वर्ल्ड पेस्ट डे जिसे हिंदी में विश्व कीट दिवस या विश्व कीट जागरूकता दिवस के नाम से भी जाना जाता है. विश्व कीट दिवस हर साल 6 जून को मनाया जाता है. इस दिन को ना सिर्फ लोगों बल्कि पेड़-पौधों के जीवन की गुणवत्ता (Quality) को बनाए रखने के लिए कीट मैनेजमेंट (Pest Management) और इससे होने वाले लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित किया गया है.
इस दिन आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम के आयोजन में दुनियाभर के विशेषज्ञ इससे जुड़े अपने-अपने विचार साझा करते हैं. इसके लिए वे दुनिया के कोने-कोने से इसमे शामिल होने आते हैं.
विश्व कीट दिवस का इतिहास
विश्व कीट दिवस सबसे पहले बीजिंग में 6 जून 2017 को मनाया गया था. चीनी कीट नियंत्रण संघ इस दिन के अग्रदूत थे. इसको एशियाई और ओशिनिया कीट प्रबंधक संघ, राष्ट्रीय कीट प्रबंधन संघ और यूरोपीय कीट प्रबंधन संघों के परिसंघ द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था.
कीट इंसान और उनके खाद्य पदार्थ या फिर उनके रहन-सहन को हानिकारक रूप से प्रभावित करता है. कीट कई प्रकार के होते हैं. ये फसलों और मनुष्य दोनों के लिए ही खतरनाक साबित होते हैं. यहां तक की कुछ कीट तो पशुओं, कपड़ों और इमारत तक को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
कीट जो हानिकारक हैं
- फसलों को कैटरपिलर और टिड्डे हानि पहुंचाते हैं.
- रखे हुए खाद्य पदार्थ जैसे अनाज, बिस्किट व अन्य खाद्य सामग्री को चूहे नुकसान पहुंचाते हैं.
- सिल्वर फिश कपड़ों में छेद कर देती है.
- दीमक इमारती लकड़ियों को नुकसान पहुंचाती है.
कीट दिवस का मुख्य उद्देश्य
दुनिया भर में विश्व कीट दिवस 6 जून को मनाया जाता है. विश्व कीट दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य और कीट पतंगों से होने वाली बीमारी व रोगों के प्रति जागरूक करना है.
विश्व कीट दिवस का महत्व
भारतवासियों के लिए कीट दिवस इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे देश में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां बहुत जल्दी फैलती है.