डायरी में महत्वपूर्ण बातों को लिखना एक अच्छी आदत मानी जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्षों से ऐसा करते रहे हैं। सोशल मीडिया पर सामने आया उनकी डायरी का एक पन्ना सबका ध्यान खींच रहा है। डायरी में उन्होंने संस्कृत के कुछ सूक्त वाक्यों को लिखा है जिसे आज भी अपने भाषणों में इस्तेमाल करते हैं।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चीज बाकी नेताओं से उन्हें अलग बनाती है। वो है- उनकी सतर्क निगाह। हर छोटी-बड़ी चीज को बारीकी से देखना। सिर्फ देखना ही नहीं, महत्वपूर्ण बातों को नोट करना। यही बात मोदी को नरेंद्र मोदी बताती है। यह समझना है तो उनकी पुरानी डायरी के इस पन्ने को पढ़ लीजिए। डायरी तब लिखी गई है जब वह न तो प्रधानमंत्री थे और न ही मुख्यमंत्री। बीजेपी के एक साधारण कार्यकर्ता थे। उन्होंने डायरी में भारत के गौरवशाली दर्शन, परंपरा, विश्व बंधुत्व और विश्व कल्याण की भावना को बयां करते संस्कृत के सूक्त वाक्यों को लिखा है। खास बात ये है कि डायरी में लिखी बातों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भी अक्सर अपने भाषणों में दोहराते हैं।
डायरी में लिखा है- हमारी चेतना है, हमारी प्रकृति है- विविधता में एकता।
कार्य संस्कृति- त्येन त्यक्तेन भूंजिथा: (यानी त्याग पुरस्कृत होता है, फलदायी होता है)
कार्यशैली- सहनाववतु। सह नौ भुनक्तु। (यानी ईश्वर हम सभी की रक्षा करें। हम सभी का एकसाथ पालन करें।)
राष्ट्रीय आकांक्षा- राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम। (यानी मैं अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा में समर्पित करता हूं, यह मेरा नहीं है।)
Global Vision- वसुधैव कुटुंबकम् (यानी पूरा विश्व, पूरी धरती हमारा परिवार है।)
परंपरा है- चरैवेति चरैवेति
यानी चलते रहना, लगातार चलते रहना, नए विचारों के लिए तैयार होकर चलते रहना।
सपना है- सर्वे अपि सुखिनः सन्तु
इसका अर्थ है कि हमारा सपना है कि पूरी दुनिया सुखी रहे।
मर्यादा है- न कामये राज्यम, न स्वर्गम्, ना पुनर्भवम्ः
इसका अर्थ है कि मेरी न किसी राज्य के राजा बनने की कामना है और न ही स्वर्ग की कामना है। और ना ही पुनर्जन्म की कामना है।
ऊर्जा है- वंदे मातरम् (यानी मातृभूमि का वंदन)
प्राण शक्ति है- सौ करोड़ देशवासी और हजारों वर्ष की धरोहर
दरअसल, ‘मोदी आर्काइव’ नाम के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से डायरी के इस पुराने पन्ने को पिछले महीने शेयर किया गया था। इस हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीरों, चिट्ठियों, पुराने वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ-साथ उनसे जुड़े अखबारों की पुरानी कतरने शेयर की जाती हैं। इस हैंडल से डायरी का जो पुरानी पन्ना शेयर किया गया है, वह ठीक-ठीक किस तारीख का है ये नहीं बताया गया है।
डायरी में नरेंद्र मोदी ने एक जगह भारत की 100 करोड़ आबादी का जिक्र किया है। इससे संकेत मिलता है कि उन्होंने ये बातें 1990 के दशक के आखिर या 2000 के दशक की शुरुआत में लिखी थी। इसकी वजह ये है कि 2001 की जनगणना में भारत की आबादी पहली बार 100 करोड़ को पार की थी। हालांकि, उस जनगणना के प्रकाशित होने से पहले ही इसके अनुमान लगाए जा रहे थे कि देश की आबादी 100 करोड़ के करीब पहुंच चुकी है। नरेंद्र मोदी अक्टूबर 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। यानी डायरी की ये एंट्री 1990 के दशक से लेकर अक्टूबर 2001 के बीच की है।