नई दिल्ली. भारतीय आईटी कंपनियों के शेयर आज लगातार दूसरे दिन लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं. इन स्टॉक्स में आज शुरुआत में ही 1.3 फीसदी की गिरावट दिखी थी. इससे पहले बुधवार को गोल्डमैन सॉक्स के छंटनी की खबरों के बाद 3 फीसदी की गिरावट आई थी.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया था कि मंदी के जोखिमों को देखते हुए अमेरिकी निवेश बैंकिंग फर्म गोल्डमैन सॉक्स अपने कर्मचारियों की संख्या घटाने की तैयारी में है. इस फर्म ने दो साल बाद अपना कामकाज दोबारा शुरू किया है, लेकिन उसे मंदी का डर सताने लगा है. इसके अलावा अमेरिका में खुदरा महंगाई की दर भी इस समय करीब 40 साल के शीर्ष पर है और इस पर काबू पाने के लिए फेड रिजर्व लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है. आलम ये है कि अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला पिछले 4 दशक में सबसे तेज है.
इसका आईटी स्टॉक्स पर क्या असर
अमेरिका में तकनीकी कंपनियों पर दबाव बढ़ने का असर भारतीय शेयर बाजार में भी दिख रहा है. अमेरिका में मंदी का जोखिम बढ़ने की आशंकाओं को देखते हुए साल 2022 में भारतीय शेयर बाजार की आईटी कंपनियां भी दबाव में हैं. इस साल अब तक आईटी इंडेक्स में 28 फीसदी की बड़ी गिरावट आ चुकी है, जबकि इसी दौरान निफ्टी 50 में 4 फीसदी का उछाल आया है.
अमेरिका से होती है 65 फीसदी तक कमाई
भारतीय आईटी कंपनियों की कमाई का 25 से 65 फीसदी तक हिस्सा अमेरिका से आता है. लिहाजा अमेरिकी अर्थव्यवस्था में किसी भी तरह की मंदी से वहां के क्लाइंट भारतीय कंपनियों पर अपना खर्च घटा सकते हैं, जिससे प्रोजेक्ट में देरी के साथ कमाई पर भी असर पड़ता है. हालांकि, पिछले दिनों आईटी स्टॉक्स को अपने निवेशकों से कुछ फेवर मिला था, जब उन्होंने प्रोजेक्ट में निवेश घटाने की बात से इनकार कर दिया था.
कई एक्सपर्ट और ब्रोकरेज फर्म ने अमेरिका में साल 2023 की पहली छमाही में मंदी आने की आशंका जताई है. हालांकि, इससे इतर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व महंगाई को काबू करने के लिए अपनी ब्याज दरें 4 फीसदी से ऊपर ले जाने की कोशिश में है.
आज सुबह निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.1 फीसदी की गिरावट पर ट्रेडिंग कर रहा था. इस दौरान इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजी और टेक महिंद्रा के शेयरों में 0.20 फीसदी से लेकर 2 फीसदी तक गिरावट दिख रही थी. ब्रोकरेज फर्म एचडीएफसी सिक्योरिटीज का कहना है कि अगर अगले वित्तवर्ष में कमाई और मार्जिन पर असर पड़ा तो विकास दर भी प्रभावित होगी