चीन में क्‍यों लग रहे हैं ‘जिनपिंग गद्दी छोड़ो’ के नारे, क्‍या जाने वाली है सबसे ताकतवर नेता की कुर्सी!

चीन (China) में राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। यहां पर जीरो कोविड नीति (Zero Covid Policy) ने इस कदर जनता को नाराज कर दिया है कि वह अब सड़कों पर उतरने लगी है। राजधानी बीजिंग से लेकर देश के कई हिस्‍सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और देश में कोविड केसेज की संख्‍या 30 हजार को पार कर गई है।

बीजिंग: बीजिंग, शंघाई, उरुमकी, नानजिंग, गुआनझोहू, वुहान और चीन के कम से कम एक दर्जन शहरों में इस समय जनता सड़कों पर उतरी हुई है। राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग अपने तीसरे कार्यकाल का सपना संजो चुके हैं और मार्च 2023 में उनका यह सपना पूरा हो जाएगा। लेकिन ये प्रदर्शन उनके लिए मुसीबत बन चुका है। कोविड-19 की वजह से देश में जो जीरो कोविड नीति लागू की गई है, उसे लेकर जनता का गुस्‍सा सांतवें आसमान पर पहुंच चुका है। जिनपिंग के खिलाफ नाराजगी सड़कों पर देखी जा सकती है। जनता ‘जिनपिंग गद्दी छोड़ो’ नारे लगा रही है। जिस कोविड को लेकर गुस्‍सा अमेरिका से लेकर ऑस्‍ट्रेलिया तक में नजर आ रहा था, वही अब चीन में भी नजर आने लगा है। कोविड केसेज भले ही कुछ कम हुए हों मगर इसके बाद भी लॉकडाउन की वजह से नाराजगी बढ़ती जा रही है।

वुहान में हालात मुश्किल
जिस वुहान से कोविड की शुरुआत हुई थी, वहां का नजारा जिनपिंग और उनके प्रशासन को चौंका सकता है। यहां पर प्रदर्शनकारी चिल्‍ला रहे हैं, ‘यह वुहान से शुरू हुआ था और यहीं पर खत्‍म होगा।’ नाराज जनता ने लोहे की बैरीकेडिंग तक को तोड़ दिया, कोविड टेस्‍ट कराने से मना कर दिया और यहां तक लॉकडाउन को खत्‍म करने की मांग तक कर डाली। दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस का पहला केस वुहान में ही मिला था। यहां से यह पूरी दुनिया में पहुंचा और अब तक इसका असर देखा जा सकता है।

जीरो कोविड नीति की वजह से देश के बिजनेस ठप पड़े हैं और परिवारों को कई हफ्तों तक आइसोलेशन में रखा जा रहा है। इनका कहना है कि खाना भी सीमित मात्रा में मिल रहा है और दवाईयां भी ठीक से नहीं मिल रही हैं। पूरी दुनिया में जहां अब लोगों के लिए जीवन आसान हो रहा है तो वहीं चीन की जनता को कोविड के कारण कड़े प्रतिबंधों से गुजरना पड़ रहा है।


प्रदर्शनकारियों पर मिर्च का स्‍प्रे

सत्‍ताधारी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के खिलाफ जनता की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। चीन के लोगों का मानना है कि जिनपिंग और उनकी सरकार को न तो लॉकडाउन के आर्थिक पहलू की चिंता और न ही उन्‍हें इसकी मानवीय कीमत का कोई अंदाजा है। शंघाई में तो पुलिस ने हद ही कर दी। यहां पर 300 लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने काली मिर्च का स्‍प्ने तक यूज किया। यहां पर जनता नारे लगा रही थी, ‘जिनपिंग गद्दी छोड़ो, कम्‍युनिस्‍ट पार्टी गद्दी छोड़ो।’ इसके साथ ही लोग चिल्‍ला रहे थे, ‘शिनजियांग को अनलॉक करो, चीन को अनलॉक करो,’ ‘पीसीआर टेस्‍ट नहीं चाहिए, प्रेस की आजादी चाहिए।’

जैसे-जैसे प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ती गई, पुलिस के साथ हिंसा भी बढ़ गई। उरुमकी से सामने आए एक व‍ीडियो में लोगों को कहते हुए सुना जा सकता है, ‘कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को हटाओ, जिनपिंग को हटाओ।’ पिछले हफ्ते उरुमकी के एक अपार्टमेंट में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। इस अपार्टमेंट में आंशिक लॉकडाउन लगा था। यहां पर कड़े कोविड नियमों की वजह से राहत और बचाव कार्य मुश्किल हो रहा था। इस घटना के बाद से जनता काफी भड़क गई थी।

केसेज में तेजी से इजाफा
रविवार को चीन में 39791 केसेज आए हैं। यह लगातार चौथा दिन है जब कोविड के केसेज इतने बढ़े हैं। एक दिन पहले ही यानी शनिवार को 35,183 केसेज आए थे। चीन की राजधानी बीजिंग और कई बड़े शहरों में संक्रमण को रोकने के लिए कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ रही है। बीजिंग में पिछले हफ्ते की तुलना में केसेज में 66 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। चीन में इतने बड़े स्‍तर पर विरोध प्रदर्शन आम बात नहीं है। कई नागरिक अब सोशल मीडिया में आकर अपना गुस्‍सा जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर चीन ने सबसे ज्‍यादा प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन अब इस प्‍लेटफॉर्म पर भी नियंत्रण करने में मुश्किल आ रही है।