहुत कम था. करीब एक हफ्ते पहले वह आखिरी बार घर आया था. सर्वेश ने बताया कि उसे इस घटना की जानकारी कल यूट्यूब से मिली. उन्हें बिल्कुल अंदेशा नहीं था कि ऐसा होगा. उसका कहना है कि लवलेश का स्वभाव ठीक ठाक था लेकिन नशा ज्यादा करता था . वो अपने बारे में कुछ नहीं बताता था कि कहां जा रहा है, कहां से आ रहा है.
लवलेश के भाई ने बताया कि उसने कभी सोचा नहीं था कि उसका भाई ऐसा करेगा. 20-22 साल की उम्र में वह पहली बार जेल गया था. तीन चार साल पहले लखनऊ गया था, लेकिन इधर उधर घूमता रहता था. काफी पहले बजरंग दल से जुड़ा था, लेकिन फिलहाल छोड़ दिया था. एक लड़की को थप्पड़ मारने के आरोप में जेल गया था.
माता-पिता ने क्या कहा?
लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी का कहना है कि हमें उससे कोई मतलब नहीं .सालों से हमसे कोई बातचीत नहीं होती है. कब घर आता है, कब जाता है मुझे नहीं पता. उसे सब लोगों ने त्याग दिया है. कोई काम नहीं करता है, नशेड़ी है. पहले मुकदमा भी चला है, जेल भी गया है. मुझे कुछ नहीं पता, मेरा उससे कोई मतलब नहीं है.
लवलेश की मां आशा देवी ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि लवलेश भगवान का भक्त था. बिना पूजा-पाठ किए खाना तक नहीं खाता था. उन्हें इस खबर पर यकीन नहीं हो रहा कि उसने ऐसा कुछ कर दिया है. आशा देवी का कहना है कि, ”लवलेश पूजा पाठ और दूसरों की मदद करने वाला लड़का था. पता नहीं वो कैसी संगत में फंस गया कि उसने ये सब कर दिया.”
दूसरे आरोपी सनी के भाई ने क्या कहा?
वहीं, अतीक अहमद मर्डर केस में शामिल दूसरे आरोपी सनी के भाई पिंटू सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह ऐसे ही घूमता फिरता था. उसके खिलाफ मामले भी दर्ज है लेकिन कितने यह जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वह यहां नहीं रहता, हम अलग रहते हैं. हम तीन भाई थे, एक की मौत हो चुकी है. पिंटू ने कहा कि उसे जानकारी नहीं थी कि उनका भाई अतीक अहमद मर्डर केस में लिप्त है. वह बचपन में ही भाग गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सनी हमीरपुर का रहने वाला है, उसका भाई पिंटू भी यहीं रहता है. इसके अलावा एक अन्य शूटर अरुण के घर यूपी पुलिस पहुंच चुकी है. अरुण मौर्य यूपी के कासगंज के सौरों इलाके का रहने वाला है. पुलिस अरुण की चाची से पूछताछ कर रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, अरुण पिछले 6 सालों से घर से बाहर है.
होटल को बनाया था ठिकाना
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने से दो दिन पहले ही उन्होंने होटल में अपना ठिकाना बना लिया था. पुलिस की जांच आगे बढ़ने के साथ साथ ही कई खुलासे हो रहे हैं. जांच में यह बात सामने आई है कि अतीक और अशरफ के हत्यारों ने प्रयागराज में रुकने के लिए किराए पर होटल लिया था और 48 घंटो से होटल में ठहरे हुए थे. हत्यारे जिन होटलों में रूके थे पुलिस को वहां सुबह छापेमारी में एक हत्यारे का हैंगिंग बैग मिला है. बाक़ी हत्यारों का सामान अब भी होटल में होने की संभावना है.