उल्टे पांव क्यों भाग रहे चीन में एपल के सप्लायर्स, जो जिनपिंग नहीं दे पाए वो मोदी सरकार में मिल रहा

iphone Production in India : भू-राजनीतिक तनाव और भारी कोरोना प्रतिबंधों के चलते आईफोन निर्माता एपल के सप्लायर्स चीन के बाहर अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स लगा रहे हैं। इन एपल सप्लायर्स के लिए भारत और वियतनाम पसंदीदा जगह बन गई हैं। भारत में कई प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स ने निवेश किया है।

iphone production in india

नई दिल्ली : आईफोन (iPhone) के मैन्युफैक्चरिंग हब अब चीन (China) के बाहर जा रहे हैं। आईफोन निर्माता एपल (Apple) के सप्लायर्स अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को तेजी से चीन के बाहर ले जा रहे हैं। ऐसे में दो देशों को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है। ये दो देश भारत (India) और वियतनाम (Vietnam) हैं। एपल के असेंबली पार्टनर्स चीन से जुड़ी भू-राजनीतिक चुनौतियों और कोरोना प्रतिबंधों से हिल गए हैं। इन असेंबली पार्टनर्स की सप्लाई चेन पूरी तरह चीन पर केंद्रित है, लेकिन अब ये इसमें लचीलापन लाना चाहते हैं। प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर अपनी क्षमता को दुनियाभर में डायवर्सिफाई करने पर तेजी से काम कर रहे हैं। वे इसमें स्थानीय इंसेंटिव पॉलिसीज का भी फायदा लेना चाहते हैं।

भारत में निवेश कर रहे एपल के सप्लायर्स

काउंटरपॉइंट रिसर्च एनालिस्ट Ivan Lam और Shenghao Bai ने कहा, ‘हो सकता है प्रमुख पार्टनर होन आई प्रिसिजन इंडस्ट्री (फॉक्सकॉन) कंपनी भारत, वियतनाम और ब्राजील में अपनी क्षमता का 30% तक ले जाए।’ साथ ही वे यह भी कहते हैं कि चीन के लिए एक सीधा रिप्लेसमेंट तत्काल रूप से मौजूद नहीं है। हालांकि, फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियां चीन के बाहर असेंबलिंग और पैकेजिंग के लिए प्लांट तैयार कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन के नेतृत्व में कंपनियों ने भारत में फैक्ट्रियों, प्रोडक्शन लाइन्स, अपेक्षाकृत उन्नत मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और पर्सनल ट्रेनिंग में निवेश किया है।’

भारत बना आकर्षक बाजार और मैन्युफैक्चरिंग बेस

भारत की विशाल जनसंख्या और हाई बर्थ रेट ने इसे उत्पादों के लिए आकर्षक बाजार और मैन्युफैक्चरिंग बेस बनाया है। काउंटरपॉइंट की एक रिसर्च के अनुसार भारत में निर्मित स्मार्टफोन इस साल की दूसरी तिमाही में 16% की ग्रोथ के साथ 4.4 करोड़ यूनिट से अधिक तक पहुंच गए। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, चीन में साल 2020 से वर्कफोर्स घट रही है। एजुकेशन और ट्रेनिंग प्राप्त की हुई स्किल्ड वर्कफोर्स के चलते दुनिया के कारखाने के रूप में चीन अपनी धाक बना पाया है। लेकिन अब इसमें बदलाव आ रहा है।

यहां तेजी से बन रहे आईफोन 14

विश्लेषकों के अनुसार, iPhone 14 और iPhone 14 Plus मॉडल के साथ मैन्युफैक्चरिंग डिफिकल्टी काफी कम हो गई थी। उन्होंने लिखा, ‘अब भारत के प्लांट्स में भी चीन के लगभग साथ उत्पादन करना संभव हो गया है। एपल ने इस साल भारत में पिछली सीरीज की तुलना में बहुत तेजी से आईफोन का उत्पादन शुरू किया है। वियतनाम की बात करें, तो वहां वर्कफोर्स चीन की तुलना में कम महंगी है। वियतनाम ने 21 एपल सप्लायर्स को देश में ऑपरेट करने के लिए आकर्षित किया है। हालांकि, इसमें सभी महत्वपूर्ण आईफोन हैंडसेट बनाने की क्षमता नहीं है।