मिडिया और पत्रकार बंधु आज भी क्यों है अपने सुविधाओं ओर अधिकारों से वंचित?

आजादी के75वे वर्ष के उपरांत भी हमारे स्थानिय मिडिया बन्धु ओर स्थानीय पत्रकार बंधु मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों, हम सभी देश व प्रदेशवासी देश का चौथा स्तम्भ मिडिया जहां अपनी अहम भूमिका निभा रहा है तो हर तबके की ओर हर शोषित वर्ग की आवाज भी बन रहा है आज सरकार तक आवाज़ बुलंद होती है तो केवल ओर केवल मिडिया के माध्यम से और सरकार को जवाबदेही भी बनाता है और आज हर नागरिक की अपेक्षा रहती है कि मेरी दबी, कुचली,ओर ज्वलंत मांग को मिडिया के माध्यम से आवाज बुलंद की जाएं और स्थानीय मिडिया कर्मी उस व्यक्ति की समस्या ओर सन्देश को सरकार तक पहुंचाता भी ओर जिसका सरकार की ओर से सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलते हैं , परन्तु आज जहां ग्रामीण क्षेत्र ओर छोटे-छोटे शहरों में न्यूज पोर्टलों ओर स्थानीय अखबारों ने अपनी अलग पहचान बनाई है और हर सन्देश ओर समस्याओं को सरकार के समक्ष उठा रहा है जिस समाचार पत्रों ओर राष्ट्रीय चैनलों में आम लोगों की आवाज नहीं उठाई जाती उन्हीं न्यूज पोर्टल ओर स्थानीय अखबारों में विस्तार से जानकारी देकर सरकार के समक्ष आवाज़ बुलंद करने का काम करते हैं चाहे वह खेल का क्षेत्र हो चाहे गरीबों की आवाज हो चाहे सामाजिक मुद्दा हो कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो परन्तु हमें आज इस बात को समझना ओर सोचना होगा कि ऐसे पत्रकार ओर मिडिया बन्धुओं का जीवन बहुत ही कठीन ओर संघर्ष भरा होता है जहां पर उनके सामने कई बार सरकार के खिलाफ लिखना भी पड़ता है और जनता के निशाने पर भी उनका जीवन रहता है ,और सबसे बड़ी समस्या है की कुछ सरकारी ओर कुछ राष्ट्रीय ओर चुनींदा मिडिया बन्धुओं को सरकार की ओर से सुविधाए प्राप्त हे परन्तु आज जो हमारे ग्रामीण ओर छोटे-छोटे शहरों की आवाज बुलंद करते ओर सरकार को जवाबदेही बनाते हैं उनका जीवन आज भी बहुत ही कठीन दौर से गुजर रहा है और आज की भागमभाग की जिंदगी में इन मिडिया बन्धुओं ओर स्थानीय पत्रकार को बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम रहना पड़ता है आज हम सभी का दायित्व बनता है कि हम भी इन सभी मिडिया बन्धुओं ओर स्थानीय पत्रकार बंधुओं के हक़ के लिए आवाज़ बुलंद करें ताकि सरकार इनके हक़ के लिए कुछ अहम क़दम जरूर उठाएं जो मिडिया बन्धु आज की भागमभाग की जिंदगी में सुबह से लेकर शाम तक खबरों को तराशने ओर सत्य को उजागर करने के लिए दिनभर ख़ून पसीना एक करता है और कुछेक मिडिया बन्धु ऐसे भी हैं जो सिर्फ चंद पैसों के लिए ओर किसी की खुशामद करने के लिए अपने ज़मीर ओर पत्रकारिता की आत्मा का गला घोंटते है परन्तु अधिकांश मिडिया बन्धु ओर खासकर न्यूज पोर्टल ओर स्थानीय मिडिया और पत्रकार बंधु बहुत ही सराहनीय कदम अपने क्षेत्र में निभा रहे हैं जिसे सराहना चाहिए और उनकी अहमियत को समझना भी जरूरी है आज मिडिया बन्धुओं को आज जहां सरकार को इन सभी मिडिया बन्धुओं को अधिकार ओर सुविधाऐं भी मिलनी चाहिए ताकि इनका जीवन ओर भविष्य में काम करने की इनकी जिज्ञासा बनी रहें और वह भविष्य में जनता की आवाज को सरकार ओर समाज तक उत्सुकता से उठाते रहे आज के युग में सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया ओर समाचार पत्रों ने हर एक एक पल की जानकारी ओर सुविधाऐं हमें मिडिया बन्धुओं और समाचार पत्रों से मिलती है जिसका हर नागरिक के जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलता है और अपने भविष्य को संवारने में भी कारगर साबित हो रहा है आज हिमाचल प्रदेश जेसे पहाड़ी प्रदेश में पत्रकारिता करना बहुत ही कठिन ओर संघर्ष भरा जीवन रहता है जहां पर आप कभी राजनीति के निशाने पर होते हैं तो कभी सत्य को कुचलने के लिए कुछ शरारती तत्वों के खिलाफ भी आपका जीवन संकट में रहता है और यह अहम भूमिका आज कुछेक राष्ट्रीय चैनल को छोड़कर स्थानीय मिडिया बन्धु ओर न्यूज पोर्टलों के द्वारा वखूबी यह भूमिका निभाई जाती है जो कि आज की वास्तविकता को दर्शाता भी है..। लेखक- हेमराज राणा