29 जून को उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने के बाद ठाकरे परिवार में पहले से जारी कलह सतह पर आ गई है. शिव सेना तोड़कर एकनाथ शिंदे ने भाजपा से मिलकर नई सरकार बनाई. अब ठाकरे के लोग ही उद्धव के खिलाफ शिंदे को समर्थन दे रहे हैं. जानते हैं कैसा है ठाकरे परिवार क्यों पड़ी इसमें कलह
बाल ठाकरे के समय ठाकरे परिवार की तूती बोलती थी. इस परिवार को महाराष्ट्र का सबसे ताकतवर परिवार माना जाता था लेकिन समय के साथ इस परिवार में जो बिखराव और कलह शुरू हुआ तो वह सतह पर आ गया है. खासकर उद्धव ठाकरे सरकार के गिरने बाद पारिवारिक झगड़े के निशान अब खुलेआम नजर आने लगे हैं. उद्धव ठाकरे के खिलाफ ना केवल उनके बड़े भाई बल्कि भतीजे ने भी ताल ठोक दिया है. रही सही कसर स्मिता ठाकरे पहले ही पूरी कर चुकी हैं. (पीटीआई)
बाल ठाकरे और उनकी पत्नी मीनाताई के तीन बेटे बिंदू माधव, जयदेव और उद्धव हैं. बिंदू माधव सबसे बड़े बेटे थे. 42 वर्ष की उम्र में 20 अप्रैल 1996 में एक कार हादसे में लोनावाले से मुंबई लौटते समय उनकी मृत्यु हो गई. वह राजनीति में कतई इच्छुक नहीं थे. पहले उन्होंने एक वीडियो कंपनी खोली और फिर फिल्म प्रोडक्शन करने लगे.
जिस समय बिंदू माधव की एक्सीडेंट में मृत्यु हुई तब बाल ठाकरे एकदम टूट ही गए थे. उस हादसे में बिंदूमाधव का बेटा निहार बच गया था. अब वह 31 साल का हो चुका है. निहार पेशे से वकील है लेकिन उसकी अपने चाचा उद्धव से नहीं बनती. वो राजनीति से किनारे रहता है लेकिन पिछले दिनों ही उसने अपने चाचा उद्धव के खिलाफ जाकर एकनाथ शिंदे के प्रति विश्वास जाहिर किया. (सौजन्य – फ्री प्रेस जर्नल)
निहार पेशे से वकील हैं. उनकी शादी राज्य के बीजेपी नेता हर्षवर्द्धन पाटिल की बेटी से हुई. पिछले दिनों उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की एक रैली में उनके साथ मंच पर बैठे देखा गया. निहार पहली बार चर्चाओं में हैं. उनके शिंदे के साथ आने से जाहिर है कि चाचा उद्धव से उनकी गहरी अनबन है.(ट्विटर)
दशहरे के दिन शिव सेना के दोनों गुटों ने रैलियां कीं. लोग तब हैरान रह गए जबकि शिंदे की रैली में उद्धव के बड़े भाई जयदेव ठाकरे लंबे समय के बाद किसी राजनीतिक मंच पर आए. उनका शिंदे के साथ आने से जाहिर है कि छोटे भाई के साथ उनके रिश्ते बिल्कुल अच्छे नहीं हैं. हालांकि जयदेव की अपनी कहानी भी है. उनके पिता के साथ मतभेद जगजाहिर हैं. पिता बाल ठाकरे में बकायदा सामना मुखपत्र में उन्हें बेटा नहीं बल्कि त्रासदी कहकर लताड़ा था. (एएनआई)
जयदेव अपनी जीवनशैली को लेकर विवादों में रहे हैं. जब उन्होंने अपनी पहली पत्नी अनुराधा को छोड़ा तो पिता इससे बहुत आहत हुए थे. इस शादी से उन्हें एक बेटा जयदीप हुआ. फिर उन्होंने स्मिता ठाकरे से दूसरी शादी की. लेकिन स्मिता से भी उनकी नहीं बनी. मां के 1995 में निधन के बाद जयदेव के जहां पिता से रिश्ते बिगड़ने शुरू हुआ. वहीं पत्नी के साथ भी तीखापान आया. वह घर छोड़कर चले गए लेकिन स्मिता मातोश्री में ही पहली मंजिल पर रहती रहीं. उनका बाल ठाकरे पर अच्छा खासा असर भी था. ( एएनआई)
जयदेव को हमेशा लगता रहा कि उद्धव लगातार पिता को बरगलाते रहते थे. उद्धव के साथ जयदेव के अब संवाद वाली स्थिति भी नहीं है. जयदेव मुंबई में अलग मकान में रहते हैं. वह बड़े पैंटर हैं. उन्होंने वर्ष 2004 में स्मिता से तलाक होने के बाद तीसरी शादी अनुराधा से की. जिससे उनको एक बेटी है, जिसका नाम माधुरी है. स्मिता से उन्हें दो बेटे राहुल और ऐश्वर्य हैं. हालांकि स्मिता से उनके रिश्ते बहुत कटु हो गए. इसके बाद भी पिता हमेशा स्मिता को तवज्जो देते रहे. वैसे जयदेव ने खुद को हमेशा राजनीति से अलग रखा लेकिन वह जब शिंदे के साथ नजर आए तो साफ जाहिर हो गया कि ठाकरे परिवार अब बुरी तरह बंट चुका है. (पीटीआई)