दुनिया भर में गरीबी को खत्म करने के प्रयास जारी है. लेकिन दुःख की बात है कि गरीबी कम नहीं हो रही है. इस बीच ब्रिटेन के एक पूर्व कैबिनेट मंत्री का इस पर एक अलग विचार है. रोरी स्टीवर्ट को हाल ही में एक अमेरिकी NGO गिवडायरेक्टली का अध्यक्ष चुना गया है. 49 वर्षीय स्टीवर्ट ने दक्षिणी केन्या में सूखाग्रस्त काउन्टी किल्फी में रहते हुए द टेलीग्राफ से बात-चीत के दौरान कहा, ”गरीबी में लोगों को एक तम्बू देने के बजाय, जो वे खरीदना चाहते हैं. उन्हें नकदी देना चाहिए. लेकिन हम वास्तव में लोगों को यह निर्धारित करने दे रहे हैं कि उनकी ज़रूरतें क्या हैं”
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि NGO गिवडायरेक्टली की पिच जितनी सरल है उतनी ही कट्टरपंथी है. उनका तर्क है कि यदि आप एक गरीब समुदाय के प्रत्येक परिवार को $1,000 (£865) का एकमुश्त भुगतान, यानी संयुक्त राष्ट्र के एक विशिष्ट कर्मचारी के लिए लगभग चार दिनों का वेतन देते हैं, तो आप उनके जीवन को लगभग हर तरह से बेहतर बनाने के लिए मददगार हो सकते हैं.
स्टीवर्ट कहते हैं, “नकदी सामान्य अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाती है. यह लोगों को अपने घरों के लिए छत खरीदने में मदद करती है. नकद दान से लोगों को एक गाय मिलती है जो दूध देती है और वे अपने बच्चों को कैल्शियम दे सकते हैं. यह उन्हें एक छोटा व्यवसाय स्थापित करने, अपने बच्चों को स्कूल भेजने में मदद कर सकता है. यह उनके पौष्टिक आहार में सुधार कर सकता है, इससे उनकी बीमार भी कम हो सकती है.”
एनजीओ गिवडायरेक्टली का दावा है कि इसके काम में लगभग किसी भी अन्य हस्तक्षेप की तुलना में यह बेहतर है. उनकी वेबसाइट के अनुसार, न्यूयॉर्क स्थित एनजीओ को हाल ही में दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला गैर-लाभकारी संगठन नामित किया गया था, और अब यह कुल $1 बिलियन धन एकत्र करने के करीब है.
$1,000 ने रातोंरात बदल दिया जीवन
द टेलीग्राफ के अनुसार, पांच साल पहले, मगंदमवानी गांव में लगभग हर एक परिवार की हालत खस्ता थी. लोग टपकता हुई झोपड़ियों में रहते थे. बिजली नहीं थी और महिलाएं पानी लेने के लिए दिन में तीन घंटे पैदल चलकर निकटतम जलाशय तक जाती थीं. ज़्यादातर पुरुष शहर में कभी-कभार कड़ी मेहनत वाले काम करने पर £3.50 से £7 तक की मामूली कमाई करते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि उनका जीवन रातों-रात उस वक्त बदल गया, जब उन्हें अपने मोबाइल खातों में 1,000 डॉलर प्राप्त हुए. उन्होंने स्थानीय बिल्डरों से टिन की छतें, कंक्रीट के फर्श, सोलर पैनल और लाइटें लगवाईं, ताकि उनके बच्चे शाम को पढ़ सकें. कुछ युवक इलेक्ट्रीशियन या वेल्डर बनने के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है.
स्टीवर्ट ने कहा, “अत्यधिक गरीबी में अधिकांश लोगों ने अपना पूरा जीवन यह सोचकर बिताया है कि अगर उन्हें थोड़ा सा पैसा मिल जाए तो वे क्या करेंगे और वे इसे हमारी तुलना में बहुत सस्ता पा सकते हैं.”
कैलिफोर्निया सैन डिएगो और जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालयों में शिक्षाविदों द्वारा किए गए एक प्रमुख अध्ययन में कथित तौर पर पाया गया कि 500 डालर के मामूली हस्तांतरण ने बाल मृत्यु दर में 70% की कमी की और बाल विकास में सुधार देखने को मिला है. अफ्रीका में सात अध्ययनों की समीक्षा में पाया गया कि नकद हस्तांतरण ने जोखिम भरे यौन व्यवहार को कम किया, साथ ही गर्भवती महिला की मदद की.
जानकारी के मुताबिक साल 2008 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पीएचडी छात्रों द्वारा एनजीओ की स्थापना की गई थी. तब से NGO लाइबेरिया, केन्या, मलावी, रवांडा और युगांडा में बड़े भुगतान के साथ 3 लाख से अधिक घरों तक पहुंच चुके हैं. लेकिन, क्या लिक्विड कैश के बड़े पैमाने पर निवेश से महंगाई बढ़ सकती है?
एनजीओ के अध्यक्ष स्टीवर्ट आगे कहते हैं, “यदि आपको इस सवाल का सामना करना पड़ता है कि वास्तव में, ग्रामीणों को आपसे क्या चाहिए तो आपका पूरा जीवन सवालों के घेरे में है.”