मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बने तो राज्यसभा में LOP कौन होगा? इन 2 नामों की है चर्चा

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. (ANI Photo)

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया.

 

नई दिल्ली: मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया. अब 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में उनका सीधा मुकाबला शशि थरूर से होगा. खड़के के नामांकन के समय कांग्रेस के ज्यादातर वरिष्ठ नेता उनके साथ दिखे और अपना समर्थन दिया. ऐसे में यह माना जा रहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने आलाकमान के निर्देश पर अंतिम समय में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया, क्योंकि कल नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी. ऐसे में अगले कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी ताजपोशी की संभावनाएं प्रबल हैं.

कांग्रेस ने इस साल की शुरुआत में उदयपुर में हुए अपने चिंतन शिविर में ‘एक व्यक्ति एक पद’ नियम लागू करने का फैसला किया था. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में एलओपी (Leader of Opposition) का पद छोड़ना होगा. अब सवाल उठता है कि अगर खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बन जाएंगे तो राज्यसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा? तो हम आपको बता दें कि इस पद के लिए दो नामों की चर्चा है, जिसमें पी. चिदंबरम और दिग्विजय सिंह शामिल हैं. चिदंबरम राज्यसभा में खड़गे के बाद कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं. उनके बाद दिग्विजय सिंह का नंबर आता है. लेकिन, एक बात जो पी. चिंदबरम के राज्यसभा में एलओपी बनने की राह में रोड़ा बन सकती है, वह है उनका दक्षिण भारत से होना.

पार्टी अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष का नेता दोनों दक्षिण से नहीं होंगे?
द टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कांग्रेस से जुड़े सूत्र के हवाले से लिखा है, ‘पार्टी अध्यक्ष और राज्यसभा में एलओपी, दोनों पदों पर दक्षिण भारतीय नेताओं की नियुक्ति कठिन होगी, ऐसे में जब लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी पूर्वी भारत से आते हैं. राहुल गांधी खुद केरल के वायनाड से लोकसभा के सदस्य हैं. उत्तर भारत, जो लोकसभा और राज्यसभा में सदस्यों के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है, कांग्रेस के अंदर उसका प्रतिनिधित्व नहीं दिखेगा. यह 2024 के आम चुनावों के लिहाज से पार्टी के लिए कतई फायदे का सौदा नहीं होने वाला. हिंदी बेल्ट से किसी व्यक्ति को प्रतिनिधित्व देना जरूरी है और दिग्विजय सिंह इसके लिए सबसे मुफीद उम्मीदवार हो सकते हैं.’

दिलचस्प बात यह है कि शुक्रवार दोपहर तक दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए पूरे जोश में दिखाई पड़ रहे थे. उन्होंने एक दिन पहले नामांकन पत्र लिया था और कल उसे दाखिल करने वाले थे. लेकिन, एक नाटकीय घटनाक्रम में व​ह अचानक मीडिया से मुखातिब हुए और ऐलान किया कि मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने वह चुनाव नहीं लड़ सकते, क्योंकि वह उनके लिए सम्माननीय और वरिष्ठ हैं. उन्होंने खड़गे का प्रस्ताव बनने की इच्छा जताई. माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह को आलाकमान से जरूर कोई निर्देश मिला होगा. शायद दिग्विजय सिंह को भविष्य में उनकी प्रभावी भूमिका के बारे में पार्टी ने उन्हें सूचित किया हो, तभी उन्होंने सहर्ष अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.