कौन है शिमला का ‘सबसे वेहला बंदा’ सर्बजीत बॉबी, जिनसे मिलने हिल्स क्वीन आएंगे CM अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में 8 साल से फ्री लंगर चला सर्बजीत सिंह बॉबी के मुरीद हुए हैं.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में 8 साल से फ्री लंगर चला सर्बजीत सिंह बॉबी के मुरीद हुए हैं.

शिमला. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में 8 साल से फ्री लंगर चला सर्बजीत सिंह बॉबी के मुरीद हुए हैं. बॉबी के निशुल्क लंगर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सराहा है. साथ ही केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि वह उनसे मिलना चाहते हैं. बता दें कि सर्वजीत सिंह बॉबी को लोगों ने शिमला का सबसे वेहला बंदे की संज्ञा दी है. क्योंकि जब भी किसी को मदद की जरूरत होती है तो वह वहां पहुंच जाते हैं.

बॉबी का कहना है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिमला आने का कार्यक्रम बनाया है और वह हमारा लंगर देखने के लिए आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल भी आएंगे. इस बारे में उनसे बात हुई है और वह जल्दी अपना कार्यक्रम तय करेंगे. हालांकि, केजरीवाल क्यों सर्बजीत बॉबी से मिलना चाहते हैं. इसको लेकर खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन, इस मुलाकात को विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

योजना के तहत टैंडर

वर्तमान सरकार के कुछ लोगों को ये कामयाबी पसंद नहीं आई और एक योजना के तहत रैन बसेरा किसी और दे दिया गया. सर्वजीत सिंह बॉबी ने आरोप लगाया कि गुपचुप तरीके से इसके लिए टेंडर करवाया गया था. उन्होंने कहा कि रैन बसेरे के साथ साथ उन्हें कई कार्यों की अनुमति दी गई है. लंगर लगाने के लिए भी उन्हें तंग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी पार्टी से कोई मतलब नहीं है, लेकिन फिर भी उनके साथ राजनीति की जा रही है। अस्पताल को राजनीति का अड्डा बनाया जा रहा है.

गौरतबल है कि बीते साल जब सर्बजीत अस्पताल में इलाज करवा रहे थे. आईजीएमसी प्रशासन ने लंगर बंद करवा दिया था. यही नहीं, बिजली पानी भी कटवा दिया था. तब विक्रमादित्य सिंह भी उनके समर्थन में उतरे थे और लगर को चलने कि सरकार से मांग की थी. तब से आज तक लंगर बिना बिजली पानी के चल रहा है. यहां प्रतिदिन हजारों लोग निशुल्क खाना खाते हैं.

‘अलमाइटी ब्लैसिंग’ नाम से बनाया एनजीओ

सर्वजीत सिंह ब़ॉबी को साल 1986 में स्कूल छोड़ना पड़ा था. उस समय बॉबी छठी क्लास में शिमला के सेंट एडवर्ड्स स्कूल में पढ़ते थे. 12 साल की उम्र में परिवार की वित्तीय हालात की वजह इन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी, क्योंकि तीन बहनों छोटी को पढ़ाना था, इसलिए बॉबी को खुद स्कूल छोड़ना पड़ा. सर्वजीत सिंह बॉबी शिमला में‘अलमाइटी ब्लैसिंग’ नाम से एक एनजीओ चलाते हैं, जो कि शिमला के आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में रोजाना फ्री लंगर लगाते हैं और इसके अलावा, लावारिश लाशों को श्मशानघाट तक पहुंचाने लिए डैड बॉडी वैन मुहैया करवाते हैं. बॉबी ने ‘अलमाइटी ब्लैसिंग’ एनजीओ की स्थापना 2014 में की थी.