एक ‘भारतीय’ के पीएम बनने पर पाकिस्‍तान को क्‍यों हो रही है जलन, अचानक सुनक को क्‍यों बताने लगे पाकिस्‍तानी

भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) अब ब्रिटेन (Britain) के प्रधानमंत्री हैं। सोमवार को जब भारत में दिवाली का उत्‍सव मनाया जा रहा था तो उसी समय सुनक की ताजपोशी की खबर आई। सुनक के पीएम बनते ही भारत-पाकिस्‍तान (India Pakistan) के बीच बंटवारे का वह इतिहास भी अब सामने आने लगा है।

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लंदन: भारतीय मूल के ऋषि सुनक अब दुनिया की एक महाशक्ति के प्रधानमंत्री हैं। वह अगले दो साल तक ब्रिटेन पर राज करेंगे और देश की अर्थव्‍यवस्‍था को ठीक करने की कोशिशें करेंगे। सुनक के प्रधानमंत्री बनते ही पाकिस्‍तान में भी जश्‍न मनाया जाने लगा। सोशल मीडिया पर लोग सुनक का पाकिस्‍तान का बताने लगे। सुनक का पीएम बनने निश्चित तौर पर एतिहासिक है। उनके पीएम बनने के साथ ही भारत- पाकिस्‍तान के बीच 75 साल पहले हुए बंटवारे का दर्द और दोनों देशों का इतिहास भी खबरों में आ गया है। ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले गैर श्वेत प्रधानमंत्री है। इस पद पर आते ही भारत और पाकिस्तान एक गौरव साझा करने के लिए इतिहास के शिखर पर हैं। हालांकि उनमें से किसी ने भी इसमें भूमिका नहीं निभाई।

दोनों देशों से है सुनक का नाता
सुनक के दादा-दादी ब्रिटिश शासन वाले भारत में पैदा हुए थे लेकिन बंटवारे के बाद उनका जन्मस्थान गुजरांवाला आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चला गया। इस प्रकार, एक अजीब तरीके से नए ब्रिटिश नेता एक भारतीय और एक पाकिस्तानी दोनों है। अब तक, उनके वंश के बारे में बहुत कम विवरण सिर्फ सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
ब्रिटेन में कड़वी राजनीतिक तकरार के बीच भारतीय और पाकिस्तानी दोनों ही उनके सत्ता में आने के बारे में अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। पाकिस्‍तान का शहर गुंजरावला देश का सांतवा सबसे ज्‍यादा आबादी वाला शहर है। 18वीं सदी में इसकी स्‍थापना हुई थी और यहीं पर सिख साम्राज्‍य के महाराजा रणजीत सिंह का जन्‍म हुआ था। बंटवारे के बाद यह उन शहरों में एक था, जहां जमकर हिंसा हुई थीं।
दादा थे गुंजरावाला के

ऋषि सुनक पंजाबी खत्री परिवार से आते हैं। ऋषि के दादा रामदास सुनक, गुंजरावाला में रहते थे जो बंटवारे के बाद पाकिस्‍तान में चला गया था। रामदास ने सन् 1935 में गुंजरावाला छोड़ा और वो क्‍लर्क की नौकरी करने के लिए नैरोबी आ गए। ऋषि की बायोग्राफी लिखने वाले माइकल एशक्रॉफ्ट ने बताया है कि रामदास सुनक हिंदू-मुसलमान के बीच खराब होते रिश्‍तों की वजह से नैरोबी गए थे। रामदास की पत्‍नी सुहाग रानी सुनक, गुंजरावाला से दिल्‍ली आ गई थीं और उनके साथ उनकी सास भी थी। इसके बाद वो सन् 1937 में केन्‍या चली गईं।

सुनक पर दावा करे पाकिस्‍तान
हालांकि पाकिस्तान में सुनक (42) के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने सरकार को उन पर अपना दावा करने का सुझाव दिया है। शफत शाह ने ट्वीट किया, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान को भी ऋषि सुनक पर दावा करना चाहिए क्योंकि उनके दादा-दादी गुजरांवाला से थे, जो वहां से केन्या और फिर ब्रिटेन चले गए।

ग्रैंड फिनाले नामक ट्विटर हैंडल वाले किसी व्यक्ति ने लिखा, ‘वाह…क्या जबरदस्त उपलब्धि है। एक पाकिस्तानी अब ब्रिटेन में सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाला है। विश्वास हो तो कुछ भी संभव है।’
अन्य लोगों ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान और भारत दोनों को नए ब्रिटिश नेता पर गर्व होना चाहिए। याकूब बंगाशी ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका में इस उम्मीद के साथ बिस्तर पर जा रहा हूं कि गुजरांवाला का पंजाबी सुबह ब्रिटेन का प्रधानमंत्री होगा। पाकिस्तान और भारत दोनों को इस पल पर संयुक्त रूप से गर्व होना चाहिए।’

कोहिनूर लाया जाये वापस

जुल्फिकार जट्ट (35) ने कहा कि ऐसी भी आशंकाएं हैं कि दोनों देश इस दावे की होड़ में उतर सकते हैं कि सुनक उनकी जमीन का बेटा है। जट्ट ने कहा, ‘चूंकि गुजरांवाला पाकिस्तान में है, इसलिए जो 100 साल पहले इस शहर का था, वह आज पाकिस्तानी है।’ अख्तर सलीम जैसे अन्य लोग चाहते हैं कि सुनक कोहिनूर हीरे के बहुप्रतीक्षित मुद्दे को संबोधित करें। सलीम ने कहा, ‘चूंकि वह प्रधानमंत्री बनने वाले हैं, मुझे लगता है कि पाकिस्तान को उनसे कोहिनूर हीरा लौटाने के लिए कहना चाहिए जो लाहौर से चुराया गया था।’