कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन व अन्य नेताओं से चर्चा के बाद फैसला किया है कि राज्यसभा चुनाव के बाद नेतृत्व को लेकर आखिरी फैसला लिया जाएगा ताकि पंजाब की तरह असहज करने जैसी स्थिति का सामना दोबारा न करना पड़े.
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार और संगठन के बीच सबकुछ ठीक है या नहीं इसे लेकर अक्सर कयासबाजी और अटकलों का दौर लगता रहता है. पार्टी में वर्चस्व को लेकर लंबे समय से जारी लड़ाई के बीच बड़ा अपडेट सामने आया है कि सूबे का अगला विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा? इसका फैसला कांग्रेस पार्टी अगले 60 दिनों के भीतर कर लेगी.
पंजाब जैसा हाल नहीं चाहती पार्टी
गौरतलब है कि अगले साल 2023 में सूबे में विधानसभा चुनाव होने हैं और फिलहाल मिल रही जानकारी के मुताबिक इन चुनावों में पार्टी का चेहरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे या नहीं ये भी जल्द ही तय कर लिया जाएगा. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के मुताबिक वो राजस्थान में पंजाब जैसी स्थिति नहीं बनने देना चाहती जहां इस फैसले को चुनाव के अंतिम क्षणों तक के लिए टाल दिया गया था. ऐसे में कांग्रेस अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) या सचिन पायलट (Sacjin Piolot) किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी या फिर पार्टी सामूहिक नेतृत्व का फॉर्मूला अपनाएगी इन चीजों को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा.