हार्दिक पंड्या ने क्यों कहा परिवार उनकी सबसे बड़ी ताकत? बताई चोटों से उबरने की पूरी कहानी

हार्दिक पंड्या टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हैं और चोट से उबरने के बाद लय हासिल कर चुके हैं. (Photo- BCCI Twitter Page)

हार्दिक पंड्या टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हैं और चोट से उबरने के बाद लय हासिल कर चुके हैं

नयी दिल्ली. भारत के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) ने कहा है कि जीवन में हर चीज के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने और चोटों से उबरने के दौरान परिवार के सदस्यों से मिले समर्थन से उन्हें T20 वर्ल्ड कप से पहले अपनी सर्वश्रेष्ठ लय हासिल करने में मदद मिली. ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप में अगर भारत को अच्छा प्रदर्शन करना है तो इसमें ऑलराउंडर हार्दिक की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी. भारत अपने अभियान की शुरुआत रविवार (23 अक्टूबर) को पाकिस्तान के खिलाफ महामुकाबले से करेगा.

29 साल के हार्दिक पंड्या चोटों से उबरने में उनके परिवार की  महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की. हार्दिक ने पिछले 18 महीने में अपनी फिटनेस पर काफी काम किया है. इससे पहले वह चोटिल होने के कारण लंबे समय तक गेंदबाजी नहीं कर पाए थे. वह अब भारत के लिए नियमित रूप से गेंदबाजी कर रहे हैं, जिससे टीम का संतुलन बेहतर हुआ है.

पॉजीटिव नजरिया और बेसिक्स पर ध्यान देने से हुआ सुधार

हार्दिक ने ‘राइज वर्ल्डवाइड’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘जीवन में सभी चीजों को सकारात्मक रूप से लेने और बेसिक्स पर चलने से काफी मदद मिली क्योंकि इससे मेरे जीवन में शांति आई कि हमेशा सकारात्मक पक्ष को देखना है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि अच्छे और बुरे दिन आएंगे, लेकिन कड़ी मेहनत करने से सकारात्मकता आती है, जिससे मेरा मनोबल बढ़ता है और सब कुछ झोंकने का आत्मविश्वास आता है और हमेशा अपने परिवार का समर्थन मिलने से मैं पूरा ध्यान केंद्रित कर पाया और मेरे चारों तरफ सकारात्मकता रही.’’

फिटनेस हासिल करने के बाद हार्दिक ने गुजरात को जिताया IPL खिताब

पूर्ण फिटनेस हासिल करने के बाद से हार्दिक के लिए यह साल काफी सफल रहा है. इंडियन प्रीमियर लीग में उनकी अगुआई में गजरात टाइटंस ने खिताब जीता और इसके बाद वह टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत के दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज रहे जबकि गेंदबाजी में भी प्रभावित किया. हार्दिक ने पिछले एक साल के समय में अच्छे प्रदर्शन का श्रेय अपने परिवार को भी दिया.

परिवार ने मुझे चीजों के प्रति सकारात्मक बनाए रखने में मदद की

उन्होंने कहा, ‘‘इस बार अंतर यह था कि मेरे परिवार ने बड़ी भूमिका निभाई क्योंकि उन्होंने मुझे वही रहने दिया जो मैं हूं. श्रेय नताशा, अगस्त्य और कृणाल को जाता है- उन्होंने मुझे मेरी दिनचर्या बरकरार रखने दी और सुनिश्चित किया कि मुझे सिर्फ अपने ऊपर ध्यान देना है और खुद को प्राथमिकता देनी है.’’

हार्दिक ने कहा, ‘‘और इसके कारण काफी चीजें समझने में सफल रहा जो पिछले कुछ वर्षों में मैं खेलने के दौरान भूल गया था क्योंकि कुछ चीजें होती हैं जो आप लिखते नहीं हैं, वो बस हो जाती हैं.’’