MHA ने क्‍यों रद्द किया राजीव गांधी फाउंडेशन का FCRA लाइसेंस? आगे क्‍या होगा, हर एक बात समझ‍िए

Rajiv Gandhi Foundation News: गृह मंत्रालय (MHA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है। भारत में NGOs की विदेशी फंडिंग से जुड़े नियम-कानून जानिए।

केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से जुड़े गैर-सरकारी संगठन (NGO) राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) पर ऐक्‍शन लिया है। RGF को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2010 के तहत मिला सर्टिफिकेट रद्द कर दिया गया है। अब राजीव गांधी फाउंडेशन को विदेश से किसी तरह की फंडिंग नहीं हो पाएगी। अधिकारियों के मुताबिक, कानून के कथित उल्‍लंघन पर अमित शाह के अधीन गृह मंत्रालय (MHA) ने यह कार्रवाई की है। MHA ने 2020 में अंतर-मंत्रालयी समिति बनाई थी। इसी समिति की जांच के बाद RGF का FCRA लाइसेंस रद्द करने का फैसला हुआ। पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी RGF की चेयरपर्सन हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन के ट्रस्‍टीज में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम शामिल हैं।

FCRA क्‍या है? विदेशी चंदा पाने के नियम क्‍या हैं?

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FCRA रजिस्‍ट्रेशन कब रद्द होता है?

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FCRA रजिस्‍ट्रेशन रद्द या सस्‍पेंड होने पर क्‍या होता है?

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FCRA के मुताबिक, सर्टिफिकेट कैंसिलेशलन का ऑर्डर तब तक जारी नहीं किया जा सकता, जब तक संबंधित व्‍यक्ति या NGO को पर्याप्‍त सुनवाई का मौका नहीं दिया गया हो। एक बार NGO का रजिस्‍ट्रेशन रद्द हुआ तो अगले तीन साल तक फिर से रजिस्‍ट्रेशन नहीं करा सकते।

RGF को चीन से फंडिंग के भी लगे आरोप

राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) का क्‍या मामला है?

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क्‍या है राजीव गांधी फाउंडेशन?

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर 1991 में RGF बनाया गया। सोनिया गांधी इसकी चेयरपर्सन हैं। इसके बोर्ड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हैं। RGF की वेबसाइट के अनुसार, यह फाउंडेशन ‘स्‍वास्‍थ्‍य, साक्षरता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिला एंव बाल कल्‍याण जैसे गंभीर मुद्दों पर’ काम कर चुका है।

रजिस्‍ट्रेशन कैंसिल होने के पीछे क्‍या वजह हो सकती है?

बीजेपी ने अगस्‍त 2020 में राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग को लेकर सनसनीखेज दावे किए थे। आरोप था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को PNB घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी की कंपनियों से डोनेशन मिलता रहा। बीजेपी ने कहा था कि RGF को जाकिर नाईक, यस बैंक के राणा कपूर और जिग्‍नेश शाह से भी डोनेशन मिला। उसी के बाद गृह मंत्रालय ने जांच शुरू की। पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट) की जांच चल ही रही थी।

पहले भी राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी सरकार से मदद मिलने पर विवाद हो चुका है। फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार और चीनी दूतावास से दो अलग-अलग दानकतार्ओं से दान मिला। चीनी दूतावास को सामान्य दाताओं की सूची में रखा गया है। दो साल पहले

RGF का रजिस्‍ट्रेशन कैंसिल, आगे क्‍या होगा?

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केंद्र सरकार की ओर से अगस्‍त में जारी अधिसूचना के मुताबिक, गृह मंत्रालय के पंजीकरण निलंबन या रद्द करने के आदेश से संतुष्ट नहीं होने पर NGO ऑनलाइन समीक्षा याचिका दायर कर सकता है। आदेश की सूचना दिए जाने की तारीख से एक साल के भीतर संशोधन आवेदन दायर किया जा सकता है। अपने संशोधन आवेदन में, एनजीओ को यह उल्लेख करना होगा कि वह संशोधन की मांग क्यों कर रहा है और इससे संबंधित यदि कोई दस्तावेज है, तो वे भी सौंपे जा सकते हैं। इसके लिए तीन हजार रुपये का शुल्क देना होगा। पहले यह शुल्क 1,000 रुपये था और डिमांड ड्राफ्ट या चेक के जरिए दिया जाता था। हाई कोर्ट जाने का विकल्‍प भी खुला है।