जब हाथों की उंगलियों की बात आती है तो आप किसी को भी बिना काम की या निर्थक नहीं कह सकते. रोजमर्रा के हर काम को करने में प्रत्येक उंगली का महत्व होता है. इसके बावजूद आपने हाथों की उंगलियों में एक असमानता देखी होगी जो काफी चौंकाने वाली है. वो ये कि अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर को छोड़कर बाकी सभी उंगलियों (Why it is hard to move ring finger) को आसानी से उठाया जा सकता है. तो फिर इस उंगली (why ring finger movement is hard) में ऐसी क्या कमी है जो ये इतनी कमजोर है?
इंसानी शरीर बड़ा ही विचित्र होता है, इसमें कई ऐसी चीजें होती हैं जो हमारे पूरे शरीर को चलाने का काम करती हैं मगर उसके बारे में जानकर आप हैरान हो सकते हैं. ऐसा ही कुछ हमारी रिंग फिंगर (Why ring finger is so weak) के साथ भी है. अकेले उठाए जाने पर अनामिका उंगली में जोर नहीं लगता और वो ऊपर नहीं उठ पाती मगर बाकी उंगलियों के साथ उठाने पर वो उठ जाती है. इसके पीछे हमारे हाथों में मौजूद मांसपेशियां कारण है.
अंगूठा है सबसे लचीली उंगली
इंडियाटाम्स वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार अंगूठा सबसे लचीली उंगली होती है. उसका कारण ये होता है कि इसमें अलग से मांसपेशियां होती हैं जो इसको स्वतंत्र रूप से चलाने में मदद करती हैं. अंगूठों के नीचे यानी उसके बेस में कई मांसपेशियां हैं उसके मूवमेंट को आसान करने में मदद करती है. इसके अलावा हाथों के पिछले हिस्से में भी मांसपेशियां होती हैं जो उसे मुड़ी हुई पोजीशन से सीधा करने में मदद करती है. इसके अलावा सबसे छोटी उंगली यानी कनिष्ठा उंगली के पास भी कुछ तरह के मूवमेंट के लिए स्वतंत्र मांसपेशियां होती हैं जबकि कई प्रकार के मूवमेंट के लिए उसे आगे की 3 उंगलियों पर निर्भर रहना पड़ता है.
इस वजह से रिंग फिंगर को अकेले उठाना है मुश्किल
हाथों चार उंगलियों का मूवमेंट हाथों में मौजूद दो मसल्स करती हैं जिसे लॉन्ग फ्लेक्सर्स कहते हैं. मगर सबसे पहली उंगली, यानी तर्जनी के साथ एक टेंडन भी जुड़ा होता है जो हड्डी और मसल्स को जोड़ता है. इस तरह हाथों की तीन उंगलियां यानी अंगूठा, तर्जनी और कनिष्ठा का मूवमेंट आसान हो जाता है. मगर अब बात करते हैं रिंग फिंगर का क्यों मुश्किल होता है. इसका सीधा सा जवाब ये है कि रिंग फिंगर के पास कोई अलग या स्वतंत्र मांसपेशियां नहीं होतीं जो उसे उठा सकें. इसी वजह से जब मुट्ठी बंद होती है तो अनामिका उंगली को अकेले उठाने में हाथों पर जोर पड़ता है और कनिष्ठा के साथ-साथ मध्यमा उंगली भी उठने लगती है. सबसे छोटी उंगली और रिंग फिंगर की नसें एक दूसरे में उलझी रहती हैं, इस वजह से एक को उठाने की कोशिश में दूसारी भी उठने लगती है.