अमूमन ऐसा ही होता है जब भी किसी का निधन होता है तो उसके शव को ज्यादा देर घर पर नहीं रखा जाता। मतलब अंतिम संस्कार में ज्यादा देर नहीं की जाती है। गाहे-बगाहे कोई ऐसा कारण ना हो कि कोई पारिवारिक सदस्य घर से दूर है, उस स्थिति में ही अंतिम संस्कार (Funeral)के लिए एक तय समय तक ही इंतजार किया जाता है। निधन के बाद अंतिम संस्कार तुरंत क्यों किया जाता है,इ सके पीछे की वजह हम आपको आज बताएंगे।
कहते हैं कि जो भी इंसान इस धरती पर प्राण लेकर आया है, उसको एक दिन इस संसार को छोड़कर जाना कटु सत्य है, जो जन्म लिया है उसकी मृत्यु होना भी निश्चित है। जन्म के समय में ही उसकी मृत्यु का भी समय तय हो जाता है इसलिए हिंदू धर्म में किसी इंसान के मौत के बाद अंतिम संस्कार (Cremation after Death) की परंपरा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। हम देखते हैं कि यदि किसी के घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो लोग सब काम छोड़ के सबसे पहले उस मृत शरीर को अंतिम संस्कार करने के लिए लेकर जाते हैं। हर कोई यही कहता है कि किसी भी परिस्थिति में यह काम जल्दी से जल्दी हो जाए।
गुरुड़ पुराण (Gurud Purana) में लिखा है कि जब भी किसी के घर में मृत्यु हो जाती है तो जब तक घर में शव पड़ा रहता है उस वक्त तक गांव में व मौत वाले घर में पूजा नहीं कर सकते है। इस दौरान कोई खाना भी नहीं खा सकता है। इस दौरान चूल्हा जलाना निषेध माना गया है। इसलिए कहते हैं कि अंतिम संस्कार जल्दी से जल्दी ही करना होता है। इसमें ये भी कहा गया है कि वातावरण को भी शुद्ध करना होता है।