अगर कोई धुन काफी अलग है और सुरीली भी है तो उसे आसानी से याद रखा जा सकता है
आपने खुद को या अपने साथ काम करने वाले या फिर घर के किसी सदस्य को एक ही गाना (Song) बार-बार गाते या गुनगुनाते हुए सुना होगा। कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। कई बार इंसान एक गाना सुनता है और दिनभर वही गुनगुनाता रहता है। ऐसे गाना जो इंसान (Person) की जुबान पर अटक जाता है, उसे ईयरवॉर्म्स कहते हैं।
इंसान एक ही गाना बार-बार क्यों गाता है, इस पर वैज्ञानिकों (Scientists) ने रिसर्च की। अमेरिकन साइकोलॉजी एसोसिएशन के जर्नल में पब्लिश रिसर्च (Published Research) कहती है कि अगर कोई धुन काफी अलग है और सुरीली भी है तो उसे आसानी से याद रखा जा सकता है।
इस वजह से बार-बार गुनगुनाते हैं गाना
वैज्ञानिक कहते हैं कि सुरीला और अलग तरह की धुन वाले गाने दिमाग में ठीक वैसे ही अटक जाते हैं, जैसे कम्प्यूटर (Computer) बिना कमांड के कोई प्रोग्राम बार-बार खोल देता है। ऐसा होने पर दिमाग एक ही संगीत की कल्पना बार-बार करता रहता है। ऐसा क्यों होता है, अब इसकी वजह जान लेते हैं। रिसर्च कहती है कि इसके लिए दिमाग का ऑडिटरी कॉर्टेक्स (Auditory Cortex) वाला हिस्सा जिम्मेदार होता है।
ऑडिटरी कॉर्टेक्स इंसान के दिमाग का वो हिस्सा है जो किसी बात को सुनने के बाद एक अलग तरह से व्यवहार के रूप में रिएक्ट (React) करता है। आसान भाषा में समझें तो दिमाग का यह हिस्सा किसी गाने को सुनने के बाद उसे बार-बार सुने जाने की कल्पना करता है। इसी कल्पना के कारण इंसान की जुबान पर वही गाना बार-बार आता है और दिनभर वो गुनगुनाता रहता है।
वैज्ञानिक इसे कहते हैं दिमागी खुजली
इस बात को समझने के लिए अमेरिका की डार्टमाउथ यूनिवर्सिटी (Dartmouth University) के वैज्ञानिकों ने रिसर्च की। रिसर्च के दौरान लोगों को ऐसा गाना सुनाया गया, जिसे वो पहले भी कभी सुन चुके थे। प्रयोग के दौरान सामने आया कि गाना बंद होने के बाद भी ऑडिटरी कॉर्टेक्स वाला हिस्सा सक्रिय हो गया नतीजा, वही गाना इंसानों में कई बार दोहराया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों के बार-बार ऐसा करने को दिमागी खुजली कहते हैं। अगली बार जब भी आपको कोई गाना पसंद आए और आप दिनभर उसे गाएं तो एक बात जरूरी गौर कीजिएगा कि वो गाना आपको क्यों इतना अच्छा लग रहा है। शायद आपका जवाब वही हो जो रिसर्च में वैज्ञानिकों ने बताया हैं।